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कॉमेडियन कुणाल कामरा को सुप्रीम कोर्ट से राहत, चार हफ्ते के लिए टली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन कुणाल कामरा के विवादित ट्वीट मामले में अवमानना की कार्यवाही को चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया है. बता दें कि अटॉर्नी जनरल ने पिछले साल 2020 में अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए अपनी सहमति दी थी.

कुणाल कामरा
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Published : Feb 22, 2021, 3:57 PM IST

दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट से कॉमेडियन कुणाल कामरा को फिलहाल के लिए राहत मिल गई है. कोर्ट ने कामरा के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​कार्रवाई की मांग करने वाली तीन याचिकाओं पर सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है.

याचिका पर कुणाल कामरा द्वारा पेश किए गए जवाबी हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए एक याचिकाकर्ता ने समय की मांग की थी, जिसके अनुरोध के आधार पर ये सुनवाई टाली. बेंच ने इसके लिए चार सप्ताह का समय देते हुए केस को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है.

पढ़ें : भीमा कोरेगांव केस: बॉम्बे हाईकोर्ट ने इन शर्तों पर दी राव को जमानत

पिछले साल 2020 में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए अपनी सहमति दी थी, जिसके बाद अभ्युदय मिश्रा, स्कंद बाजपेयी और श्रीरंग कातनेश्वरकर द्वारा दायर याचिकाओं पर विचार किया गया.

बता दें कि पिछले साल 12 नवंबर को कुणाल कामरा ने रिपब्लिक टीवी एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की जमानत याचिका पर सुनवाई करने और पत्रकार को जमानत देने के लिए सर्वोच्च अदालत की आलोचना करते हुए कई ट्वीट्स पोस्ट किए थे.

पढ़ें : नेशनल हेराल्ड केस: सोनिया और राहुल गांधी से हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

ट्वीट के जवाब में एजी को पत्र लिखकर उनके खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी, जिस पर एजी ने सहमति दी थी.

दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट से कॉमेडियन कुणाल कामरा को फिलहाल के लिए राहत मिल गई है. कोर्ट ने कामरा के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​कार्रवाई की मांग करने वाली तीन याचिकाओं पर सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी है.

याचिका पर कुणाल कामरा द्वारा पेश किए गए जवाबी हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए एक याचिकाकर्ता ने समय की मांग की थी, जिसके अनुरोध के आधार पर ये सुनवाई टाली. बेंच ने इसके लिए चार सप्ताह का समय देते हुए केस को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है.

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पिछले साल 2020 में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए अपनी सहमति दी थी, जिसके बाद अभ्युदय मिश्रा, स्कंद बाजपेयी और श्रीरंग कातनेश्वरकर द्वारा दायर याचिकाओं पर विचार किया गया.

बता दें कि पिछले साल 12 नवंबर को कुणाल कामरा ने रिपब्लिक टीवी एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की जमानत याचिका पर सुनवाई करने और पत्रकार को जमानत देने के लिए सर्वोच्च अदालत की आलोचना करते हुए कई ट्वीट्स पोस्ट किए थे.

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ट्वीट के जवाब में एजी को पत्र लिखकर उनके खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई थी, जिस पर एजी ने सहमति दी थी.

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