नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स दिल्ली) में कोरोना वैक्सीन लगवाई. पुडुचेरी की सिस्टर पी.निवेदा ने पीएम मोदी को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन टीका लगाई. पीएम मोदी ने इसके जरिए विपक्ष को बड़ा संदेश दिया है.
जानकारों की मानें, तो प्रधानमंत्री के वैक्सीन लगाए जाने के पीछे कई संदेश का भी होना बता रहे हैं, जिसमें कोवैक्सीन आत्मनिर्भर भारत का भी संदेश देता है और साथ-साथ कोरोना की लड़ाई में लोगों को भरोसा भी दिलाता है. मगर साथ ही साथ विपक्ष को जवाब देना भी बताया जा रहा है, क्योंकि इस वैक्सीन को लेकर विपक्ष ने भी कई सवाल उठाए थे.
कोरोना वैक्सीन पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने ईटीवी भारत से कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कोवैक्सीन का डोज लिया है इससे कई चीजें बहुत साफ होती हैं. लोगों को समझना चाहिए कि वर्षों बाद कोई ऐसा नेता आया है जो कार्य करके उदाहरण देता है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के वैक्सीन लेने से लोगों में भरोसा आया है. प्रधानमंत्री ने खुद इस वैक्सीन को लेकर लोगों के सामने उदाहरण पेश किया है. भाजपा प्रवक्ता सुदेश वर्मा ने कहा कि अपने देश के प्रति नेता की एक छवि बनती है कि हमारा नेता ऐसा है जो देश के सामने भरोसा पैदा करने वाला है और साथ ही वह देश के बारे में सोचता है और एक सिस्टम क्रिएट करने वाला नेता है, ताकि इसे सोच कर लोगों को अच्छा लगे.
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन कोरोना के खिलाफ प्रभावशाली
बता दें कि भारत बायोटेक द्वारा 26 प्रतिभागियों पर किए गए अध्ययन के अनुसार कोविड-19 वैक्सीन ब्रिटेन में पाए गए कोरोना के नए वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावशाली है. भारत बायोटेक ने कोरोना वैक्सीन को लेकर अहम जानकारी साझा की थी.
कंपनी के मुताबिक वैक्सीन को लेकर 26 लोगों पर अध्ययन किया गया था, जिसमें पाया गया कि भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई 'कोवैक्सीन' प्रभावी रूप से SARS-CoV-2 के ब्रिटेन वेरियंट को बेअसर करता है.
पढ़ेंः भारत बायोटेक के टीके पर सवाल उठाने वालों को पीएम मोदी का बड़ा संदेश
बता दें भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल (DCGI) द्वारा 3 जनवरी को देश में आपातकालीन उपयोग के लिए कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी गई थी, कोवैक्सीन के लिए स्वीकृति देते हुए डीसीजीआई वीजी सोमानी ने कहा था भारत बायोटेक ने आईसीएमआर और एनआईवी (पुणे) के सहयोग से एक पूर्ण विरिअन निष्क्रिय (SARS-CoV-2) कोरोना वायरस वैक्सीन (कोवैक्सीन) विकसित किया है.