ETV Bharat / bharat

Anand Mohan: 'साहब की मौत हुई थी तो पूरा परिवार खाना नहीं खाया था'.. जी कृष्णैया के ड्राइवर और उसकी पत्नी जानकी का बयान

जी कृष्णैया की मौत को भले ही 29 साल बीत चुके हैं लेकिन आज भी उनका ड्राइवर और उनकी पत्नी उस दिन को याद कर दहल जाते हैं. ड्राइवर ने कहा कि साहब जितना अच्छा इंसान मैंने आज तक नहीं देखा. वहीं उनकी पत्नी जानकी ने कहा कि हम खाना खाने बैठे ही थे कि डीएम की हत्या की खबर सुनी. उसके बाद एक निवाला भी मुंह में डाल नहीं सके.

Statement of G Krishnaiah driver
Statement of G Krishnaiah driver
author img

By

Published : Apr 27, 2023, 2:16 PM IST

Updated : Apr 27, 2023, 2:48 PM IST

बेतिया: बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के बाद से बिहार में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा मिली थी. रिहाई की बाद से ही बिहार की राजनीति सरगर्मी तेज हो गई है. जी कृष्णैया 1992 में बेतिया के भी डीएम रह चुके थे. उस वक्त उनके साथ काम कर चुके ऑफिस के कर्मचारी बताते हैं कि तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया बहुत ही सुलझे और कुशल व्यक्ति थे.

पढ़ें- Anand Mohan को अच्छे आचरण के लिए मिली रिहाई, लेकिन जेल में रखते थे चार-चार मोबाइल.. देखें सबूत

'डीएम सर विचार कुशल थे': बेतिया के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया के उस वक्त ड्राइवर राजेंद्र प्रसाद थे जो आज 73 वर्ष के हो चुके हैं. जिस वक्त जी कृष्णैया की हत्या हुई थी, राजेंद्र प्रसाद उनके साथ थे और गाड़ी चला रहे थे. राजेंद्र आज भी उस दिन को याद कर दहल जाते हैं. उन्होंने कहा कि डीएम सर विचार कुशल थे. वह अपने मां बाप के इकलौते बेटे थे. उनकी मौत की जैसे ही मुझे जानकारी मिली तो मैं अचानक जमीन पर बैठ गया.

"वह (जी. कृष्णैया) जब भी गाड़ी में बैठते थे तो पूछते थे कैसे हो राजेंद्र. परिवार में सब ठीक है. एक डीएम के द्वारा ऐसे पूछने पर मुझे बहुत खुशी होती थी. ऐसा नेकदिल इंसान मैंने नहीं देखा."- राजेंद्र प्रसाद, जी. कृष्णैया के ड्राइवर

'साहब की मौत की खबर के बाद पूरे परिवार ने नहीं खाया खाना': बेतिया के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया के ड्राइवर राजेंद्र प्रसाद की पत्नी जानकी देवी ने बताया कि डीएम साहब बहुत अच्छे थे. अपने माता-पिता के साथ रहते थे. विनोद के पिता (राजेंद्र प्रसाद) ने मुझे घर आकर बताया कि जी कृष्णैया की हत्या कर दी गई है. यह सुनकर हमें बहुत दुख हुआ. उस दिन हम में से किसी ने भी खाना नहीं खाया. साहब अपने माता-पिता का बहुत आदर सम्मान करते थे.

"बड़ा अच्छा रहलन. आपन माई बाबूजी के साथे रखत रहलन. माई बाप के एकेगो रहलन. हम घर पर रहनी त विनोद के बाबूजी घरे अईनी त बतईनी की जी कृष्णैया डीएम साहब के मार देलसन. हमनी के कुछ अच्छा ना लगत रहें. ओ दिने हमनी के खाना ना खईनीजा. आपन माई बाबूजी के बड़ी मानस और का कही बाबू."- जानकी देवी, राजेंद्र प्रसाद की पत्नी

आनंद मोहन जेल से रिहा: बता दें कि 1992 में जी कृष्णैया पश्चिमी चंपारण बेतिया के डीएम रह चुके थे. यहीं से उनका तबादला हुआ और फिर वह गोपालगंज के डीएम बनकर गये. 5 दिसंबर 1994 को बिहार के मुजफ्फरपुर में जिस भीड़ ने जी कृष्णैया की हत्या की थी, उसका नेतृत्व आनंद मोहन कर रहे थे. इस मामले में निचली अदालत ने उनको फांसी की सजा दी थी. लेकिन 2008 में पटना हाईकोर्ट ने सजा को उम्रकैद में बदल दिया. 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा. वहीं अब जेल मैन्युअल में बदलाव करके आनंद मोहन को गुरुवार को सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया है.

बेतिया: बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के बाद से बिहार में सियासी पारा चढ़ा हुआ है. आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा मिली थी. रिहाई की बाद से ही बिहार की राजनीति सरगर्मी तेज हो गई है. जी कृष्णैया 1992 में बेतिया के भी डीएम रह चुके थे. उस वक्त उनके साथ काम कर चुके ऑफिस के कर्मचारी बताते हैं कि तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया बहुत ही सुलझे और कुशल व्यक्ति थे.

पढ़ें- Anand Mohan को अच्छे आचरण के लिए मिली रिहाई, लेकिन जेल में रखते थे चार-चार मोबाइल.. देखें सबूत

'डीएम सर विचार कुशल थे': बेतिया के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया के उस वक्त ड्राइवर राजेंद्र प्रसाद थे जो आज 73 वर्ष के हो चुके हैं. जिस वक्त जी कृष्णैया की हत्या हुई थी, राजेंद्र प्रसाद उनके साथ थे और गाड़ी चला रहे थे. राजेंद्र आज भी उस दिन को याद कर दहल जाते हैं. उन्होंने कहा कि डीएम सर विचार कुशल थे. वह अपने मां बाप के इकलौते बेटे थे. उनकी मौत की जैसे ही मुझे जानकारी मिली तो मैं अचानक जमीन पर बैठ गया.

"वह (जी. कृष्णैया) जब भी गाड़ी में बैठते थे तो पूछते थे कैसे हो राजेंद्र. परिवार में सब ठीक है. एक डीएम के द्वारा ऐसे पूछने पर मुझे बहुत खुशी होती थी. ऐसा नेकदिल इंसान मैंने नहीं देखा."- राजेंद्र प्रसाद, जी. कृष्णैया के ड्राइवर

'साहब की मौत की खबर के बाद पूरे परिवार ने नहीं खाया खाना': बेतिया के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया के ड्राइवर राजेंद्र प्रसाद की पत्नी जानकी देवी ने बताया कि डीएम साहब बहुत अच्छे थे. अपने माता-पिता के साथ रहते थे. विनोद के पिता (राजेंद्र प्रसाद) ने मुझे घर आकर बताया कि जी कृष्णैया की हत्या कर दी गई है. यह सुनकर हमें बहुत दुख हुआ. उस दिन हम में से किसी ने भी खाना नहीं खाया. साहब अपने माता-पिता का बहुत आदर सम्मान करते थे.

"बड़ा अच्छा रहलन. आपन माई बाबूजी के साथे रखत रहलन. माई बाप के एकेगो रहलन. हम घर पर रहनी त विनोद के बाबूजी घरे अईनी त बतईनी की जी कृष्णैया डीएम साहब के मार देलसन. हमनी के कुछ अच्छा ना लगत रहें. ओ दिने हमनी के खाना ना खईनीजा. आपन माई बाबूजी के बड़ी मानस और का कही बाबू."- जानकी देवी, राजेंद्र प्रसाद की पत्नी

आनंद मोहन जेल से रिहा: बता दें कि 1992 में जी कृष्णैया पश्चिमी चंपारण बेतिया के डीएम रह चुके थे. यहीं से उनका तबादला हुआ और फिर वह गोपालगंज के डीएम बनकर गये. 5 दिसंबर 1994 को बिहार के मुजफ्फरपुर में जिस भीड़ ने जी कृष्णैया की हत्या की थी, उसका नेतृत्व आनंद मोहन कर रहे थे. इस मामले में निचली अदालत ने उनको फांसी की सजा दी थी. लेकिन 2008 में पटना हाईकोर्ट ने सजा को उम्रकैद में बदल दिया. 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा. वहीं अब जेल मैन्युअल में बदलाव करके आनंद मोहन को गुरुवार को सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया है.

Last Updated : Apr 27, 2023, 2:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.