श्रीनगर: जम्मू कश्मीर पुलिस की विशेष जांच इकाई ने मंगलवार को आतंकवाद से जुड़े एक मामले में दो आतंकवादियों सहित पांच आरोपियों के खिलाफ यहां राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत के समक्ष आरोपपत्र दायर (SIU I presented chargesheet against militants) किया. पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि NIA श्रीनगर की अदालत के समक्ष चनापोरा थाने की प्राथमिकी संख्या 69/2022 में पांच आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया, जिसमें तीन आतंकवादियों के सहयोगी और दो आतंकवादी हैं.
उन्होंने कहा कि एक नवंबर, 2022 को श्रीनगर के चनापोरा पुलिस थाने में 'नाका' पार्टी प्रभारी (चनापोरा पुलिस थाना एसएचओ) से एक डॉकेट प्राप्त होने और तत्कालीन अनुमंडल पुलिस अधिकारी द्वारा की गई जांच के बाद एक मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर पुलिस मुख्यालय के आदेश पर मामला बाद में एसआईयू-आई को स्थानांतरित कर दिया गया था. प्रवक्ता ने कहा कि दो संदिग्धों- सोजिथ लावायपोरा निवासी आमिर मुश्ताक डार और एचएमटी श्रीनगर निवासी काबिल राशिद डार के पास से दो ग्रेनेड बरामद किए गए थे। प्रवक्ता ने कहा कि दोनों को 'नाका' पार्टी ने हरनामबल में एक जांच चौकी पर रोका था.
उन्होंने कहा कि इनबिल्ट सिम कार्ड वाले उनके निजी मोबाइल फोन भी जब्त किए गए थे. उन्होंने कहा कि तदनुसार, एक मामला दर्ज किया गया था और जांच शुरू की गई थी. जांच के दौरान, अन्य सह-आरोपी सोज़िथ निवासी अकीब जमाल भट को पकड़ा गया और उसके खुलासे के आधार पर, एक आईईडी बरामद किया गया था जिसे उसने कथित तौर पर रंगरेथ में रेल पटरी के पास एक गड्ढे में छिपाया था. पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि बम निरोधक दस्ते ने मौके पर ही आईईडी को नष्ट कर दिया.
उन्होंने कहा कि जांच से पता चला है कि तीनों आरोपी कथित तौर पर दो आतंकवादियों मोमिन गुलजार मीर और बासित अहमद डार के लिए आतंकवादी सहयोगियों के रूप में काम करते थे और एक सुनियोजित आपराधिक साजिश के तहत उन्हें रसद सहायता प्रदान कर रहे थे. प्रवक्ता ने कहा कि आरोपियों ने आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कथित तौर पर हथगोले और आईईडी खरीदे थे. आगे उन्होंने कहा कि सामग्री या दस्तावेजी या मौखिक साक्ष्य के आधार पर तीनों गिरफ्तार आरोपी शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराधों में शामिल पाए गए.
प्रवक्ता ने कहा कि आरोपी आतंकवादी मोमिन गुलज़ार मीर और बासित अहमद डार गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत अपराधों में शामिल पाये गए थे लेकिन वे फरार हैं और उनके विरुद्ध दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 299 के तहत कार्यवाही शुरू करना प्रस्तावित है. उन्होंने कहा कि तदनुसार, आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ अभियोजन शुरू करने की मंजूरी गृह विभाग से प्राप्त की गई थी और आरोप पत्र एनआईए अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया.
(PTI भाषा)
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