नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नंदीग्राम की जिस घटना में चोट लगी, वह दुर्घटना थी और यह कोई सुनियोजित हमला नहीं था. दो चुनाव पर्यवेक्षकों ने शनिवार को चुनाव आयोग को सौंपी रिपोर्ट में ऐसा कहा.
मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के एक सूत्र ने बताया कि विशेष पर्यवेक्षक अजय नायक और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दूबे ने यह रिपोर्ट तैयार की है.
इसमें बताया गया है कि 10 मार्च को बनर्जी द्वारा नामांकन दाखिल करने के बाद पूर्वी मिदनापुर जिले में नंदीग्राम के बिरुलिया बाजार में यह घटना अचानक हुई थी, हालांकि इसकी साजिश होने की बात कही जा रही थी.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि घटना के अचानक होने के कारण बनर्जी घायल हो गईं.
सूत्र ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि यह घटना कोई सुनियोजित हमला नहीं, बल्कि एक दुर्घटना थी. यह अचानक हुई थी.
टीएमसी सुप्रीमो बनर्जी को लगी चोट के बारे में यह भी कहा गया है कि अचानक हुई घटना के कारण उन्हें यह चोट लगी. घटना के पीछे कोई साजिश नहीं थी.
रिपोर्ट में घटना के दौरान उपस्थित चश्मदीद गवाहों द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के साथ-साथ उनसे प्राप्त वीडियो से भी जानकारी जुटाई गई.
इसमें मुख्यमंत्री की सुरक्षा के प्रभारी पुलिस कर्मियों की भीड़ को नियंत्रित करने में विफलता को भी उल्लेखित किया गया है, जो (भीड़) मुख्यमंत्री के 'काफी नजदीक' आ गई थी.
सूत्र ने रिपोर्ट के हवाले से कहा कि स्थानीय पुलिस और मुख्यमंत्री की सुरक्षा भीड़ को नियंत्रित करने में विफल रही और इससे अप्रिय स्थिति उत्पन्न हुई.
शनिवार शाम को एक दूसरी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई क्योंकि आयोग ने राज्य प्रशासन द्वारा शुक्रवार को प्रस्तुत रिपोर्ट को अस्पष्ट बताया था और राज्य प्रशासन को एक विस्तृत विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा था.
मुख्यमंत्री के लिए पुख्ता सुरक्षा उपाय करने के निर्देश
नंदीग्राम की घटना के बाद, राज्य एडीजी (कानून और व्यवस्था) और नोडल अधिकारी जगमोहन ने शनिवार को सभी जिला प्रशासनों को निर्देश दिया कि वे 27 मार्च से होने जा रहे आठ चरणों के मतदान के लिए जिलों में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री के लिए सबसे सख्त सुरक्षा उपायों की व्यवस्था करें.
जगमोहन के हवाले से सीईओ के सूत्र ने कहा कि मुख्यमंत्री के लिए सुरक्षा उपाय कड़े होने चाहिए. अन्य स्टार प्रचारकों के लिए सुरक्षा भी कड़ी होनी चाहिए. नंदीग्राम की घटना के बाद हम कोई जोखिम नहीं ले सकते.
पर्यवेक्षक कर सकते हैं दौरा
सीईओ कार्यालय के एक अन्य अधिकारी के अनुसार दोनों पर्यवेक्षक 18 मार्च से दक्षिण 24 परगना, हावड़ा और हुगली जिलों का दौरा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि दोनों पर्यवेक्षक जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलेंगे और मतदान की तैयारियों का पर्यवेक्षण करेंगे.
सीईओ कार्यालय में एक सूत्र ने मुख्य सचिव बंदोपाध्याय की दूसरी रिपोर्ट के हवाले से कहा कि मुख्यमंत्री का वाहन भीड़भाड़ वाले क्षेत्र से गुजर रहा था. तभी उनकी कार के दरवाजे पर एक धक्का लगा था. लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि धक्का जानबूझकर दिया गया था या नहीं. इस संबंध में एकत्र किए गए वीडियो बहुत स्पष्ट नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि जानकारी है कि मुख्य सचिव ने रिपोर्ट के साथ एक वीडियो भी संलग्न किया है. चुनाव आयोग ने इस घटना पर राज्य सरकार के साथ ही दो पर्यवेक्षकों से भी रिपोर्ट मांगी थी. राज्य प्रशासन ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.
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पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए आठ चरणों में चुनाव 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच होंगे. मतों की गिनती 2 मई को होगी.