नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केरल सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (Adani Enterprises Limited) को तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालन, प्रबंधन और विकास की अनुमति देने के भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (AAI) के फैसले को केरल हाईकोर्ट के सुरक्षित रखने के फैसले को चुनौती दी गई थी. मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी ने कहा कि इस स्तर पर उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि एक निजी संस्था पिछले साल अक्टूबर से हवाई अड्डे के संचालन का प्रबंधन कर रही है.
पीठ ने हवाईअड्डा प्राधिकरण कर्मचारी संघ (एएईयू) और अन्य द्वारा हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से भी इनकार कर दिया. याचिकाओं को खारिज करते हुए, पीठ ने कहा, "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि निजी संस्था अक्टूबर 2021 से काम कर रही है, हमें हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता है."
हालांकि, शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि जिस जमीन पर हवाईअड्डा स्थित है, उसके स्वामित्व के संबंध में सवाल खुला रहेगा. वरिष्ठ अधिवक्ता सी.यू. सिंह ने पीठ के समक्ष दलील दी कि जिस जमीन पर हवाईअड्डा स्थित है वह राज्य सरकार की है और राज्य को अधिमान्य अधिकार मिलना चाहिए. यह भी आरोप लगाया कि आरएफपी अडानी समूह के अनुरूप बनाया गया था. हालांकि, पीठ ने कहा कि राज्य सरकार ने आरएफपी शर्तों को चुनौती नहीं दी, बल्कि बोली में भाग लिया.