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उत्तर रेलवे इन 8 ट्रेनों में लिंक एक्सप्रेस और स्लीप कोच कर रहा है बंद, जानिये आपको क्या फायदा होगा ?

उत्तर रेलवे अब गाड़ियों में दो सेवाएं- स्लीपर कोच और लिंक सेवा को बंद करने जा रहा है, नए टाइम टेबल के साथ कुल 8 गाड़ियों में फिलहाल ये सुविधा नहीं मिलेगी. क्या है पूरा माजरा, जानने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर

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Published : Sep 21, 2021, 1:57 PM IST

Updated : Sep 21, 2021, 3:48 PM IST

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नई दिल्ली : अगर आप ट्रेन में सफर करते हैं और कई बार होने वाली ट्रेन के लेट होने से परेशानी झेलते हैं तो अब उत्तर रेलवे ने आपकी सहूलियत के लिए एक फैसला लिया है जिससे ट्रेन लेट नहीं होगी. उत्तर रेलवे ने लिंक एक्सप्रेस (link express) और स्लीप कोच (sleep coach) बंद करने का फैसला लिया है. ये सेवाएं ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़ने या कोच कम करने से जुड़ी है. ​लिंक एक्सप्रेस को भी सीमित करने से काफी समय की बचत होगी और ट्रेनें समय से अपनी मंजिल तक वक्त पर पहुंच पाएगी.

क्या है ये लिंक एक्सप्रेस और स्लीप कोच ?

लिंक एक्सप्रेस का मतलब है, जब अलग-अलग रूट से आने वाली दो ट्रेनें किसी कॉमन स्टेशन पर आकर जुड़ती है और फिर एक जगह के लिए रवाना होती हैं तो इसे लिंक एक्सप्रेस कहते हैं. वहीं जब ये ट्रेन वापसी करते समय जिस स्टेशन पर जुड़ी थीं वहीं से अलग भी हो जाती हैं और अलग-अलग रूट पर चली जाती हैं. अलग हुए ये कोच स्लीप कोच कहलाते हैं.

नहीं समझ आया तो ऐसे समझिए

एक ट्रेन दिल्ली से देहरादून जाती है लेकिन उसमें हरिद्वार तक के लिए 3 स्लीप कोच लगाए जाते हैं. इन्हें हरिद्वार में छोड़कर बाकी ट्रेन देहरादून के लिए निकल जाती है. हरिद्वार में अलग किए गए तीनों स्लीप कोच किसी दूसरी ट्रेन के साथ जुड़कर अगली निर्धारित मंजिल तक निकलते हैं. ऐसा भी हो सकती है कि हरिद्वार स्टेशन से ही कुछ कोच बरेली से पहुंचे हो और वो दिल्ली से देहरादून जाने वाले ट्रेन से जोड़े जाने हों. इस ट्रेन से दिल्ली से देहरादून जाने वाली ट्रेन से स्लीप कोच हटाने और जोड़कर उसे लिंक एक्सप्रेस बनाने में हरिद्वार स्टेशन पर बहुत वक्त बर्बाद होता है. लेकिन नए फैसले के बाद ये ट्रेन दिल्ली से सीधा देहरादून पहुंचेगी

8 जोड़ी ट्रेनों में ये सुविधा बंद होगी

उत्तर रेलवे 8 जोड़ी ट्रेनों में ये सेवा बंद करने जा रहा है. उत्तर रेलवे के मुताबिक स्लीप कौच और लिंक एक्सप्रेस सर्विस के दौरान कोच को जोड़ने और अलग करने में बहुत वक्त लगता है. इस दौरान ट्रेन स्टेशन पर खड़ी रहती है जिसके कारण ट्रेन लेट भी होती है और यात्रियों को परेशानी का सामना भी करना पड़ता है. रेलवे के मुताबिक इस फैसले से समय की बर्बादी नहीं होगी.

कौन-कौन सी ट्रेनों में बंद हो रही है ये सेवाएं

दिल्ली-देहरादून-मसूरी एक्सप्रेस, हरिद्वार-ऊना हिमाचल जनशताब्दी एक्सप्रेस, वाराणसी-देहरादून एक्सप्रेस, कालका-श्रीगंगानगर, ओखा-देहरादून एक्सप्रेस, कोच्चुवेली-देहरादून एक्सप्रेस, मदुरई-देहरादून एक्सप्रेस और हावड़ा-देहरादून एक्सप्रेस में लिंक एक्सप्रेस और स्लीप कोचेस की सेवाएं बंद की जाएंगी.

रेलवे के मुताबिक

रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक यह सेवा कई मामलों में यात्रियों के लिए सुविधाजनक होती हैं, लेकिन इससे रेलवे की ओवरऑल समय सारणी पर प्रभाव पड़ता है. वहीं हर रूट पर चल रही गाड़ियों की अधिकतम संख्या के बाद यात्रियों के लिए इसे बंद किया जा सकता है. रेलवे की नई टाइम टेबल में कई रेलगाड़ियों की रफ्तार बढ़ाई जा रही है. कई रेलगाड़ियों के फेरे बढ़ाए जा रहे हैं. लिंक सेवा और स्लीप कोच की सेवा को भी हटाया जाएगा.

यात्रियों को फायदा और नुकसान ?

रेलवे के इस फैसले से यात्रियों को फायदा ये होगा कि ट्रेनें समय से चलेंगी और वे अपने डेस्टिनेशन तक सही समय से पहुंच पाएंगे. कई बार उसी रूट पर और आगे के लिए यात्रियों का रिजर्वेशन होता है लेकिन कोचों की अदला-बदली में वक्त लगने के कारण ट्रेन छूट जाती है. अब ऐसा कम हो सकता है.

हालांकि लंबी दूरी की जिन रूट्स के लिए लिंक और अतिरिक्त स्लीप कोचेस की सुविधा दी जाती रही हैं, उन रूट्स के यात्रियों को असुविधा होगी. उनके रूट्स में ट्रेनों की संख्या कम हो जाएंगी.

उदाहरण के लिए नेपाल की सीमा से सटे बिहार के जोगबनी स्टेशन से कटिहार होते हुए सीमांचल एक्सप्रेस दिल्ली तक के लिए चलती हैं. वहीं पश्चिम बंगाल सीमा के करीब राधिकापुर से एक लिंक एक्सप्रेस कटिहार आकर इस ट्रेन में जुड़ जाती है. दोनों ट्रेनें एक होकर दिल्ली के लिए रवाना हो जाती हैं. दिल्ली से वापसी में भी कटिहार में दोनों ट्रेनें अलग होकर अपने-अपने रूट में रवाना हो जाती हैं. इस ट्रेन में नई व्यवस्था लागू हुई तो राधिकापुर रूट के यात्रियों को कटिहार ही उतरना होगा और वहां से दूसरी ट्रेन से राधिकापुर की ओर जाना होगा.

पढ़ें :- उद्धव ने मुंबई-नागपुर बुलेट ट्रेन को दी हरी झंडी, अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन का किया विरोध, पढ़ें खबर

नई दिल्ली : अगर आप ट्रेन में सफर करते हैं और कई बार होने वाली ट्रेन के लेट होने से परेशानी झेलते हैं तो अब उत्तर रेलवे ने आपकी सहूलियत के लिए एक फैसला लिया है जिससे ट्रेन लेट नहीं होगी. उत्तर रेलवे ने लिंक एक्सप्रेस (link express) और स्लीप कोच (sleep coach) बंद करने का फैसला लिया है. ये सेवाएं ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़ने या कोच कम करने से जुड़ी है. ​लिंक एक्सप्रेस को भी सीमित करने से काफी समय की बचत होगी और ट्रेनें समय से अपनी मंजिल तक वक्त पर पहुंच पाएगी.

क्या है ये लिंक एक्सप्रेस और स्लीप कोच ?

लिंक एक्सप्रेस का मतलब है, जब अलग-अलग रूट से आने वाली दो ट्रेनें किसी कॉमन स्टेशन पर आकर जुड़ती है और फिर एक जगह के लिए रवाना होती हैं तो इसे लिंक एक्सप्रेस कहते हैं. वहीं जब ये ट्रेन वापसी करते समय जिस स्टेशन पर जुड़ी थीं वहीं से अलग भी हो जाती हैं और अलग-अलग रूट पर चली जाती हैं. अलग हुए ये कोच स्लीप कोच कहलाते हैं.

नहीं समझ आया तो ऐसे समझिए

एक ट्रेन दिल्ली से देहरादून जाती है लेकिन उसमें हरिद्वार तक के लिए 3 स्लीप कोच लगाए जाते हैं. इन्हें हरिद्वार में छोड़कर बाकी ट्रेन देहरादून के लिए निकल जाती है. हरिद्वार में अलग किए गए तीनों स्लीप कोच किसी दूसरी ट्रेन के साथ जुड़कर अगली निर्धारित मंजिल तक निकलते हैं. ऐसा भी हो सकती है कि हरिद्वार स्टेशन से ही कुछ कोच बरेली से पहुंचे हो और वो दिल्ली से देहरादून जाने वाले ट्रेन से जोड़े जाने हों. इस ट्रेन से दिल्ली से देहरादून जाने वाली ट्रेन से स्लीप कोच हटाने और जोड़कर उसे लिंक एक्सप्रेस बनाने में हरिद्वार स्टेशन पर बहुत वक्त बर्बाद होता है. लेकिन नए फैसले के बाद ये ट्रेन दिल्ली से सीधा देहरादून पहुंचेगी

8 जोड़ी ट्रेनों में ये सुविधा बंद होगी

उत्तर रेलवे 8 जोड़ी ट्रेनों में ये सेवा बंद करने जा रहा है. उत्तर रेलवे के मुताबिक स्लीप कौच और लिंक एक्सप्रेस सर्विस के दौरान कोच को जोड़ने और अलग करने में बहुत वक्त लगता है. इस दौरान ट्रेन स्टेशन पर खड़ी रहती है जिसके कारण ट्रेन लेट भी होती है और यात्रियों को परेशानी का सामना भी करना पड़ता है. रेलवे के मुताबिक इस फैसले से समय की बर्बादी नहीं होगी.

कौन-कौन सी ट्रेनों में बंद हो रही है ये सेवाएं

दिल्ली-देहरादून-मसूरी एक्सप्रेस, हरिद्वार-ऊना हिमाचल जनशताब्दी एक्सप्रेस, वाराणसी-देहरादून एक्सप्रेस, कालका-श्रीगंगानगर, ओखा-देहरादून एक्सप्रेस, कोच्चुवेली-देहरादून एक्सप्रेस, मदुरई-देहरादून एक्सप्रेस और हावड़ा-देहरादून एक्सप्रेस में लिंक एक्सप्रेस और स्लीप कोचेस की सेवाएं बंद की जाएंगी.

रेलवे के मुताबिक

रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक यह सेवा कई मामलों में यात्रियों के लिए सुविधाजनक होती हैं, लेकिन इससे रेलवे की ओवरऑल समय सारणी पर प्रभाव पड़ता है. वहीं हर रूट पर चल रही गाड़ियों की अधिकतम संख्या के बाद यात्रियों के लिए इसे बंद किया जा सकता है. रेलवे की नई टाइम टेबल में कई रेलगाड़ियों की रफ्तार बढ़ाई जा रही है. कई रेलगाड़ियों के फेरे बढ़ाए जा रहे हैं. लिंक सेवा और स्लीप कोच की सेवा को भी हटाया जाएगा.

यात्रियों को फायदा और नुकसान ?

रेलवे के इस फैसले से यात्रियों को फायदा ये होगा कि ट्रेनें समय से चलेंगी और वे अपने डेस्टिनेशन तक सही समय से पहुंच पाएंगे. कई बार उसी रूट पर और आगे के लिए यात्रियों का रिजर्वेशन होता है लेकिन कोचों की अदला-बदली में वक्त लगने के कारण ट्रेन छूट जाती है. अब ऐसा कम हो सकता है.

हालांकि लंबी दूरी की जिन रूट्स के लिए लिंक और अतिरिक्त स्लीप कोचेस की सुविधा दी जाती रही हैं, उन रूट्स के यात्रियों को असुविधा होगी. उनके रूट्स में ट्रेनों की संख्या कम हो जाएंगी.

उदाहरण के लिए नेपाल की सीमा से सटे बिहार के जोगबनी स्टेशन से कटिहार होते हुए सीमांचल एक्सप्रेस दिल्ली तक के लिए चलती हैं. वहीं पश्चिम बंगाल सीमा के करीब राधिकापुर से एक लिंक एक्सप्रेस कटिहार आकर इस ट्रेन में जुड़ जाती है. दोनों ट्रेनें एक होकर दिल्ली के लिए रवाना हो जाती हैं. दिल्ली से वापसी में भी कटिहार में दोनों ट्रेनें अलग होकर अपने-अपने रूट में रवाना हो जाती हैं. इस ट्रेन में नई व्यवस्था लागू हुई तो राधिकापुर रूट के यात्रियों को कटिहार ही उतरना होगा और वहां से दूसरी ट्रेन से राधिकापुर की ओर जाना होगा.

पढ़ें :- उद्धव ने मुंबई-नागपुर बुलेट ट्रेन को दी हरी झंडी, अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन का किया विरोध, पढ़ें खबर

Last Updated : Sep 21, 2021, 3:48 PM IST
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