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स्वतंत्र प्रेस के समर्थक थे सोराबजी, लोकतंत्र के प्रति रहे कटिबद्ध : सीजेआई

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने प्रसिद्ध न्यायविद एवं पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी के निधन पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति कटिबद्ध तथा प्रेस की स्वतंत्रता के समर्थक थे. सोराबजी का आज सुबह दक्षिणी दिल्ली स्थित एक निजी अस्पताल में कोविड-19 की वजह से निधन हो गया. वह 91 वर्ष के थे. उनके परिवार में पत्नी, एक पुत्री और दो पुत्र हैं.

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Published : Apr 30, 2021, 7:45 PM IST

मुख्य न्यायाधीश
मुख्य न्यायाधीश

नई दिल्ली : मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने प्रसिद्ध न्यायविद एवं पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी के निधन पर शुक्रवार को दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति कटिबद्ध तथा प्रेस की स्वतंत्रता के समर्थक थे.

न्यायमूर्ति रमना ने सोराबजी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक बयान में कहा, न्याय जगत से अपने लगभग 68 साल के जुड़ाव के दौरान उन्होंने मानवाधिकार और मौलिक अधिकारों संबंधी वैश्विक न्यायशास्त्र को समृद्ध बनाने में व्यापक योगदान दिया. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सोराबजी ने अदालतों के समक्ष जिन मामलों में दलीलें दीं, जो फैसले हासिल करने में वह सफल रहे, और उन्होंने जो किताबें, समाचार पत्रों में जो लेख लिखे, तथा अटॉर्नी जनरल के रूप में उन्होंने सरकार को जो स्वतंत्र सलाह और परामर्श दिए, वे सब इस बात का साक्ष्य हैं कि लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति वह अगाध रूप से प्रतिबद्ध थे.

लाखों आम लोगों को कानून का पाठ पढ़ाया

उन्होंने कहा कि सोराबजी ने अटॉर्नी जनरल के रूप में अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए बार का स्तर भी काफी ऊंचा उठा दिया था. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता के समर्थक होने के नाते सोराबजी ने जटिल कानूनी मुद्दों को बारीकी से स्पष्ट करने के लिए हाल तक लगभग दैनिक स्तर पर मीडिया का एक प्रभावी मंच के रूप में इस्तेमाल किया और वस्तुत: लाखों आम लोगों को कानून का पाठ पढ़ाया. उन्होंने कहा कि सोराबजी का मीडिया में नए चलन के अनुरूप खुद को ढालना उल्लेखनीय था.

पढ़ें : पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी का कोरोना से निधन, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने जताया दुख

हमेशा सम्मान के साथ याद रखा जाएगा

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें सोराबजी के साहित्यिक कार्य, उनके व्याख्यानों और दलीलों तथा महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशन और सलाह से व्यक्तिगत रूप में काफी कुछ सीखने को मिला. न्यायमूर्ति रमना ने सोराबजी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, उन्हें ऐसी हस्ती के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने लोकतंत्र के स्तंभों को मजबूती प्रदान की. मैं दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. मैं श्री सोली सोराबजी के परिवार, मित्रों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवदेना व्यक्त करता हूं, अपनी तरफ से और उच्चतम न्यायालय की तरफ से, जहां उन्हें हमेशा सम्मान के साथ याद रखा जाएगा.

नई दिल्ली : मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना ने प्रसिद्ध न्यायविद एवं पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी के निधन पर शुक्रवार को दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि वह लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति कटिबद्ध तथा प्रेस की स्वतंत्रता के समर्थक थे.

न्यायमूर्ति रमना ने सोराबजी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक बयान में कहा, न्याय जगत से अपने लगभग 68 साल के जुड़ाव के दौरान उन्होंने मानवाधिकार और मौलिक अधिकारों संबंधी वैश्विक न्यायशास्त्र को समृद्ध बनाने में व्यापक योगदान दिया. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सोराबजी ने अदालतों के समक्ष जिन मामलों में दलीलें दीं, जो फैसले हासिल करने में वह सफल रहे, और उन्होंने जो किताबें, समाचार पत्रों में जो लेख लिखे, तथा अटॉर्नी जनरल के रूप में उन्होंने सरकार को जो स्वतंत्र सलाह और परामर्श दिए, वे सब इस बात का साक्ष्य हैं कि लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति वह अगाध रूप से प्रतिबद्ध थे.

लाखों आम लोगों को कानून का पाठ पढ़ाया

उन्होंने कहा कि सोराबजी ने अटॉर्नी जनरल के रूप में अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए बार का स्तर भी काफी ऊंचा उठा दिया था. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता के समर्थक होने के नाते सोराबजी ने जटिल कानूनी मुद्दों को बारीकी से स्पष्ट करने के लिए हाल तक लगभग दैनिक स्तर पर मीडिया का एक प्रभावी मंच के रूप में इस्तेमाल किया और वस्तुत: लाखों आम लोगों को कानून का पाठ पढ़ाया. उन्होंने कहा कि सोराबजी का मीडिया में नए चलन के अनुरूप खुद को ढालना उल्लेखनीय था.

पढ़ें : पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी का कोरोना से निधन, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने जताया दुख

हमेशा सम्मान के साथ याद रखा जाएगा

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें सोराबजी के साहित्यिक कार्य, उनके व्याख्यानों और दलीलों तथा महत्वपूर्ण दिशा-निर्देशन और सलाह से व्यक्तिगत रूप में काफी कुछ सीखने को मिला. न्यायमूर्ति रमना ने सोराबजी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, उन्हें ऐसी हस्ती के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने लोकतंत्र के स्तंभों को मजबूती प्रदान की. मैं दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. मैं श्री सोली सोराबजी के परिवार, मित्रों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवदेना व्यक्त करता हूं, अपनी तरफ से और उच्चतम न्यायालय की तरफ से, जहां उन्हें हमेशा सम्मान के साथ याद रखा जाएगा.

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