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IIT student death case : छात्र के चाचा का आरोप- जातिगत भेदभाव के कारण हुई बेटे की मौत

आईआईटी मुंबई में छात्र दर्शन सोलंकी की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. छात्र के चाचा ने आईआईटी प्रशासन पर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि जातिगत भेदभाव के कारण दर्शन सोलंकी की मौत हुई है (IIT student death case).

Family of student Darshan Solanki
छात्र दर्शन सोलंकी का परिवार
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Published : Feb 16, 2023, 3:21 PM IST

Updated : Feb 16, 2023, 8:58 PM IST

मुंबई : आईआईटी में छात्र दर्शन सोलंकी की मौत के लिए जातिगत भेदभाव को जिम्मेदार ठहराया गया है. उनके चाचा देवांग कुमार ने सीधे आईआईटी पर ही आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस आईआईटी में जातिगत भेदभाव के बाद काउंसिलिंग व्यवस्था के बावजूद हमारे बेटे की मौत को नहीं रोका जा सका. उन्होंने कहा कि दर्शन सोलंकी का अंतिम संस्कार गुजरात में हो जाने के बाद हम मुंबई आएंगे. उन्होंने बयान दिया है कि वह इसकी शिकायत करेंगे (IIT student death case).

देश के नामी इंजीनियरिंग संस्थान IIT बॉम्बे में केमिकल इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे दर्शन सोलंकी दलित जाति से आते थे. छात्रों ने आरोप लगाया कि उनकी मौत जातिगत भेदभाव के कारण हुई. वहीं, आईटी में छात्र संगठन अंबेडकर पेरिया स्टडी सर्कल की ओर से भी यही कहा गया है. दर्शन सोलंकी और उनका परिवार गुजरात में रहता है.

दर्शन सोलंकी के चाचा ने आईआईटी मुंबई पर आरोप लगाते हुए कहा है, 'जातिगत भेदभाव के कारण हमारे बेटे की मौत हुई है. आईआईटी मुंबई में पढ़ने वाले दलित छात्र अनिकेत अंभोरे ने भी कोरोना महामारी से पहले इसी तरह से अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी.'

उनकी मृत्यु का कारण जातिगत भेदभाव था; छात्रों ने भी उस समय कहा था, लेकिन चूंकि ऐसी घटनाओं की निष्पक्ष जांच करना मुश्किल होता है, माता-पिता थक जाते हैं और मामले को आगे नहीं बढ़ा पाते हैं. इसीलिए अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्कल के छात्र भी कह रहे हैं कि कानून के मुताबिक आईआईटी मुंबई और स्थानीय पुलिस से जांच कराना जरूरी है.

दर्शन सोलंकी के दोस्तों ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत के साथ संवाद करते हुए कहा, 'छात्रों को आईआईटी में भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ता है. जैसे 'यह दलित युवा आरक्षण कोटे से आता है.' 'इनमें हैसियत नहीं है, इनमें गुण नहीं है और ये दलित जाति से आते हैं.' उनके माता-पिता ने कहा कि ये उस समय के अखबारों में छपा था. अब दर्शन सोलंकी की भी ऐसे ही मौत हो गई. मुंबई में आईआईटी ने कहा है

मुंबई आईआईटी में अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्किल ने कहा कि केंद्र सरकार को IIT मुंबई में दलित छात्रों की आत्महत्या को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए. क्‍योंकि अनुसूचित जाति के छात्रों को ऐसे तनाव से बाहर निकालने के लिए चिकित्‍सा और मनोवैज्ञानिक मदद की जरूरत है; इसकी जानकारी छात्रों ने देश के शिक्षा मंत्रालय को एक पत्र के जरिए दी है.

क्या संक्रमण काल ​​में आईआईटी में ही छात्रों की मदद के लिए अनुसूचित जाति कक्ष और स्टूडेंट वेलनेस सेंटर के बारे में कोई काउंसिलिंग हुई? क्या इस संबंध में कोई उपाय सुझाए गए थे? ईटीवी भारत की ओर से आईटी मुंबई के अनुसूचित जाति और जनजाति प्रकोष्ठ से सवाल पूछे गए कि क्या संबंधित चिकित्सा अधिकारी ने किसी मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक के पास जाने की कोई सलाह दी थी.

इन सवालों के जवाब में आईटी मुंबई के एससी एसटी सेल सदस्य मधु वेल्लोर ने कहा, 'आईआईटी के छात्रों के अलावा हम किसी से बात नहीं कर सकते. हम इसके बारे में बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं. लेकिन आईटी मुंबई छात्रों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करेगी. हम इसमें कुछ नहीं कर सकते, कुछ नहीं कह सकते.'

आईआईटी मुंबई के संस्थान में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों ने भी प्रशासन और उनसे व्हाट्सऐप चैट में बेबाकी से अपनी राय रखी. उनका कहना है कि दर्शन सोलंकी को जातिगत भेदभाव का शिकार होना पड़ा. और एससी एसटी सेल या स्टूडेंट वेलनेस सेंटर किसी काम का नहीं है, दर्शन सोलंकी की मौत इस बात को साबित करती है.

पढ़ें- IIT student Dies : आईआईटी मुंबई के छात्र ने कथित तौर पर छात्रावास से कूद कर दी जान

मुंबई : आईआईटी में छात्र दर्शन सोलंकी की मौत के लिए जातिगत भेदभाव को जिम्मेदार ठहराया गया है. उनके चाचा देवांग कुमार ने सीधे आईआईटी पर ही आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस आईआईटी में जातिगत भेदभाव के बाद काउंसिलिंग व्यवस्था के बावजूद हमारे बेटे की मौत को नहीं रोका जा सका. उन्होंने कहा कि दर्शन सोलंकी का अंतिम संस्कार गुजरात में हो जाने के बाद हम मुंबई आएंगे. उन्होंने बयान दिया है कि वह इसकी शिकायत करेंगे (IIT student death case).

देश के नामी इंजीनियरिंग संस्थान IIT बॉम्बे में केमिकल इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे दर्शन सोलंकी दलित जाति से आते थे. छात्रों ने आरोप लगाया कि उनकी मौत जातिगत भेदभाव के कारण हुई. वहीं, आईटी में छात्र संगठन अंबेडकर पेरिया स्टडी सर्कल की ओर से भी यही कहा गया है. दर्शन सोलंकी और उनका परिवार गुजरात में रहता है.

दर्शन सोलंकी के चाचा ने आईआईटी मुंबई पर आरोप लगाते हुए कहा है, 'जातिगत भेदभाव के कारण हमारे बेटे की मौत हुई है. आईआईटी मुंबई में पढ़ने वाले दलित छात्र अनिकेत अंभोरे ने भी कोरोना महामारी से पहले इसी तरह से अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी.'

उनकी मृत्यु का कारण जातिगत भेदभाव था; छात्रों ने भी उस समय कहा था, लेकिन चूंकि ऐसी घटनाओं की निष्पक्ष जांच करना मुश्किल होता है, माता-पिता थक जाते हैं और मामले को आगे नहीं बढ़ा पाते हैं. इसीलिए अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्कल के छात्र भी कह रहे हैं कि कानून के मुताबिक आईआईटी मुंबई और स्थानीय पुलिस से जांच कराना जरूरी है.

दर्शन सोलंकी के दोस्तों ने नाम न छापने की शर्त पर ईटीवी भारत के साथ संवाद करते हुए कहा, 'छात्रों को आईआईटी में भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ता है. जैसे 'यह दलित युवा आरक्षण कोटे से आता है.' 'इनमें हैसियत नहीं है, इनमें गुण नहीं है और ये दलित जाति से आते हैं.' उनके माता-पिता ने कहा कि ये उस समय के अखबारों में छपा था. अब दर्शन सोलंकी की भी ऐसे ही मौत हो गई. मुंबई में आईआईटी ने कहा है

मुंबई आईआईटी में अंबेडकर पेरियार स्टडी सर्किल ने कहा कि केंद्र सरकार को IIT मुंबई में दलित छात्रों की आत्महत्या को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए. क्‍योंकि अनुसूचित जाति के छात्रों को ऐसे तनाव से बाहर निकालने के लिए चिकित्‍सा और मनोवैज्ञानिक मदद की जरूरत है; इसकी जानकारी छात्रों ने देश के शिक्षा मंत्रालय को एक पत्र के जरिए दी है.

क्या संक्रमण काल ​​में आईआईटी में ही छात्रों की मदद के लिए अनुसूचित जाति कक्ष और स्टूडेंट वेलनेस सेंटर के बारे में कोई काउंसिलिंग हुई? क्या इस संबंध में कोई उपाय सुझाए गए थे? ईटीवी भारत की ओर से आईटी मुंबई के अनुसूचित जाति और जनजाति प्रकोष्ठ से सवाल पूछे गए कि क्या संबंधित चिकित्सा अधिकारी ने किसी मनोवैज्ञानिक या मनोचिकित्सक के पास जाने की कोई सलाह दी थी.

इन सवालों के जवाब में आईटी मुंबई के एससी एसटी सेल सदस्य मधु वेल्लोर ने कहा, 'आईआईटी के छात्रों के अलावा हम किसी से बात नहीं कर सकते. हम इसके बारे में बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं. लेकिन आईटी मुंबई छात्रों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करेगी. हम इसमें कुछ नहीं कर सकते, कुछ नहीं कह सकते.'

आईआईटी मुंबई के संस्थान में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों ने भी प्रशासन और उनसे व्हाट्सऐप चैट में बेबाकी से अपनी राय रखी. उनका कहना है कि दर्शन सोलंकी को जातिगत भेदभाव का शिकार होना पड़ा. और एससी एसटी सेल या स्टूडेंट वेलनेस सेंटर किसी काम का नहीं है, दर्शन सोलंकी की मौत इस बात को साबित करती है.

पढ़ें- IIT student Dies : आईआईटी मुंबई के छात्र ने कथित तौर पर छात्रावास से कूद कर दी जान

Last Updated : Feb 16, 2023, 8:58 PM IST
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