जयपुर. राजस्थान में आखिरकार मुख्यमंत्री का ऐलान हो गया. बीजेपी आलाकमान ने सांगानेर से पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा पर भरोसा जताते हुए प्रदेश की कमान सौंपी है. भजनलाल शर्मा के करीबी और पार्टी उपाध्यक्ष श्रवण सिंह बगड़ी से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के राजनैतिक सफर के बारे में बताया.
शांति और कुशल नेतृत्व की क्षमता : भजन लाल शर्मा के साथ संगठन में लंबे समय से काम करने वाले पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष श्रवण सिंह बगड़ी ने कहा कि भजन लाल शर्मा एक कुशल नेतृत्व की क्षमता रखने वाले संगठन के कार्यकर्ता हैं. लंबे समय तक उन्होंने पार्टी की अलग-अलग पदों पर दायित्व निभाए. भजनलाल शर्मा की बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं में एक अच्छी पकड़ है. उनमें निर्णय लेने की एक कुशल क्षमता है. उनके साथ काम करने का एक अलग अनुभव है. वह एक टीम वर्क के साथ काम करते हैं, अपने छोटे से छोटे कार्यकर्ता को भी साथ में लेकर आगे बढ़ाने की उनकी हमेशा क्षमता रही है.
उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक ऐसे कार्यकर्ता को मौका दिया है जो जमीन से जुड़ा हुआ है, जिसने बूथ स्तर तक काम किया है. बगड़ी ने कहा कि यह सब भारतीय जनता पार्टी में संभव है कि कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री तक पद दिया जाए. अब राजस्थान में भाजपा की सरकार बन रही है. भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान के विकास की गति में तेजी आएगी. केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार होने से राजस्थान का जो विकास पिछले 5 साल में कांग्रेस सरकार में रुक गया था अब आगे बढ़ेगा.
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भजन लाल शर्मा का प्रोफाइल : राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की उम्र 55 वर्ष है. उनके पिता का नाम किसन स्वरूप शर्मा है. भजनलाल का कृषि एवं खनिज सप्लाई का निजी व्यवसाय है. उनकी शैक्षणिक योग्यता एम.ए. राजनीति विज्ञान है. राजनीति में पिछले 34 वर्षों से सक्रिय है. शर्मा नदबई में अपनी प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण कर माध्यमिक शिक्षा के लिए नदबई आए तभी से वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सम्पर्क में रहे. नदबई में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई का सक्रिय कार्यकर्ता रहते हुए उन्होंने कई दयित्वों का निर्वहन किया. इसके साथ ही एबीवीपी के 1990 में कश्मीर मार्च में सक्रिय सहभागी रहे और लगभग 100 कार्यकर्ताओं के साथ ऊधमपुर तक मार्च कर गिरफ्तारी दी.
1992 में श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन में जेल गए : संगठन की योजना से 1991-92 में भारतीय जनता युवा मोर्चा की जिम्मेदारी मिली. उसके बाद सक्रियता के कारण संगठन में निरंतर कई दायित्व मिले. शर्मा 27 वर्ष की उम्र में सरपंच बने. वे लगातार दो बार सरपंच रहे व एक बार पंचायत समिति सदस्य रहे.