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सिविल सर्जनाें के लिए महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला - महाराष्ट्र सरकार डॉक्टराें काे लेकर किया फैसला

महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने सिविल सर्जनों और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें दो साल तक का विस्तार देने का फैसला किया है.

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Published : Jul 14, 2021, 9:13 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर राज्य सरकार ने सिविल सर्जनों और स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को उनकी सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष के बाद सेवा में दो साल तक का विस्तार देने का फैसला किया है.

उन्होंने पत्रकारों से कहा कि इस प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने दिन में यहां हुई अपनी बैठक के दौरान मंजूरी दी. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने की.

स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा अधिकारियों और अन्य वरिष्ठ कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति की वर्तमान आयु 60 वर्ष है. हालांकि, कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ सिविल सर्जनों को पहले महामारी की स्थिति के कारण एक वर्ष के लिए विस्तार दिया गया था.

इस कदम का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है. टोपे ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने जन स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ अधिकारियों, सिविल सर्जनों को सेवा विस्तार देने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी.

इस कदम के बारे में बात करते हुए, स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इसका मतलब है कि इस साल 62 वर्ष की आयु का अधिकारी मौजूदा वर्ष में ही सेवा से सेवानिवृत्त हो जाएगा. लेकिन जिन अधिकारियों को पहले 60 साल की उम्र के बाद एक साल का विस्तार दिया गया था, उन्हें एक और साल के लिए विस्तार मिलेगा और 62 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाएंगे.

टोपे ने स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के बारे में बात करते हुए कहा कि राज्य में पिछले सप्ताह 899 पदों पर भर्ती की गई है. चिकित्सकों और विशेषज्ञों के कम से कम 1,000 पदों को भरने के लिए अगले चार दिनों में नए सिरे से विज्ञापन दिया जाएगा. समूह सी और डी की लिखित परीक्षा के दौरान कथित अनियमितताओं की जांच कर रही पुलिस की लंबित रिपोर्ट प्राप्त हुई है. राज्य सरकार पदों को भरने के लिए उचित कदम उठाएगी.

इसे भी पढे़ं : कोरोना टीकाकरण की 'धीमी गति' गंभीर चिंता का विषय: केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण

कोविड-19 के प्रतिदिन मामलों के 6,000 से कम नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले एक महीने से दैनिक आधार पर लगभग 6,000 से 8,000 मामले आ रहे है. हालांकि, राज्य में 1,00,004 सक्रिय मामलों में से 92 प्रतिशत अकेले 10 जिलों में हैं.
(पीटीआई-भाषा)

मुंबई : महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर राज्य सरकार ने सिविल सर्जनों और स्वास्थ्य विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को उनकी सेवानिवृत्ति की आयु 60 वर्ष के बाद सेवा में दो साल तक का विस्तार देने का फैसला किया है.

उन्होंने पत्रकारों से कहा कि इस प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने दिन में यहां हुई अपनी बैठक के दौरान मंजूरी दी. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने की.

स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा अधिकारियों और अन्य वरिष्ठ कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति की वर्तमान आयु 60 वर्ष है. हालांकि, कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ सिविल सर्जनों को पहले महामारी की स्थिति के कारण एक वर्ष के लिए विस्तार दिया गया था.

इस कदम का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए पर्याप्त मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना है. टोपे ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने जन स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ अधिकारियों, सिविल सर्जनों को सेवा विस्तार देने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी.

इस कदम के बारे में बात करते हुए, स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इसका मतलब है कि इस साल 62 वर्ष की आयु का अधिकारी मौजूदा वर्ष में ही सेवा से सेवानिवृत्त हो जाएगा. लेकिन जिन अधिकारियों को पहले 60 साल की उम्र के बाद एक साल का विस्तार दिया गया था, उन्हें एक और साल के लिए विस्तार मिलेगा और 62 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाएंगे.

टोपे ने स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के बारे में बात करते हुए कहा कि राज्य में पिछले सप्ताह 899 पदों पर भर्ती की गई है. चिकित्सकों और विशेषज्ञों के कम से कम 1,000 पदों को भरने के लिए अगले चार दिनों में नए सिरे से विज्ञापन दिया जाएगा. समूह सी और डी की लिखित परीक्षा के दौरान कथित अनियमितताओं की जांच कर रही पुलिस की लंबित रिपोर्ट प्राप्त हुई है. राज्य सरकार पदों को भरने के लिए उचित कदम उठाएगी.

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कोविड-19 के प्रतिदिन मामलों के 6,000 से कम नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि राज्य में पिछले एक महीने से दैनिक आधार पर लगभग 6,000 से 8,000 मामले आ रहे है. हालांकि, राज्य में 1,00,004 सक्रिय मामलों में से 92 प्रतिशत अकेले 10 जिलों में हैं.
(पीटीआई-भाषा)

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