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कौशल विकास निगम घोटाला: आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर SC ने नायडू को नोटिस जारी किया

हाई कोर्ट द्वारा तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को नियमित जमानत दिए जाने के खिलाफ आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नायडू को नोटिस जारी किया है. हालांकि उन्हें इस दौरान जनसभा और बैठकों में भाग लेने की अनुमति होगी. TDP chief N Chandrababu Naidu,Supreme Court,Skill Development Corporation scam case

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
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By PTI

Published : Nov 28, 2023, 5:48 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू को कौशल विकास निगम घोटाला मामले में नियमित जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर मंगलवार को उनसे (नायडू) जवाब मांगा. न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एस सी शर्मा की पीठ ने नायडू को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब मांगा.

शीर्ष अदालत ने उनकी जमानत शर्तों में भी ढील दे दी और आठ दिसंबर तक जनसभाओं और बैठकों में उन्हें भाग लेने की अनुमति दे दी, जो सुनवाई की अगली तारीख है. पीठ ने कहा, 'नोटिस जारी किया जाए, जिसका जवाब आठ दिसंबर तक देना है. जनसभाओं और बैठकों में भाग लेने से संबंधित शर्तों को छोड़कर जमानत आदेश में लगाई गई अन्य शर्तें जारी रहेंगी.'

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस मामले में नायडू की चार सप्ताह की अंतरिम चिकित्सीय जमानत को पूर्ण जमानत में बदल दिया था और पूर्व मुख्यमंत्री को उनकी उम्र, अधिक उम्र से संबंधित बीमारियों, देश से फरार होने का जोखिम नहीं होने और अन्य कारणों पर विचार करते हुए नियमित जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. उच्च न्याायलय ने कहा था कि कौशल विकास निगम घोटाला मामले के संबंध में कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी करने या सार्वजनिक रैलियों तथा बैठकों का आयोजन करने या उनमें भाग लेने से परहेज करने जैसी अंतरिम जमानत की शर्तें 28 नवंबर तक लागू रहेंगी. उच्च न्यायालय ने कहा कि 29 नवंबर से इन शर्तों में ढील दी जाएगी.

उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए, राज्य सरकार ने कहा कि आरोपी (नायडू) एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और 'उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि एक सरकारी कर्मचारी सहित उनके दो प्रमुख सहयोगी पहले ही देश से भाग जाएं.' बीस नवंबर को, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने नायडू को यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि जमानत देने के विवेकाधिकार का इस्तेमाल मानवीय और सहानुभूतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए.

तेदेपा प्रमुख नायडू की हाल ही में हैदराबाद के एलवी प्रसाद अस्पताल में मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी. उन्हें नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और 31 अक्टूबर को अंतरिम चिकित्सा जमानत पर रिहा किया गया था, जिसे अब नियमित कर दिया गया है. नायडू की हाल में हैदराबाद के एल वी प्रसाद अस्पताल में मोतियाबिंद की सर्जरी हुई. उन्हें नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और 31 अक्टूबर को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया था, जिसे अब नियमित कर दिया गया है.

नायडू को कौशल विकास निगम से कथित तौर पर धन का दुरुपयोग करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था. सत्रह अक्टूबर को, शीर्ष अदालत ने नायडू को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वह कौशल विकास निगम घोटाला मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने से इनकार करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर फैसला सुनाएगी.

ये भी पढ़ें - सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को 284 मणिपुरी छात्रों के अनुरोध की जांच करने का आदेश

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू को कौशल विकास निगम घोटाला मामले में नियमित जमानत देने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आंध्र प्रदेश सरकार की याचिका पर मंगलवार को उनसे (नायडू) जवाब मांगा. न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एस सी शर्मा की पीठ ने नायडू को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब मांगा.

शीर्ष अदालत ने उनकी जमानत शर्तों में भी ढील दे दी और आठ दिसंबर तक जनसभाओं और बैठकों में उन्हें भाग लेने की अनुमति दे दी, जो सुनवाई की अगली तारीख है. पीठ ने कहा, 'नोटिस जारी किया जाए, जिसका जवाब आठ दिसंबर तक देना है. जनसभाओं और बैठकों में भाग लेने से संबंधित शर्तों को छोड़कर जमानत आदेश में लगाई गई अन्य शर्तें जारी रहेंगी.'

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने इस मामले में नायडू की चार सप्ताह की अंतरिम चिकित्सीय जमानत को पूर्ण जमानत में बदल दिया था और पूर्व मुख्यमंत्री को उनकी उम्र, अधिक उम्र से संबंधित बीमारियों, देश से फरार होने का जोखिम नहीं होने और अन्य कारणों पर विचार करते हुए नियमित जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. उच्च न्याायलय ने कहा था कि कौशल विकास निगम घोटाला मामले के संबंध में कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी करने या सार्वजनिक रैलियों तथा बैठकों का आयोजन करने या उनमें भाग लेने से परहेज करने जैसी अंतरिम जमानत की शर्तें 28 नवंबर तक लागू रहेंगी. उच्च न्यायालय ने कहा कि 29 नवंबर से इन शर्तों में ढील दी जाएगी.

उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध करते हुए, राज्य सरकार ने कहा कि आरोपी (नायडू) एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और 'उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि एक सरकारी कर्मचारी सहित उनके दो प्रमुख सहयोगी पहले ही देश से भाग जाएं.' बीस नवंबर को, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने नायडू को यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि जमानत देने के विवेकाधिकार का इस्तेमाल मानवीय और सहानुभूतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए.

तेदेपा प्रमुख नायडू की हाल ही में हैदराबाद के एलवी प्रसाद अस्पताल में मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी. उन्हें नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और 31 अक्टूबर को अंतरिम चिकित्सा जमानत पर रिहा किया गया था, जिसे अब नियमित कर दिया गया है. नायडू की हाल में हैदराबाद के एल वी प्रसाद अस्पताल में मोतियाबिंद की सर्जरी हुई. उन्हें नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था और 31 अक्टूबर को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया था, जिसे अब नियमित कर दिया गया है.

नायडू को कौशल विकास निगम से कथित तौर पर धन का दुरुपयोग करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था. सत्रह अक्टूबर को, शीर्ष अदालत ने नायडू को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वह कौशल विकास निगम घोटाला मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने से इनकार करने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर फैसला सुनाएगी.

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