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नासिक में गड्ढों पर कवि सम्मेलन, प्रशासन को बनाया निशाना

अब तक आपने कई कवि सम्मेलनों और कविताओं के प्रकार के बारे में सुना होगा. जैसे प्रेम कविता, राजनीतिक कविता और इनके सम्मेलन तो आम हैं. लेकिन नासिक में एक सम्मेलन हुआ जिसका नाम रखा गया था 'स्मार्ट गड्ढे काव्य सभा'.

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Published : Aug 23, 2022, 8:07 AM IST

potholes on the road in nashik
नासिक में गड्ढों पर कवि सम्मेलन

नासिक : अब तक आपने कई कवि सम्मेलनों और कविताओं के प्रकार के बारे में सुना होगा. जैसे प्रेम कविता, राजनीतिक कविता और इनके सम्मेलन तो आम हैं. लेकिन नासिक में एक सम्मेलन हुआ जिसका नाम रखा गया था 'स्मार्ट गड्ढे काव्य सभा'. कवियों ने इस बैठक के माध्यम से सरकार और नगरपालिका प्रशासन को शहर के गड्ढों के बारे में जागरुक करने का प्रयास किया. इस 'स्मार्ट खड्डे काव्य सम्मेलन' का आयोजन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा नासिक के सीबीएस क्षेत्र के ऐतक कामगार केंद्र के हॉल में किया गया था. जुलाई के महीने में नासिक शहर में हुई भारी बारिश के कारण सभी सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. कई मुख्य सड़कें और कॉलोनी की सड़कें लगभग कच्चे रास्तों में बदल गये हैं.

पढ़ें: महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव, सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का दिया आदेश

बजरी में पानी जमा होने के कारण गहराई का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. जिससे छोटे-बड़े हादसों में इजाफा हुआ है. लोगों को वाहन चलाते समय काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. जब नागरिकों द्वारा कई बार शिकायत करने के बाद भी प्रशासन ने कार्रवाई नहीं कि तो नासिक के स्थानीय लेखकों और कवियों ने एक साथ आकर पहली बार इस अलग काव्य सभा का आयोजन किया. इस कवि सम्मेलन में सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए. सम्मेलम में गड्ढों पर कविता पाठ कर नगर निगम प्रशासन और राजनेताओं की खूब चुटकी ली गई. सम्मेलन की शुरुआत गड्ढों में मारे गए नागरिकों को श्रद्धांजलि देकर हुई.

पढ़ें: धन शोधन मामला में कोर्ट ने राउत की कस्टडी पांच सितम्बर तक बढ़ाई

बताया जा रहा है कि शहर में करीब छह हजार गड्ढे हैं और नगर पालिका का दावा है कि इनमें से 60 फीसदी को भर दिया गया है. लेकिन वास्तव में स्थिति विकट है और नासिक नगर निगम के प्रशासक नगर आयुक्त के प्रशासन पर नासिक्करों और कवियों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है.

नासिक : अब तक आपने कई कवि सम्मेलनों और कविताओं के प्रकार के बारे में सुना होगा. जैसे प्रेम कविता, राजनीतिक कविता और इनके सम्मेलन तो आम हैं. लेकिन नासिक में एक सम्मेलन हुआ जिसका नाम रखा गया था 'स्मार्ट गड्ढे काव्य सभा'. कवियों ने इस बैठक के माध्यम से सरकार और नगरपालिका प्रशासन को शहर के गड्ढों के बारे में जागरुक करने का प्रयास किया. इस 'स्मार्ट खड्डे काव्य सम्मेलन' का आयोजन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा नासिक के सीबीएस क्षेत्र के ऐतक कामगार केंद्र के हॉल में किया गया था. जुलाई के महीने में नासिक शहर में हुई भारी बारिश के कारण सभी सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं. कई मुख्य सड़कें और कॉलोनी की सड़कें लगभग कच्चे रास्तों में बदल गये हैं.

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बजरी में पानी जमा होने के कारण गहराई का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. जिससे छोटे-बड़े हादसों में इजाफा हुआ है. लोगों को वाहन चलाते समय काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. जब नागरिकों द्वारा कई बार शिकायत करने के बाद भी प्रशासन ने कार्रवाई नहीं कि तो नासिक के स्थानीय लेखकों और कवियों ने एक साथ आकर पहली बार इस अलग काव्य सभा का आयोजन किया. इस कवि सम्मेलन में सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए. सम्मेलम में गड्ढों पर कविता पाठ कर नगर निगम प्रशासन और राजनेताओं की खूब चुटकी ली गई. सम्मेलन की शुरुआत गड्ढों में मारे गए नागरिकों को श्रद्धांजलि देकर हुई.

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बताया जा रहा है कि शहर में करीब छह हजार गड्ढे हैं और नगर पालिका का दावा है कि इनमें से 60 फीसदी को भर दिया गया है. लेकिन वास्तव में स्थिति विकट है और नासिक नगर निगम के प्रशासक नगर आयुक्त के प्रशासन पर नासिक्करों और कवियों ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है.

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