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सांडों की नसबंदी अभियान देशी गोवंश को खत्म करने की साजिश : प्रज्ञा ठाकुर - sterilization campaign of bulls

मध्यप्रदेश सरकार के पशुपालन विभाग की तरफ से मध्यप्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों को आदेश जारी किए गए थे कि निकृष्ट सांडों की संख्या में निरंतर हो रही वृद्धि को देखते हुए बधियाकरण (नसबंदी) अभियान 4 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक चलाया जाए.

मध्यप्रदेश में सांडों की नसबंदी अभियान
मध्यप्रदेश में सांडों की नसबंदी अभियान
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Published : Oct 14, 2021, 9:18 AM IST

भोपाल: मध्यप्रदेश में सांडों की नसबंदी अभियान को चर्चा जोरों पर है. इस आदेश को लेकर इतना विवाद हुआ कि आखिरकार सरकार को उसे वापस लेना पड़ा. दरअसल, पशुपालन विभाग ने पूरे प्रदेश के अनुपयोगी सांडों की नसबंदी का आदेश निकाला था, लेकिन खुद भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के विरोध के अगले ही दिन विभाग ने आदेश निरस्त कर दिया.

बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने बुधवार रात यहां संवाददाताओं से कहा कि सांडों की नसबंदी की जा रही थी और उसका आदेश मुझे देखने में आया. मैंने तुरंत उस पर कार्रवाई की और प्रदेश के मुख्यमंत्री (शिवराज सिंह चौहान) और प्रदेश के पशुपालन मंत्री (प्रेम सिंह पटेल) को अवगत कराया और आज वो आदेश निरस्त हुआ. उन्होंने कहा, मुझे ऐसा लगता है कि कहीं ने कहीं ये (सांडों की नसबंदी कराने का आदेश) कोई आंतरिक षड़्यंत्र है और इसमें सावधान रहने की आवश्यकता है, क्योंकि देशी गोवंश को तो कभी कोई नष्ट नहीं कर सकता और करना भी नहीं चाहिए.

ठाकुर ने कहा, ऐसे कैसे हुआ, यह जांच का विषय तो है. मैं इसमें मुख्यमंत्री जी से जांच करने के लिए आग्रह करूंगी कि जांच करवाइये और ऐसा कब से, क्यों और किसलिए हो रहा है? ये जो देशी गोवंश है, इसके साथ इतना अत्याचार क्यों? ऐसे आदेश दोबारा कभी न हों. इस बीच, राज्य के पशुपालन विभाग ने बुधवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सांडों की नसबंदी अभियान रोकने के आदेश को साझा किया.

पढ़ें: बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने खेला गरबा तो कांग्रेस ने सेहत पर कसा तंज 'कहा जब जनता पुकारती है तो बीमार हो जाती हैं'

पशुपालन विभाग के संचालक आर के मेहिया की ओर से जारी आदेश में विभाग के सभी उप संचालकों को कहा गया है कि चार अक्टूबर से शुरू हुए सांडों की नसबंदी का अभियान तत्काल रोक दिया गया है.

पीटीआई-भाषा

भोपाल: मध्यप्रदेश में सांडों की नसबंदी अभियान को चर्चा जोरों पर है. इस आदेश को लेकर इतना विवाद हुआ कि आखिरकार सरकार को उसे वापस लेना पड़ा. दरअसल, पशुपालन विभाग ने पूरे प्रदेश के अनुपयोगी सांडों की नसबंदी का आदेश निकाला था, लेकिन खुद भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के विरोध के अगले ही दिन विभाग ने आदेश निरस्त कर दिया.

बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने बुधवार रात यहां संवाददाताओं से कहा कि सांडों की नसबंदी की जा रही थी और उसका आदेश मुझे देखने में आया. मैंने तुरंत उस पर कार्रवाई की और प्रदेश के मुख्यमंत्री (शिवराज सिंह चौहान) और प्रदेश के पशुपालन मंत्री (प्रेम सिंह पटेल) को अवगत कराया और आज वो आदेश निरस्त हुआ. उन्होंने कहा, मुझे ऐसा लगता है कि कहीं ने कहीं ये (सांडों की नसबंदी कराने का आदेश) कोई आंतरिक षड़्यंत्र है और इसमें सावधान रहने की आवश्यकता है, क्योंकि देशी गोवंश को तो कभी कोई नष्ट नहीं कर सकता और करना भी नहीं चाहिए.

ठाकुर ने कहा, ऐसे कैसे हुआ, यह जांच का विषय तो है. मैं इसमें मुख्यमंत्री जी से जांच करने के लिए आग्रह करूंगी कि जांच करवाइये और ऐसा कब से, क्यों और किसलिए हो रहा है? ये जो देशी गोवंश है, इसके साथ इतना अत्याचार क्यों? ऐसे आदेश दोबारा कभी न हों. इस बीच, राज्य के पशुपालन विभाग ने बुधवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर सांडों की नसबंदी अभियान रोकने के आदेश को साझा किया.

पढ़ें: बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने खेला गरबा तो कांग्रेस ने सेहत पर कसा तंज 'कहा जब जनता पुकारती है तो बीमार हो जाती हैं'

पशुपालन विभाग के संचालक आर के मेहिया की ओर से जारी आदेश में विभाग के सभी उप संचालकों को कहा गया है कि चार अक्टूबर से शुरू हुए सांडों की नसबंदी का अभियान तत्काल रोक दिया गया है.

पीटीआई-भाषा

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