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सुप्रीम कोर्ट ने केरल के छात्र थाहा फजल की जमानत याचिका पर एनआईए से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) से जुड़े एक मामले में केरल के छात्र थाहा फजल की याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को नोटिस जारी किया है. जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने एनआईए को तीन सप्ताह के भीतर मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Apr 10, 2021, 5:56 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) से जुड़े एक मामले में केरल के छात्र थाहा फजल की याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को नोटिस जारी किया है. पत्रकारिता के छात्र फजल ने केरल हाई कोर्ट द्वारा जमानत रद्द करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने एनआईए को तीन सप्ताह के भीतर मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है.

अदालत ने कहा कि मामले में विस्तृत सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि एक आरोपी अल्लाह शुएब की जमानत को उच्च न्यायालय ने रद्द नहीं किया था, लेकिन फजल की जमानत रद्द कर दी गई थी. एनआईए ने अदालत को बताया कि शुएब की जमानत केवल चिकित्सा आधार पर रद्द नहीं की गई है.

पढ़ें : एनआईए ने जम्मू एयरपोर्ट पर आतंकी नवीद को किया गिरफ्तार

थाहा फजल और शुएब (कानून के छात्र) को माओवादियों के साथ कथित संबंध को लेकर NIA ने 2 नवंबर, 2019 को यूएपीए के तहत कोझिकोड से गिरफ्तार किया था. दोनों छात्र कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के ब्रांच कमेटी के सदस्य भी हैं. फजल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वकील वी गिरी ने कहा कि वह नवंबर 2019 से कस्टडी में है और पिछले साल सितंबर में उसे जमानत मिली थी. हालांकि, केरल हाई कोर्ट ने बाद में फजल की जमानत रद्द कर दी थी और उसे इस साल जनवरी में सरेंडर करने पर मजबूर होना पड़ा.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA) से जुड़े एक मामले में केरल के छात्र थाहा फजल की याचिका पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को नोटिस जारी किया है. पत्रकारिता के छात्र फजल ने केरल हाई कोर्ट द्वारा जमानत रद्द करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जस्टिस नवीन सिन्हा और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने एनआईए को तीन सप्ताह के भीतर मामले में जवाब दाखिल करने को कहा है.

अदालत ने कहा कि मामले में विस्तृत सुनवाई की जरूरत है, क्योंकि एक आरोपी अल्लाह शुएब की जमानत को उच्च न्यायालय ने रद्द नहीं किया था, लेकिन फजल की जमानत रद्द कर दी गई थी. एनआईए ने अदालत को बताया कि शुएब की जमानत केवल चिकित्सा आधार पर रद्द नहीं की गई है.

पढ़ें : एनआईए ने जम्मू एयरपोर्ट पर आतंकी नवीद को किया गिरफ्तार

थाहा फजल और शुएब (कानून के छात्र) को माओवादियों के साथ कथित संबंध को लेकर NIA ने 2 नवंबर, 2019 को यूएपीए के तहत कोझिकोड से गिरफ्तार किया था. दोनों छात्र कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के ब्रांच कमेटी के सदस्य भी हैं. फजल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वकील वी गिरी ने कहा कि वह नवंबर 2019 से कस्टडी में है और पिछले साल सितंबर में उसे जमानत मिली थी. हालांकि, केरल हाई कोर्ट ने बाद में फजल की जमानत रद्द कर दी थी और उसे इस साल जनवरी में सरेंडर करने पर मजबूर होना पड़ा.

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