तिरुवनंतपुरम: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ISRO) के नवनियुक्त अध्यक्ष एस सोमनाथ (Newly appointed ISRO chief S Somanath) ने बुधवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए व्यापार के अवसर प्रदान करने के वास्ते विकसित करने की जरूरत है और भावी पीढ़ियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में बदलाव करने की भी आवश्यकता है. वर्तमान में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक सोमनाथ को अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है, जो उन्हें इसरो का प्रमुख बनाता है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम इसरो तक ही सीमित है, लेकिन सरकार अब चाहती है कि इस क्षेत्र में नए लोग आएं.
सोमनाथ ने अंतरिक्ष बजट को मौजूदा 15,000-16,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20,000-50,000 करोड़ रुपये से अधिक किये जाने की आवश्यकता जताते हुए कहा, लेकिन अंतरिक्ष बजट में वृद्धि केवल सरकारी धन या समर्थन से नहीं हो सकती है. जैसे दूरसंचार और हवाई यात्रा जैसे क्षेत्रों में जो बदलाव हुए, वही बदलाव यहां भी होना चाहिए. इससे रोजगार के अधिक अवसर सृजित हो सकते हैं और अनुसंधान एवं विकास बढ़ सकता है.
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उन्होंने स्पष्ट किया कि हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि इसरो का निजीकरण किया जा रहा है.
पीटीआई-भाषा