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खटारा स्कूटर से जहाज तक का सफर: गोरखपुर से कारोबार की शुरुआत, 40 साल में खड़ी कर दीं 4500 कंपनियां

सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत राय सहारा का निधन (Sahara Group Chief Subrata Roy Sahara Passes Away) हो गया. चलिए जानते हैं उन्होंने जीवन में कैसे संघर्ष कर सफलता का ऊंचा मुकाम हासिल किया.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 15, 2023, 7:06 AM IST

Updated : Nov 15, 2023, 9:18 AM IST

लखनऊ: सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत राय सहारा के निधन (Sahara Group Chief Subrata Roy Sahara Passes Away) से हर कोई स्तब्ध है. उनका जन्म 10 जून 1948 को बिहार में हुआ था. कभी वह गोरखपुर में खटारा स्कूटर से चलते थे. महज 30 साल की उम्र में ही उन्होंने सहारा इंडिया नाम से कंपनी का गठन कर लिया था. वह सहारा इण्डिया परिवार के संस्थापक, प्रबंध निदेशक व अध्यक्ष थे. वह 'सहाराश्री' के नाम से भी जाने जाते थे. अपने 40 साल के कारोबारी सफर में उन्होंने 4500 कंपनियों की स्थापना की.

सबसे पहले चिटफंड क्षेत्र में उतरे सुब्रत राय ने बाद में मीडिया, फिल्म, खेल, टीवी और आखिरकार रियल एस्टेट से लेकर हेल्थ सेक्टर तक में हाथ आजमाएं और खूब तरक्की की. निवेशकों के पैसे में वित्तीय घालमेल के आरोप में सुप्रीम कोर्ट की दखल पर बिना किसी FIR के ही सुब्रत राय को 3 साल तक जेल में रहना पड़ा.

कभी बिल क्लिंटन से लेकर भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीम और फिल्मी सितारों से लेकर देश के टॉप कॉरपोरेट तक से सुब्रत रॉय की बेहद नजदीकी हुई करती थी. देश और प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण दखल रखने का शौक रखने वाले सुब्रत राय अपने जीवन के अंतिम सालों में संकट से घिरे नजर आए. सेबी और सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये के चलते न केवल उनको जेल की हवा खानी पड़ी बल्कि उनकी ताकत भी बहुत कम हो गई.


कभी भारत के दस सर्वशक्ति संपन्न लोगों में शामिल थे
इण्डिया टुडे ने उनका नाम भारत के दस सर्वाधिक शक्ति संपन्न लोगों में शामिल किया था. उन्होने सन् 1978 में सहारा इण्डिया परिवार की स्थापना की. सन् 2004 में टाइम पत्रिका ने सहारा समूह को भारतीय रेल के बाद दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता बताया था. वे पुणे वॉरियर्स इंडिया, ग्रॉसवेनर हाउस, एमबी वैली सिटी, प्लाजा होटल, ड्रीम डाउनटाउन होटल के मालिक थे. सहाराश्री एक बंगाली परिवार से संबंध रखते थे.

बिहार में हुआ था जन्म, गोरखपुर में किया व्यवसाय
सुब्रत राय सहारा का जन्म 10 जून 1948 को बिहार के अररिया जिले में सुधीर चन्द्र रॉय और छबि रॉय के घर में हुआ था. पश्चिम बंगाल उनका मूल निवास है. उन्होंने कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद राजकीय तकनीकी संस्थान गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया. उन्होने 1978 में गोरखपुर से अपना व्यवसाय प्रारंभ किया.

1978 में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना
रॉय ने 1978 में गोरखपुर में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की. कंपनी के वह प्रबंध कार्यकर्ता (प्रबंध निदेशक) और चेयरमैन थे. यह भारत की एक बहु-व्यापारिक कंपनी है, जिसका दायरा वित्तीय सेवाओं, गृह निर्माण, वित्त (हाउसिंग फाइनेंस), म्युचुअल फंडों, जीवन बीमा, नगर-विकास, रीयल-इस्टेट, अखबार एवं टेलीविजन, फिल्म-निर्माण, खेल, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, पर्यटन, उपभोक्ता सामग्री सहित अनेक क्षेत्रों में फैला हुआ है. आईपीएल की फ्रेंचाईजी पुणे वॉरियर्स इंडिया, लंदन के ग्रॉसवेनर हाउस, मुंबई के लोनावाला में स्थित एमबी वैली सिटी तथा न्यूयार्क के प्लाजा होटल, ड्रीम डाउनटाउन होटल के वह मालिक भी थे.


इस वजह से जाना पड़ा जेल
समाजवादी पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में जब-जब बनी सुब्रत राय अपने चरम पर रहे. 2014 के दौरान समाजवादी पार्टी की ही सरकार के समय सेबी की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों का पैसा ना लौटाने के मामले में सुब्रत राय को जेल भेज दिया था और वह करीब 3 साल तक जेल में रहे. इस दौरान उनका जलवा बहुत कम हुआ. कभी अमिताभ बच्चन, अमर सिंह से के बेहद करीब रहे सहाराश्री से लोगों ने दूरी बना ली. लगातार सुप्रीम कोर्ट उन पर दबाव बना रहा था. उन पर करीब 35000 करोड़ की देनदारियां बन रही थी. इसको लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि अगर उनके पास 4500 कंपनियों का स्वामित्व है तो 35000 करोड़ रुपए उनके लिए कुछ भी नहीं है. इन्हीं दबावों के बीच सुब्रत राय का निधन हो गया.


कुछ खास उपलब्धियां

  • डॉक्टरेट की मानद उपाधि (2013,यूनिर्वसिटी ऑफ़ ईस्ट लंदन)
  • दि बिजनेस आइकॉन ऑफ दि ईयर (2011,लंदन)
  • डी लिट की मानद उपाधि (2011,ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय,दरभंगा)
  • 2012 में इंडिया टुडे द्वारा भारत के दस सबसे प्रभावशाली व्यवसायियों में शुमार
  • 2004 में टाइम पत्रिका (अंग्रेजी) द्वारा भारतीय रेलवे के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ाे नियोक्ता के रूप में सहारा परिवार नामांकित


    ये अवार्ड भी मिले
    उन्हें "आईटी ए टीवी आइकॉन ऑफ दि ईयर" (2007),"ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड" (2004), "बिजनेस ऑफ दि ईयर अवार्ड" (2002),"विशिष्ट राष्ट्रीय उड़ान सम्मान" (2010), "वोकेशनल अवार्ड फॉर एक्स्क्लेंस" (द्वारा रोटरी इन्टरनेशनल,2010), "कर्मवीर सम्मान" (1994), "बाबा-ए-रोजगार अवार्ड" (1992), "उद्यम श्री" (1994), "दि नेशनल सिटीजन अवार्ड" (2001) और "इंडियन टेलीविज़न अवार्ड से सम्मानित किया गया.

ये भी पढ़ेंः सहाराश्री सुब्रत राय सहारा का निधन, मुंबई में ली अंतिम सांस

ये भी पढ़ेंः Sahara Refund प्रोसेस शुरू, अमित शाह ने 112 निवेशकों के खाता में पैसे किए ट्रांसफर, जानें क्लेम करने का प्रोसेस

लखनऊ: सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत राय सहारा के निधन (Sahara Group Chief Subrata Roy Sahara Passes Away) से हर कोई स्तब्ध है. उनका जन्म 10 जून 1948 को बिहार में हुआ था. कभी वह गोरखपुर में खटारा स्कूटर से चलते थे. महज 30 साल की उम्र में ही उन्होंने सहारा इंडिया नाम से कंपनी का गठन कर लिया था. वह सहारा इण्डिया परिवार के संस्थापक, प्रबंध निदेशक व अध्यक्ष थे. वह 'सहाराश्री' के नाम से भी जाने जाते थे. अपने 40 साल के कारोबारी सफर में उन्होंने 4500 कंपनियों की स्थापना की.

सबसे पहले चिटफंड क्षेत्र में उतरे सुब्रत राय ने बाद में मीडिया, फिल्म, खेल, टीवी और आखिरकार रियल एस्टेट से लेकर हेल्थ सेक्टर तक में हाथ आजमाएं और खूब तरक्की की. निवेशकों के पैसे में वित्तीय घालमेल के आरोप में सुप्रीम कोर्ट की दखल पर बिना किसी FIR के ही सुब्रत राय को 3 साल तक जेल में रहना पड़ा.

कभी बिल क्लिंटन से लेकर भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीम और फिल्मी सितारों से लेकर देश के टॉप कॉरपोरेट तक से सुब्रत रॉय की बेहद नजदीकी हुई करती थी. देश और प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण दखल रखने का शौक रखने वाले सुब्रत राय अपने जीवन के अंतिम सालों में संकट से घिरे नजर आए. सेबी और सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये के चलते न केवल उनको जेल की हवा खानी पड़ी बल्कि उनकी ताकत भी बहुत कम हो गई.


कभी भारत के दस सर्वशक्ति संपन्न लोगों में शामिल थे
इण्डिया टुडे ने उनका नाम भारत के दस सर्वाधिक शक्ति संपन्न लोगों में शामिल किया था. उन्होने सन् 1978 में सहारा इण्डिया परिवार की स्थापना की. सन् 2004 में टाइम पत्रिका ने सहारा समूह को भारतीय रेल के बाद दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता बताया था. वे पुणे वॉरियर्स इंडिया, ग्रॉसवेनर हाउस, एमबी वैली सिटी, प्लाजा होटल, ड्रीम डाउनटाउन होटल के मालिक थे. सहाराश्री एक बंगाली परिवार से संबंध रखते थे.

बिहार में हुआ था जन्म, गोरखपुर में किया व्यवसाय
सुब्रत राय सहारा का जन्म 10 जून 1948 को बिहार के अररिया जिले में सुधीर चन्द्र रॉय और छबि रॉय के घर में हुआ था. पश्चिम बंगाल उनका मूल निवास है. उन्होंने कोलकाता के होली चाइल्ड स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद राजकीय तकनीकी संस्थान गोरखपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया. उन्होने 1978 में गोरखपुर से अपना व्यवसाय प्रारंभ किया.

1978 में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना
रॉय ने 1978 में गोरखपुर में सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की. कंपनी के वह प्रबंध कार्यकर्ता (प्रबंध निदेशक) और चेयरमैन थे. यह भारत की एक बहु-व्यापारिक कंपनी है, जिसका दायरा वित्तीय सेवाओं, गृह निर्माण, वित्त (हाउसिंग फाइनेंस), म्युचुअल फंडों, जीवन बीमा, नगर-विकास, रीयल-इस्टेट, अखबार एवं टेलीविजन, फिल्म-निर्माण, खेल, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, पर्यटन, उपभोक्ता सामग्री सहित अनेक क्षेत्रों में फैला हुआ है. आईपीएल की फ्रेंचाईजी पुणे वॉरियर्स इंडिया, लंदन के ग्रॉसवेनर हाउस, मुंबई के लोनावाला में स्थित एमबी वैली सिटी तथा न्यूयार्क के प्लाजा होटल, ड्रीम डाउनटाउन होटल के वह मालिक भी थे.


इस वजह से जाना पड़ा जेल
समाजवादी पार्टी की सरकार उत्तर प्रदेश में जब-जब बनी सुब्रत राय अपने चरम पर रहे. 2014 के दौरान समाजवादी पार्टी की ही सरकार के समय सेबी की शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों का पैसा ना लौटाने के मामले में सुब्रत राय को जेल भेज दिया था और वह करीब 3 साल तक जेल में रहे. इस दौरान उनका जलवा बहुत कम हुआ. कभी अमिताभ बच्चन, अमर सिंह से के बेहद करीब रहे सहाराश्री से लोगों ने दूरी बना ली. लगातार सुप्रीम कोर्ट उन पर दबाव बना रहा था. उन पर करीब 35000 करोड़ की देनदारियां बन रही थी. इसको लेकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि अगर उनके पास 4500 कंपनियों का स्वामित्व है तो 35000 करोड़ रुपए उनके लिए कुछ भी नहीं है. इन्हीं दबावों के बीच सुब्रत राय का निधन हो गया.


कुछ खास उपलब्धियां

  • डॉक्टरेट की मानद उपाधि (2013,यूनिर्वसिटी ऑफ़ ईस्ट लंदन)
  • दि बिजनेस आइकॉन ऑफ दि ईयर (2011,लंदन)
  • डी लिट की मानद उपाधि (2011,ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय,दरभंगा)
  • 2012 में इंडिया टुडे द्वारा भारत के दस सबसे प्रभावशाली व्यवसायियों में शुमार
  • 2004 में टाइम पत्रिका (अंग्रेजी) द्वारा भारतीय रेलवे के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ाे नियोक्ता के रूप में सहारा परिवार नामांकित


    ये अवार्ड भी मिले
    उन्हें "आईटी ए टीवी आइकॉन ऑफ दि ईयर" (2007),"ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड" (2004), "बिजनेस ऑफ दि ईयर अवार्ड" (2002),"विशिष्ट राष्ट्रीय उड़ान सम्मान" (2010), "वोकेशनल अवार्ड फॉर एक्स्क्लेंस" (द्वारा रोटरी इन्टरनेशनल,2010), "कर्मवीर सम्मान" (1994), "बाबा-ए-रोजगार अवार्ड" (1992), "उद्यम श्री" (1994), "दि नेशनल सिटीजन अवार्ड" (2001) और "इंडियन टेलीविज़न अवार्ड से सम्मानित किया गया.

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Last Updated : Nov 15, 2023, 9:18 AM IST
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