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इस मकसद से हुआ स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप का गठन, अब किया गया यह संसोधन - कब क्या हुए बदलाव

भारतीय संसद ने विशेष सुरक्षा दल (संशोधन) विधेयक 2019 पारित किया. जिसके द्वारा विशेष सुरक्षा दल अधिनियम 1988 में संशोधन किया गया है. नए संसोधन के अनुसार केवल प्रधानमंत्री व उनके आधिकारिक आवास पर रहने वाले पारिवारिक सदस्यों को ही मिलेगी.

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Published : Apr 8, 2021, 1:33 PM IST

Updated : Apr 8, 2021, 9:38 PM IST

हैदराबाद : विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) देश की एक सशस्त्र सेना है. यह सेना देश के प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों सहित उनके नजदीकी परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करती है. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री उनका परिवार तथा वर्तमान प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्य चाहें तो अपनी इच्छा से एसपीजी की सुरक्षा लेने से मना कर सकते हैं.

एसपीजी का गठन : 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 8 अप्रैल 1985 में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) का गठन किया गया था. 1988 में इसे लेकर संसद ने एसपीजी एक्ट पास किया. उस दौरान ये व्यवस्था की गई कि सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके परिवार को ही एसपीजी की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. न कि किसी और को यह सुविधा मिलेगी.

उपलब्धियां : एसपीजी शुरूआत से अब तक साहसिक और बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई है. एसपीजी अधिकारियों को अब तक एक शौर्य चक्र, मान्यता प्राप्त सेवा के लिए 43 राष्ट्रपति पुलिस पदक और मेधावी सेवा के लिए 319 पुलिस पदक दिए गए हैं. एसपीजी के पहले निदेशक को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है.

विशेष सुरक्षा दल
विशेष सुरक्षा दल

कब क्या हुए बदलाव : प्रधानमंत्री की रक्षा करने वाले विशेष सुरक्षा समूह (SPG) के कमांडो बल को वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट में से 429.05 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. वर्ष 1988 में संसद के विशेष सुरक्षा दल अधिनियम 1988 (Special Protection Group Act) पारित किया गया तथा एसपीयू का नाम बदलकर एसपीजी रखा गया. 1991, 1994, 1999 और 2003 में एसपीजी कानून में संशोधन किया गया जिसके तहत एसपीजी कवर पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार वालों को देने का नियम बनाया गया.

विशेष सुरक्षा समूह (संशोधन) विधेयक 2019 : एसपीजी संशोधन बिल के तहत एसपीजी सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री और आधिकारिक आवास पर उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों को ही मिलेगी. पूर्व प्रधानमंत्री उनका परिवार तथा वर्तमान प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्य चाहें तो अपनी इच्छा से एसपीजी की सुरक्षा लेने से मना कर सकते हैं.

समय अवधि : विधेयक के अनुसार किसी पूर्व प्रधानमंत्री एवं उनके आवंटित आवास पर उनके निकट परिजनों से संबंधित नेता के प्रधानमंत्री पद छोड़ने की तारीख से पांच साल तक एसपीजी सुरक्षा प्रदान की जाएगी.

पूर्व पीएम के लिए एसपीजी कवर हटाने के मामले

- एसपीजी की शुरुआत 1984 में पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में हुई थी.

- 1989 में जब वीपी सिंह सत्ता में आए तो उनकी सरकार ने पूर्ववर्ती राजीव गांधी को दी गई एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली.

- 1991 में राजीव की हत्या के बाद कम से कम 10 वर्षों के लिए सभी पूर्व पीएम और उनके परिवारों को एसपीजी संरक्षण के लिए एसपीजी अधिनियम में संशोधन किया गया.

- 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने स्वत: सुरक्षा की अवधि को 10 वर्ष से घटाकर पूर्व प्रधानमंत्री के पद छोड़ने की तिथि से एक वर्ष की अवधि तक लाने के लिए एसपीजी अधिनियम में संशोधन किया.

- वाजपेयी शासन के दौरान पूर्व पीएम जैसे एचडी देवेगौड़ा, आईके गुजराल और पीवी नरसिम्हा राव के एसपीजी कवर वापस ले लिए गए थे.

हैदराबाद : विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) देश की एक सशस्त्र सेना है. यह सेना देश के प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों सहित उनके नजदीकी परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करती है. वहीं पूर्व प्रधानमंत्री उनका परिवार तथा वर्तमान प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्य चाहें तो अपनी इच्छा से एसपीजी की सुरक्षा लेने से मना कर सकते हैं.

एसपीजी का गठन : 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 8 अप्रैल 1985 में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) का गठन किया गया था. 1988 में इसे लेकर संसद ने एसपीजी एक्ट पास किया. उस दौरान ये व्यवस्था की गई कि सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके परिवार को ही एसपीजी की सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. न कि किसी और को यह सुविधा मिलेगी.

उपलब्धियां : एसपीजी शुरूआत से अब तक साहसिक और बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई है. एसपीजी अधिकारियों को अब तक एक शौर्य चक्र, मान्यता प्राप्त सेवा के लिए 43 राष्ट्रपति पुलिस पदक और मेधावी सेवा के लिए 319 पुलिस पदक दिए गए हैं. एसपीजी के पहले निदेशक को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है.

विशेष सुरक्षा दल
विशेष सुरक्षा दल

कब क्या हुए बदलाव : प्रधानमंत्री की रक्षा करने वाले विशेष सुरक्षा समूह (SPG) के कमांडो बल को वर्ष 2021-22 के लिए केंद्रीय बजट में से 429.05 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. वर्ष 1988 में संसद के विशेष सुरक्षा दल अधिनियम 1988 (Special Protection Group Act) पारित किया गया तथा एसपीयू का नाम बदलकर एसपीजी रखा गया. 1991, 1994, 1999 और 2003 में एसपीजी कानून में संशोधन किया गया जिसके तहत एसपीजी कवर पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार वालों को देने का नियम बनाया गया.

विशेष सुरक्षा समूह (संशोधन) विधेयक 2019 : एसपीजी संशोधन बिल के तहत एसपीजी सुरक्षा केवल प्रधानमंत्री और आधिकारिक आवास पर उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों को ही मिलेगी. पूर्व प्रधानमंत्री उनका परिवार तथा वर्तमान प्रधानमंत्री के परिवार के सदस्य चाहें तो अपनी इच्छा से एसपीजी की सुरक्षा लेने से मना कर सकते हैं.

समय अवधि : विधेयक के अनुसार किसी पूर्व प्रधानमंत्री एवं उनके आवंटित आवास पर उनके निकट परिजनों से संबंधित नेता के प्रधानमंत्री पद छोड़ने की तारीख से पांच साल तक एसपीजी सुरक्षा प्रदान की जाएगी.

पूर्व पीएम के लिए एसपीजी कवर हटाने के मामले

- एसपीजी की शुरुआत 1984 में पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में हुई थी.

- 1989 में जब वीपी सिंह सत्ता में आए तो उनकी सरकार ने पूर्ववर्ती राजीव गांधी को दी गई एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली.

- 1991 में राजीव की हत्या के बाद कम से कम 10 वर्षों के लिए सभी पूर्व पीएम और उनके परिवारों को एसपीजी संरक्षण के लिए एसपीजी अधिनियम में संशोधन किया गया.

- 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने स्वत: सुरक्षा की अवधि को 10 वर्ष से घटाकर पूर्व प्रधानमंत्री के पद छोड़ने की तिथि से एक वर्ष की अवधि तक लाने के लिए एसपीजी अधिनियम में संशोधन किया.

- वाजपेयी शासन के दौरान पूर्व पीएम जैसे एचडी देवेगौड़ा, आईके गुजराल और पीवी नरसिम्हा राव के एसपीजी कवर वापस ले लिए गए थे.

Last Updated : Apr 8, 2021, 9:38 PM IST
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