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पुरोला महापंचायत के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार, हाईकोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता

उत्तरकाशी के पुरोला में 15 जून को प्रस्तावित महापंचायत को रोकने की मांग को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और लेखक अशोक वाजपेयी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाने की सलाह दी है, जिसके बाद याचिकाकर्ता हाईकोर्ट पहुंचे हैं.

Suprime Court
सुप्रीम कोर्ट समाचार
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Published : Jun 14, 2023, 1:10 PM IST

Updated : Jun 14, 2023, 1:47 PM IST

नई दिल्ली/देहरादून: पुरोला में 15 जून को होने वाली महापंचायत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए एक पक्ष की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को लेकर तल्ख टिप्पणी भी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून व्यवस्था प्रदेश सरकार का मामला है. अगर आपको कोर्ट जाना ही है, तो हाईकोर्ट जाइए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आपको राज्य सरकार और प्रशासन पर भरोसा क्यों नहीं है.

  • #UPDATE | Following the Supreme Court's refusal to consider the petition to stop the 'Mahapanchayat' in Purola of Uttarkashi district amid communal tension, the petitioner now has moved to Uttarakhand High Court https://t.co/pbS9x6dMfQ

    — ANI (@ANI) June 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

महापंचायत के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार: उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के पुरोला में 15 जून को तथाकथित तौर से बुलाई गई महापंचायत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए तल्ख टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कानून व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है और आपको इस मामले पर हाईकोर्ट जाना चाहिए. कोर्ट ने यह भी पूछा कि आपको प्रशासन पर भरोसा क्यों नहीं है? आपको क्यों लगता है कि प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मामले को हाइकोर्ट ले जाने की सलाह दी. इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका को सुप्रीम कोर्ट से वापस ले लिया है.
ये भी पढ़ें: पुरोला में आज से 6 दिन के लिए धारा 144 लागू, लव जिहाद के खिलाफ 15 जून को है महापंचायत, सीएम ने की शांति की अपील

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को दिया ये तर्क: आपको बता दें की उत्तरकाशी में दो समुदायों के बीच लगातर बढ़ रहे तनाव के बीच 15 जून को पुरोला में हिंदू संगठनों द्वारा एक बड़ी महापंचायत बुलाई गई है. इसे रोकने की मांग को लेकर कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट गये थे. दरअसल यह याचिका दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और लेखक अशोक वाजपेयी ने पत्र याचिका के रूप में भेजी थी. जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदेश में सुरक्षा और शांति व्यवस्था राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी पर खरी नहीं उतरती है और इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है तो इस मामले को हाइकोर्ट ले कर जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें: पुरोला महापंचायत पर रोक लगाने के लिए SC में याचिका दायर, जमीयत उलमा-ए-हिंद ने गृह मंत्री को भी लिखा पत्र

सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बाद हाईकोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता: उत्तरकाशी जिले के पुरोला में सांप्रदायिक तनाव के बीच 'महापंचायत' रोकने की याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बाद अब याचिकाकर्ता ने उत्तराखंड हाईकोर्ट का रुख किया है.

नई दिल्ली/देहरादून: पुरोला में 15 जून को होने वाली महापंचायत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए एक पक्ष की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को लेकर तल्ख टिप्पणी भी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून व्यवस्था प्रदेश सरकार का मामला है. अगर आपको कोर्ट जाना ही है, तो हाईकोर्ट जाइए. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आपको राज्य सरकार और प्रशासन पर भरोसा क्यों नहीं है.

  • #UPDATE | Following the Supreme Court's refusal to consider the petition to stop the 'Mahapanchayat' in Purola of Uttarkashi district amid communal tension, the petitioner now has moved to Uttarakhand High Court https://t.co/pbS9x6dMfQ

    — ANI (@ANI) June 14, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

महापंचायत के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार: उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के पुरोला में 15 जून को तथाकथित तौर से बुलाई गई महापंचायत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार करते हुए तल्ख टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कानून व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है और आपको इस मामले पर हाईकोर्ट जाना चाहिए. कोर्ट ने यह भी पूछा कि आपको प्रशासन पर भरोसा क्यों नहीं है? आपको क्यों लगता है कि प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मामले को हाइकोर्ट ले जाने की सलाह दी. इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका को सुप्रीम कोर्ट से वापस ले लिया है.
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सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को दिया ये तर्क: आपको बता दें की उत्तरकाशी में दो समुदायों के बीच लगातर बढ़ रहे तनाव के बीच 15 जून को पुरोला में हिंदू संगठनों द्वारा एक बड़ी महापंचायत बुलाई गई है. इसे रोकने की मांग को लेकर कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट गये थे. दरअसल यह याचिका दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और लेखक अशोक वाजपेयी ने पत्र याचिका के रूप में भेजी थी. जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रदेश में सुरक्षा और शांति व्यवस्था राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी पर खरी नहीं उतरती है और इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है तो इस मामले को हाइकोर्ट ले कर जाना चाहिए.
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सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बाद हाईकोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता: उत्तरकाशी जिले के पुरोला में सांप्रदायिक तनाव के बीच 'महापंचायत' रोकने की याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बाद अब याचिकाकर्ता ने उत्तराखंड हाईकोर्ट का रुख किया है.

Last Updated : Jun 14, 2023, 1:47 PM IST
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