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Skill Development Corporation Scam Case: आंध्र हाई कोर्ट ने प्राथमिकी रद्द करने संबंधी चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

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By PTI

Published : Sep 19, 2023, 9:28 PM IST

पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ( former CM N Chandrababu Naidu) के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने संबंधी उनकी याचिका पर आंध्र हाई कोर्ट (Andhra Pradesh High Court) ने आदेश सुरक्षित रख लिया है.

Andhra Pradesh High Court)
आंध्र हाई कोर्ट

अमरावती : आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट (Andhra Pradesh High Court) ने कौशल विकास निगम घोटाला मामले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ( former CM N Chandrababu Naidu) के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने संबंधी उनकी याचिका पर मंगलवार को आदेश सुरक्षित रख लिया. अदालत ने नायडू और आंध्र प्रदेश अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के वकीलों की दलीलें सुनीं.

नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और सिद्धार्थ लूथरा ने दलील दी कि सीआईडी ने मामले में राज्यपाल से पूर्व अनुमति नहीं ली थी, क्योंकि पुलिस के लिए जनप्रतिनिधि द्वारा कथित तौर पर किए गए किसी भी अपराध की जांच के लिए पूर्व अनुमोदन लेना एक अनिवार्य आवश्यकता है. सीआईडी की ओर से मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि सीआरपीसी की धारा 17(ए) तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख नायडू पर लागू नहीं होती है. उन्होंने अदालत से कहा कि मामले में आगे गहन जांच की आवश्यकता है. रोहतगी ने कहा कि सरकारी धन का गबन हुआ है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

नायडू को कौशल विकास निगम में धन के दुरुपयोग से जुड़े मामले में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। ऐसे आरोप हैं कि धन के दुरुपयोग से राज्य सरकार को कथित तौर पर 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. नायडू वर्तमान में राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल में बंद हैं.

अमरावती : आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट (Andhra Pradesh High Court) ने कौशल विकास निगम घोटाला मामले में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ( former CM N Chandrababu Naidu) के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने संबंधी उनकी याचिका पर मंगलवार को आदेश सुरक्षित रख लिया. अदालत ने नायडू और आंध्र प्रदेश अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के वकीलों की दलीलें सुनीं.

नायडू की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और सिद्धार्थ लूथरा ने दलील दी कि सीआईडी ने मामले में राज्यपाल से पूर्व अनुमति नहीं ली थी, क्योंकि पुलिस के लिए जनप्रतिनिधि द्वारा कथित तौर पर किए गए किसी भी अपराध की जांच के लिए पूर्व अनुमोदन लेना एक अनिवार्य आवश्यकता है. सीआईडी की ओर से मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि सीआरपीसी की धारा 17(ए) तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख नायडू पर लागू नहीं होती है. उन्होंने अदालत से कहा कि मामले में आगे गहन जांच की आवश्यकता है. रोहतगी ने कहा कि सरकारी धन का गबन हुआ है, जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

नायडू को कौशल विकास निगम में धन के दुरुपयोग से जुड़े मामले में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। ऐसे आरोप हैं कि धन के दुरुपयोग से राज्य सरकार को कथित तौर पर 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. नायडू वर्तमान में राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल में बंद हैं.

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