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प्रोफेसरों के इस्तीफे के बाद धरने पर छात्र, राजन ने दी प्रतिक्रिया - अशोका यूनिवर्सिटी

हरियाणा के सोनीपत में राजीव गांधी एजुकेशनल सिटी की अशोका यूनिवर्सिटी इन दिनों चर्चा में है. यूनिवार्सिटी के दो प्रोफेसरों के इस्तीफे के बाद छात्र धरने पर बैठ गए हैं वहीं देश-विदेश की कई बड़ी हस्तियां प्रतिक्रिया दे रही हैं.

राजन ने दी प्रतिक्रिया
राजन ने दी प्रतिक्रिया
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Published : Mar 22, 2021, 5:47 PM IST

Updated : Mar 22, 2021, 6:00 PM IST

सोनीपत: अशोका यूनिवर्सिटी में एक साथ दो प्रोफेसरों के इस्तीफे के मामला तूल पकड़ चुका है. यूनिवर्सिटी में इस्तीफे के विरोध में छात्र एकजुट हो गए हैं.

उनका आरोप हैं कि राजनैतिक दबाव की वजह से अध्यापकों ने इस्तीफा दिया है. वहीं, इस मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी बयान दे दिया कि अध्यापकों का इस्तीफा देश में अभिव्यक्ति की आजादी के घटने का प्रतीक है.

क्यों हुआ है विवाद

बताया जा रहा है कि प्रोफेसर, प्रताप भानु मेहता और अरविंद सुब्रमण्यन सरकार के काम काज पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते रहे हैं.

प्रोफेसर मेहता लगातार अखबारों में कॉलम लिखते रहे, जिनमें वो इस बात पर मुखर रहे कि मौजूदा सरकार की नीतियां अभिव्यिक्ति की आजादी का हनन कर रही हैं.

पढ़ें- दविंदर का आतंकी कनेक्शन, एनआईए ने तीन के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

छात्रों का आरोप है कि इन पर राजनीतिक दबाव बनने लगा और फिर मजबूरन इन दोनों को एक के बाद एक इस्तीफा देना पड़ा.

प्रोफेसरों के इस्तीफे के बाद से अशोका यूनिवर्सिटी सुर्खियों में आ गई. यहां तक कि दुनिया के कई विश्व प्रसिद्ध संस्थान प्रताप भानु मेहता के इस्तीफे को दुखद बता रहे हैं.

सोनीपत: अशोका यूनिवर्सिटी में एक साथ दो प्रोफेसरों के इस्तीफे के मामला तूल पकड़ चुका है. यूनिवर्सिटी में इस्तीफे के विरोध में छात्र एकजुट हो गए हैं.

उनका आरोप हैं कि राजनैतिक दबाव की वजह से अध्यापकों ने इस्तीफा दिया है. वहीं, इस मामले में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भी बयान दे दिया कि अध्यापकों का इस्तीफा देश में अभिव्यक्ति की आजादी के घटने का प्रतीक है.

क्यों हुआ है विवाद

बताया जा रहा है कि प्रोफेसर, प्रताप भानु मेहता और अरविंद सुब्रमण्यन सरकार के काम काज पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते रहे हैं.

प्रोफेसर मेहता लगातार अखबारों में कॉलम लिखते रहे, जिनमें वो इस बात पर मुखर रहे कि मौजूदा सरकार की नीतियां अभिव्यिक्ति की आजादी का हनन कर रही हैं.

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छात्रों का आरोप है कि इन पर राजनीतिक दबाव बनने लगा और फिर मजबूरन इन दोनों को एक के बाद एक इस्तीफा देना पड़ा.

प्रोफेसरों के इस्तीफे के बाद से अशोका यूनिवर्सिटी सुर्खियों में आ गई. यहां तक कि दुनिया के कई विश्व प्रसिद्ध संस्थान प्रताप भानु मेहता के इस्तीफे को दुखद बता रहे हैं.

Last Updated : Mar 22, 2021, 6:00 PM IST
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