पटना: पटना एमपी-एमएलए कोर्ट ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे व तमिलनाडु के मंत्री उदय निधि स्टालिन को 13 फरवरी को कोर्ट में सशरीर हाजिर होने को लेकर समन जारी किया है. बता दें कि 2 सितंबर 2023 को तमिलनाडु के युवा विभाग के मंत्री उदय निधि स्टालिन ने सनातन धर्म के बारे में टिप्पणी की थी, जिस पर काफी बवाल मचा था. उन्होंने सनातन धर्म को डेंगू और मलेरिया बताते हुए उसे खत्म करने की बात कही थी. इसी मामले में उन्हें समन जारी किया गया है.
आईपीसी की पांच धाराओं में समन जारीः पटना हाईकोर्ट के एडवोकेट डॉक्टर कौशलेंद्र नारायण ने 4 सितंबर 2023 को पटना के सीजेएम कोर्ट में उदय निधि स्टालिन के खिलाफ केस दर्ज कराया था. उदय निधि स्टालिन तमिलनाडु में मंत्री हैं, इसलिए इस मामले को एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बाद 6 जनवरी को एमपी एमएलए कोर्ट ने आईपीसी की पांच धाराओं में समन जारी करने का निर्देश दिया था. 153 ए, 295 ए, 298, 500 और 500-4 धारा में मामला एमपी एमएलए कोर्ट ने दर्ज किया है. आज 15 जनवरी को समन जारी कर दिया गया है.
"उदय निधि स्टालिन को 13 फरवरी को पटना एमपी एमएलए कोर्ट में सशरीर पेश होने का निर्देश दिया गया है. एमपी एमएलए कोर्ट की विशेष न्यायाधीश सारिका बहालिया ने निर्देश दिया है. जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है, इसमें 3 से 4 साल तक की सजा हो सकती है."- डॉक्टर कौशलेंद्र नारायण, पटना हाईकोर्ट के एडवोकेट
क्या कहा उदयनिधि स्टालिन नेः तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने एक कार्यक्रम में सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की थी. उन्होंने कहा था कि कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, बल्कि उसे खत्म करना जरूरी होता है. जिस तरह हम डेंगू-मलेरिया का केवल विरोध नहीं कर सकते, उसे खत्म करना भी जरूरी होता है. उसी तरह सनातन धर्म का केवल विरोध ही नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे खत्म भी करना चाहिए.
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