कुर्सियांग : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिल्स के नेताओं को उस क्षेत्र के लिए एक स्थायी समाधान खोजने का आश्वासन दिया, जहां राज्य की मांग को लेकर कई आंदोलन हुए हैं. ममता बनर्जी ने मंगलवार को उनसे स्थानीय लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक रोडमैप तैयार करने का आग्रह किया. इसे सरकार को सौंप दें, जो इसके बाद इस पर और काम करेगी.
बनर्जी ने दार्जिलिंग को बंगाल से अलग करने से भी इंकार किया, जबकि वादा किया कि वह पहाड़ियों में विकास के लिए जो कुछ भी करना होगा वह करेगी. उन्होंने कहा कि मतदाता सूची अपडेट हो जाने के बाद क्षेत्र में पंचायत चुनाव और गोरखा प्रादेशिक प्रशासन का चुनाव होगा. हिल्स में पंचायत चुनाव आखिरी बार 2000 में हुए थे.
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के केंद्र सरकार के फैसले पर निशाना साधते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि इस कदम से आम लोगों को प्रताड़ना झेलनी पड़ेगी.
बनर्जी ने कहा कि वह बीएसएफ द्वारा किए जाने वाले कार्य का सम्मान करती हैं, लेकिन इसके अधिकार क्षेत्र के पीछे के 'इरादे' की आलोचना करती हैं. भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर के बजाय 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी करने के लिए बल को अधिकृत करने के वास्ते बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया है.
दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों की प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, ' बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार की आड़ में लोगों को प्रताड़ित किया जाएगा. ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं थी. यहां तक कि बीएसएफ के पास प्राथमिकी दर्ज करने का भी अधिकार नहीं है.
पढ़ें - मुंबई : पूरी तरह से वैक्सीनेटिड लोग कर सकते हैं लोकल ट्रेन में सफर
उन्होंने कहा कि राज्य के सीमावर्ती इलाकों में किसी तरह की कोई समस्या नहीं थी और पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक ने इस मामले में बीएसएफ के महानिरीक्षक से बात की है.
मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम शांति से रह रहे हैं. मैंने पहले ही इस मामले में प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है.' ममता बनर्जी ने सोमवार को भी बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की थी.