इंदौर। मध्य प्रदेश के 7 लोगों में कोरोना के नए वैरिएंट AY.4.2 (New Covid-19 variant AY.4.2) की पुष्टि हुई है. सितंबर में ये सभी कोरोना संक्रमित पाए गए थे, उस दौरान उनके सैंपलों को जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था. हाल ही में आई रिपोर्ट में इन लोगों में कोरोना के नए वैरिएंट AY.4.2 होने की पुष्टि हुई है. ये सभी 7 लोग सेना के जवान हैं और 24 सितंबर को सभी पॉजिटिव पाए गए थे.
प्रदेश में इस वैरिएंट के यह पहले मरीज हैं, जिनमें कोरोना के म्यूटेशन के बाद इस वैरिएंट की पुष्टि हुई है. हालांकि यह वैरिएंंट महाराष्ट्र समेत विदेशों में भी सक्रिय है. इंदौर में मिले ये सातों मरीज फिलहाल सामान्य और खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं. लेकिन आपको यह जानना जरूरी कि आखिर कैसे कोरोना के AY.4.2 वैरिएंट से बचा सकता है, और यह कितना खतरनाक है. रिपोर्ट पढ़ें
कितना खतरनाक है AY.4.2 वैरिएंट ?
ये डेल्टा वैरिएंट का ही सब-लीनिएज है. इस वैरिएंट को मूल डेल्टा वैरिएंट से 10 से 15% ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है. हालांकि, फिलहाल AY.4.2 वैरिएंट के बड़े पैमाने पर फैलने की संभावना कम है, लेकिन इसकी जांच लगातार की जा रही हैं. ज्यादा मामले सामने आएंगे तो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से AY.4.2 वैरिएंट को 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' (Variant of Interest) की लिस्ट में शामिल किया जा सकता है.
'डेल्टा' की तुलना में अधिक संक्रामक
महाराष्ट्र में अप्रैल के महीने में किए गए जीनोम सिक्वेसिंग के आधार पर यह पता चला था कि AY.4.2 से करीब 1% लोग संक्रमित हैं. जो जुलाई में बढ़कर 2% हुए और फिर अगस्त में 44% लोग इस वैरिएंट से संक्रमित हुए. अगस्त में लिए गए 308 नमूनों में से 111 लोग यानी 36% डेल्टा (B.1.617.2) से संक्रमित थे, जबकि 137 लोग यानी 44% लोग AY.4.2 वैरिएंट से संक्रमित थे. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि यह वैरिएंट डेल्टा की तुलना में अधिक संक्रामक हो सका है.
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कितना अलग है AY.4.2 वैरिएंट ?
यह डेल्टा वैरिएंट का ही नया रूप है. हालांकि, ये ना तो डेल्टा है और ना ही डेल्टा प्लस. AY.4.2 वेरिएंट सबसे पहले महाराष्ट्र के कुछ मरीजों में देखा गया था. जिसके बाद अब इसने मध्य प्रदेश में भी दस्तक दे दी है. यह वेरिएंट इतना नया है कि इसके बारे में अभी विशेषज्ञों को भी ज्यादा जानकारी नहीं है. इसलिए फिलहाल ये नहीं कहा जा सकता कि यह फैलता कैसे है या कितना गंभीर रूप ले सकता है.
बचाव का क्या है तरीका?
कोविड-19 के किसी भी वेरिएंट से बचने का तरीका वही है. खुद को पूरी तरह वैक्सीनेट कराइए. भले ही कोई वेरिएंट वैक्सीन के सुरक्षा कवच को भेज दे, लेकिन वह मौत के खतरे को काफी कम कर देगी. कुछ देशों में इन्फेक्शन पर कंट्रोल के लिए बूस्टर शॉट भी दिया जा रहा है. इसके अलावा कोविड समुचित व्यवहार बेहद जरूरी है.
राजस्थान के CM ने जताई चिंता
कोरोना के AY.4.2 वैरिएंट को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर चिंता जताई है. उनका कहना है कि यह डेल्टा वैरिएंट से भी अधिक तेजी से फैलता है. लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है.
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संक्रमण क्षमता पर रिसर्च जारी
AY.4.2 डेल्टा वेरिएंट कितना घातक है और उसकी संक्रमण दर कितनी है, इस पर विभिन्न देशों में रिसर्च चल रही है. फिलहाल इंदौर में जितने भी डेल्टा और AY.4.2 डेल्टा वेरिएंट के मरीज हैं, सभी पूरी तरह से सुरक्षित बताए गए हैं. इस मामले में जिले के कोविड डॉक्टर अमित मालाकार ने बताया कि फिलहाल खतरे जैसी स्थिति नहीं है, हालांकि इन मरीजों को आइसोलेट किया गया है, जिन पर डॉक्टरों द्वारा पूरी निगरानी भी रखी जा रही है.
उन्होंने कहा कि जिस रिपोर्ट के आधार पर यह मरीज संक्रमित पाए गए हैं, वह रिपोर्ट भी सितंबर की है इसलिए किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यदि यह वायरस ज्यादा संक्रमण फैलाने वाला होता तो तमाम प्रयासों के बावजूद भी संक्रमण अन्य लोगों को भी फैलता. लेकिन बड़ी संख्या में जो कि लोगों को वैक्सीन लग चुकी है जिसके कारण संक्रमण में पूरी तरह से रोकथाम और नियंत्रण जैसी स्थिति है.
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वेरिएंट पर वैक्सीन कारगर
इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग अध्यक्ष डॉक्टर बी.पी पांडे के मुताबिक, 'कोरोना AY.4.2 डेल्टा वेरिएंट सिर्फ पुराने वायरस का स्टेन है, जो घातक नहीं है, वरना सभी 7 मरीज की स्थिति खराब होती. उन्होंने कहा कि इस वायरस पर भी वैक्सीन पूरी तरह से कारगर है क्योंकि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां संक्रमण की दर तेजी से घटी है, जबकि अमेरिका, मिस्र, यूरोप समेत दुनिया के अन्य 23 देशों में इस तरह के वैरिएंंट का संक्रमण बढ़ रहा है. यह अपने आप में ही वैक्सीन की उपयोगिता सिद्ध करता है, इसलिए सभी लोगों को वैक्सीन लगवाना चाहिए. जिससे कि इस तरह के घातक वेरिएंट से बचा जा सके'.