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प्यारे मियां केस :  पीड़िता के मौत मामले की जांच SIT करेगी , पढ़िए पूरी दास्तां

प्यारे मियां यौन शोषण मामले में नाबालिग की बुधवार को मौत हो गई थी. वहीं गुरुवार को पुलिस ने परिजनों की अनुमति के बिना पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया, जिसके बाद इस मामले में सियासत गर्मा गई है. राहुल गांधी और कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

प्यारे मियां यौन शोषण मामले में होगी पीड़िता के मौत की SIT जांच, पढ़िए पूरी दास्तां
प्यारे मियां यौन शोषण मामले में होगी पीड़िता के मौत की SIT जांच, पढ़िए पूरी दास्तां
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Published : Jan 22, 2021, 5:12 PM IST

भोपाल : प्यारे मियां यौन शोषण कांड में पीड़ित लड़की की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के तरीके पर राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर इस मामले में सरकार और पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं. राहुल ने भाजपा सरकार पर महिलाओं को सुरक्षा न दे पाने का आरोप लगाया है.

दरअसल, पीड़ित नाबालिग की बालिका गृह में नींद की गोली खाने से मौत हो गई है. घर पर परिजन बिटिया के शव का इंतजार करते रहे कि शव आएगा और रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार करेंगे. पुलिस शव को घर न ले जाकर सीधे श्मशान ले गई. वहां परिवार को बुलाकर अंतिम संस्कार कर दिया. इससे परिवार वालों में गुस्सा है. इसी वजह से इस कांड की तुलना उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड से होने लगी. वहां भी पीड़ित का पुलिस ने रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार कर दिया था.

राहुल ने हाथरस घटना से की तुलना
नाबालिग के अंतिम संस्कार करने के तरीके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सवालिया निशान खड़े किए हैं. उन्होंने ट्वीट किया और सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए हैं. राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि हाथरस जैसी अमानवीयता कितनी दोहरायी जाएगी. भाजपा सरकार महिला सुरक्षा में तो फेल है ही, पीड़ितों और उनके परिवार से मानवीय व्यवहार करने में असमर्थ भी है.

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राहुल गांधी ट्वीट

कमलनाथ ने सरकार पर खड़े किए सवाल
इस मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया कि बेहद निंदनीय, बेहद शर्मनाक. शिवराज सरकार में भांजियां कही भी सुरक्षित नहीं. प्रदेश की राजधानी में यौन शोषण की शिकार मासूम बच्चियां बालिका गृह में भी सुरक्षित नहीं. कितनी अमानवीयता, मृत पीड़िता को उसके घर तक नहीं जाने दिया, उससे अपराधियों जैसा व्यवहार.

कमलनाथ ने दूसरा ट्वीट किया कि उसके परिवार को अंतिम रीति- रिवाजों से भी वंचित किया गया , यह कैसी निष्ठुर व्यवस्था ? कहां है जिम्मेदार ? प्रदेश को कितना शर्मशार करेंगे ? मामला बेहद गंभीर, मामले की सीबीआई जांच हो, बाकी बालिकाओं को भी पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जावे.

सीबीआई जांच की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है. मामले की सीबीआई जांच हो. बाकी बालिकाओं को भी पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए. उनके इलाज की भी समुचित व्यवस्था हो. दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई है.

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कमलनाथ ट्वीट

गृहमंत्री ने जांच की कही बात
पीड़िता की मौत के बाद जब इस मामले में राजनीति गरमाई तो एक्शन मोड में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज तक आ गए. जहां गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री से जांच कराने की बात कही. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि डीआईजी भोपाल सतत पीड़ित परिवार के संपर्क में थे. फिर भी आपके द्वारा यह मामला संज्ञान में लाया गया है. मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से निवेदन करूंगा कि इस मामले की जांच कराएं.

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कमलनाथ ट्वीट

शिवराज ने दिए एसआईटी जांच के आदेश

इस मामलेे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, डीजीपी विवेक जौहरी के अलावा भोपाल कलेक्टर, आईजी को भी बुलाया गया. बैठक में मुख्यमंत्री ने घटना को लेकर कड़ी नाराजगी जताई. मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल में बेटी को हम नहीं बचा पाए. यह साधारण घटना नहीं है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री ने पूरी घटना की एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं. शिवराज सिंह ने कहा कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

पीड़ित लड़की का स्कैंडल से कनेक्शन
दरअसल, जिस नाबालिग की मौत हुई है, उसने सबसे पहले प्यारे मियां के खिलाफ 12 जुलाई 2020 को दुष्कर्म को लेकर केस दर्ज कराया था, जिसमें नाबालिग ने आरोप लगाया था कि प्यारे मियां ने उसके साथ तीन साल से जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए हैं. वहीं प्यारे मियां पहले उसे छह महीने तक अपने कोहेफिजा स्थित फ्लेट में रखा था और ढाई साल वह उसे इंदौर स्थित लाजपत राय रोड पर मकान में रखा, जहां प्यारे मियां के साथ उसके करीबी रिश्तेदार औवेज ने भी उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और जबरदस्ती की, जिसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर किया था और मामले की जांच में जुट गई थी. पुलिस ने प्यारे मियां के कोहेफिजा स्थित फ्लेट पर पहुंची तो दीवार पर संदिग्ध स्थिति में लड़कियों के फोटो चस्पा किए थे. वहां से भी पुलिस ने कई तरह की संदिग्ध चीजें बरामद की थी.

एसआईटी की गई थी गठित
उस समय पुलिस ने एसआईटी भी गठित कर थी. पुलिस ने कहा था कि यह मामला बहुत गंभीर है, जिसे देखते हुए एसआईटी गठित की गई है. इस एसआईटी का निर्देशन एसपी साउथ साईं कृष्णा छोटा कर रहे थे, जिनके साथ लगभग नौ टीम आला अधिकारियों की लगी थी. जिसमें एडिशनल एसपी रजत सकलेचा, डीएसपी हिमाली सोनी, सीएसपी उमेश तिवारी, टीआई शाहपुरा, टीआई महिला थाना, टीआई टीटी नगर, टीआई रातीबड़, टीआई कोहेफिजा और थाना प्रभारी श्यामला हिल्स को नियुक्त किया गया था.

प्यारे मियां पर 30 हजार का इनाम था घोषित
मामला बढ़ता देख पुलिस ने प्यारे मियां की खोज उसके ऊपर पहले 10 हजार रुपये की इनामी राशि घोषित की थी. बाद में पुलिस ने इस राशि को बढ़ाकर 30 हजार कर दिया था. कड़ी मशक्कत के बाद आरोपित को पुलिस ने श्रीनगर से गिरफ्तार कर 17 जुलाई को भोपाल लाई थी. पूछताछ में पता चला कि प्यारे मियां ने कोहेफिजा क्षेत्र में भी एक किशोरी के साथ दुष्कर्म किया था, जिसके बाद प्यारे मियां मामले में आए दिन कई खुलासे होने लगे.

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प्यारे मियां, आरोपी

प्यारे मियां एक साथ 5-5 नाबालिग के साथ करता था यौन शोषण
प्यारे मियां एक साथ 5-5 नाबालिग के साथ यौन शोषण करता था. इस घिनौने काम के लिए वह घर में काम करने वाली लड़कियों और उनके परिवार को पैसा देकर खरीदता था और फिर बच्चियों का यौन शोषण करता था. यह बच्चियां 14 से 17 साल की होती थीं. जैसे ही बच्चियां 18 साल की होती थी प्यारे उनकी शादी तक करवा देता था और इस शादी का खर्च भी वह खुद उठाता था. इस खर्च के बदले वह एक नई लड़की की भी डिमांड करता था. वहीं प्यारे मियां नाबालिग लड़कियों को लेकर थाईलैंड, सिंगापुर, दुबई और बैंकॉक लेकर भी जाता था. इस मामले में एक नाबालिग ने बताया था कि उसकी बड़ी बहन की शादी कराने के लिए छोटी बहन को साथ रखने की शर्त प्यारे मियां ने परिवार के सामने रखी थी. तंगहाली के चलते परिवार को यह सौदा करने के लिए मजबूर होना पड़ा. हैरानी बात तो यह है कि आरोपी प्यारे मियां लड़कियों से खुद को अब्बू कहलवाता था.

चपरासी से कैसी बनीं करोड़ों की संपत्ति?
बताया जाता है कि प्यारे मियां कभी भोपाल की एक प्रिंटिंग प्रेस में चपरासी हुआ करता था. इसके बाद ऑपरेटर बना, फिर हॉकर और फिर कुछ रसूखदारों की मदद से उसने खुद का अखबार निकालना शुरू कर दिया और इस तरह वह खुद भी एक पत्रकार बन गया, लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है कि कभी 400 रुपये महीने की नौकरी करने वाले प्यारे मियां ने आखिकार देखते ही देखते राजधानी भोपाल में करोड़ों की संपत्ति कैसे बना ली थी.

राजनीतिक पार्टियों से थे रिश्ते
कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेताओं के साथ प्यारे मियां की तस्वीरें सामने आई थी. पुलिस ने इस केस में प्यारे मियां की पीए स्वीटी विश्वकर्मा, उसके ड्राइवर अनस, मैनेजर ओवैस और लड़कियां अरेंज करने वाली एक महिला रूबिया को भी आरोपी बनाया था.

नाबालिग की कैस हुई मौत?
बता दें कि जुलाई महीने से पांच फरियादी बालिका गृह में रह रही हैं. उनमें से एक नाबालिग ने चार दिन पहले नींद की गोलियां खा ली थी, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ी और हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. नाबालिग की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलने पर उसके परिजन भी अस्पताल पहुंचे, उन्होंने बाल गृह पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. नाबालिग की मां का कहना है कि अगर उनकी बेटी ने कोई नशीला पदार्थ खाया था तो ये आया कहां से? बाल गृह में बाहर से आखिर नींद की गोलियां कैसे पहुंची, जबकि ये सामान्य लोगों तक को मेडिकल शॉप्स पर आसानी से उपलब्ध नहीं. बच्ची जहां एक चॉकलेट नहीं जा सकती थी. वहां इस तरह की लापरवाही कैसे हुई?

लड़की की मौत के पहले क्या हुआ?
इधर यह बात भी सामने आई है कि कुछ दिन पहले बाल गृह की अधीक्षिका और नाबालिग की मां के बीच झगड़ा हुआ था. ऐसा कहा जा रहा है कि इस दौरान मार-पीट तक हो गई थी. पुलिस ने मामला शांत कराया था. बताया जा रहा है कि नाबालिग की मां उसे घर ले जाना चाहती थी, लेकिन वार्डन ने परमिशन नहीं दी. इस केस जुड़ी एक और पीड़िता की तबीयत खराब हुई थी. जिसे जेपी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. हालांकि अब बताया जा रहा है कि उसकी हालत में सुधार है और उसे वापस बाल गृह पहुंचा दिया गया है.

मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर अविनाश लवानिया ने मंगलवार को न्यायायिक जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद बुधवार को अपर मजिस्ट्रेट माया अवस्थी ने जांच शुरू कर दी. इस कड़ी में नेहरू नगर स्थित बालिका गृह में जांच दल भी पहुंचा था. मामले की मजिस्ट्रियल जांच के लिए अधिकारी माया अवस्थी नियुक्त की गई हैं.

अभी बच्चियों की गवाही बाकी है
आरोपी प्यारे मियां के खिलाफ नाबालिग बच्चियों से यौन शोषण के कई मामले दर्ज हैं. प्यारे मियां फिलहाल जेल में है. यह मामला जिला कोर्ट में चल रहा है. अभी बच्चियों की गवाही कोर्ट में होना है. हालांकि कोर्ट में सुनवाई नहीं होने के कारण लंबे समय से बच्चियां बाल गृह में ही रह रहीं हैं.

पीड़िता की मां का आरोप
पीड़िता की मां ने बताया कि वह अपनी बेटी के शव का घर पर इंतजार करती रही और पुलिस ने सीधे अंतिम संस्कार विश्राम घाट पर करा दिया. नाबालिग की मां का आरोप है कि बच्ची की मौत के बाद पीड़िता के चाचा और पिता ने शव घर ले जाने की जिद की. लेकिन पुलिस ने शव देने से इनकार कर दिया. बच्ची का शव सीधे भदभदा विश्राम घाट ले गए. पीड़िता की मां का यह भी कहना है कि हम बच्ची का अंतिम संस्कार अपने रीति-रिवाज के साथ करना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने मुझसे और बच्ची के पिता से जबरदस्ती साइन कराकर गाड़ी में लेकर शव विश्राम घाट ले गए. जहां मेरी बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

पीड़िता की मां का आरोप

भोपाल : प्यारे मियां यौन शोषण कांड में पीड़ित लड़की की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के तरीके पर राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर इस मामले में सरकार और पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं. राहुल ने भाजपा सरकार पर महिलाओं को सुरक्षा न दे पाने का आरोप लगाया है.

दरअसल, पीड़ित नाबालिग की बालिका गृह में नींद की गोली खाने से मौत हो गई है. घर पर परिजन बिटिया के शव का इंतजार करते रहे कि शव आएगा और रीति रिवाज से उसका अंतिम संस्कार करेंगे. पुलिस शव को घर न ले जाकर सीधे श्मशान ले गई. वहां परिवार को बुलाकर अंतिम संस्कार कर दिया. इससे परिवार वालों में गुस्सा है. इसी वजह से इस कांड की तुलना उत्तर प्रदेश के हाथरस कांड से होने लगी. वहां भी पीड़ित का पुलिस ने रात के अंधेरे में अंतिम संस्कार कर दिया था.

राहुल ने हाथरस घटना से की तुलना
नाबालिग के अंतिम संस्कार करने के तरीके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी सवालिया निशान खड़े किए हैं. उन्होंने ट्वीट किया और सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए हैं. राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि हाथरस जैसी अमानवीयता कितनी दोहरायी जाएगी. भाजपा सरकार महिला सुरक्षा में तो फेल है ही, पीड़ितों और उनके परिवार से मानवीय व्यवहार करने में असमर्थ भी है.

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राहुल गांधी ट्वीट

कमलनाथ ने सरकार पर खड़े किए सवाल
इस मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया कि बेहद निंदनीय, बेहद शर्मनाक. शिवराज सरकार में भांजियां कही भी सुरक्षित नहीं. प्रदेश की राजधानी में यौन शोषण की शिकार मासूम बच्चियां बालिका गृह में भी सुरक्षित नहीं. कितनी अमानवीयता, मृत पीड़िता को उसके घर तक नहीं जाने दिया, उससे अपराधियों जैसा व्यवहार.

कमलनाथ ने दूसरा ट्वीट किया कि उसके परिवार को अंतिम रीति- रिवाजों से भी वंचित किया गया , यह कैसी निष्ठुर व्यवस्था ? कहां है जिम्मेदार ? प्रदेश को कितना शर्मशार करेंगे ? मामला बेहद गंभीर, मामले की सीबीआई जांच हो, बाकी बालिकाओं को भी पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जावे.

सीबीआई जांच की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है. मामले की सीबीआई जांच हो. बाकी बालिकाओं को भी पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए. उनके इलाज की भी समुचित व्यवस्था हो. दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई है.

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कमलनाथ ट्वीट

गृहमंत्री ने जांच की कही बात
पीड़िता की मौत के बाद जब इस मामले में राजनीति गरमाई तो एक्शन मोड में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से लेकर मुख्यमंत्री शिवराज तक आ गए. जहां गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री से जांच कराने की बात कही. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि डीआईजी भोपाल सतत पीड़ित परिवार के संपर्क में थे. फिर भी आपके द्वारा यह मामला संज्ञान में लाया गया है. मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से निवेदन करूंगा कि इस मामले की जांच कराएं.

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कमलनाथ ट्वीट

शिवराज ने दिए एसआईटी जांच के आदेश

इस मामलेे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, डीजीपी विवेक जौहरी के अलावा भोपाल कलेक्टर, आईजी को भी बुलाया गया. बैठक में मुख्यमंत्री ने घटना को लेकर कड़ी नाराजगी जताई. मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल में बेटी को हम नहीं बचा पाए. यह साधारण घटना नहीं है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. मुख्यमंत्री ने पूरी घटना की एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं. शिवराज सिंह ने कहा कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

पीड़ित लड़की का स्कैंडल से कनेक्शन
दरअसल, जिस नाबालिग की मौत हुई है, उसने सबसे पहले प्यारे मियां के खिलाफ 12 जुलाई 2020 को दुष्कर्म को लेकर केस दर्ज कराया था, जिसमें नाबालिग ने आरोप लगाया था कि प्यारे मियां ने उसके साथ तीन साल से जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए हैं. वहीं प्यारे मियां पहले उसे छह महीने तक अपने कोहेफिजा स्थित फ्लेट में रखा था और ढाई साल वह उसे इंदौर स्थित लाजपत राय रोड पर मकान में रखा, जहां प्यारे मियां के साथ उसके करीबी रिश्तेदार औवेज ने भी उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और जबरदस्ती की, जिसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर किया था और मामले की जांच में जुट गई थी. पुलिस ने प्यारे मियां के कोहेफिजा स्थित फ्लेट पर पहुंची तो दीवार पर संदिग्ध स्थिति में लड़कियों के फोटो चस्पा किए थे. वहां से भी पुलिस ने कई तरह की संदिग्ध चीजें बरामद की थी.

एसआईटी की गई थी गठित
उस समय पुलिस ने एसआईटी भी गठित कर थी. पुलिस ने कहा था कि यह मामला बहुत गंभीर है, जिसे देखते हुए एसआईटी गठित की गई है. इस एसआईटी का निर्देशन एसपी साउथ साईं कृष्णा छोटा कर रहे थे, जिनके साथ लगभग नौ टीम आला अधिकारियों की लगी थी. जिसमें एडिशनल एसपी रजत सकलेचा, डीएसपी हिमाली सोनी, सीएसपी उमेश तिवारी, टीआई शाहपुरा, टीआई महिला थाना, टीआई टीटी नगर, टीआई रातीबड़, टीआई कोहेफिजा और थाना प्रभारी श्यामला हिल्स को नियुक्त किया गया था.

प्यारे मियां पर 30 हजार का इनाम था घोषित
मामला बढ़ता देख पुलिस ने प्यारे मियां की खोज उसके ऊपर पहले 10 हजार रुपये की इनामी राशि घोषित की थी. बाद में पुलिस ने इस राशि को बढ़ाकर 30 हजार कर दिया था. कड़ी मशक्कत के बाद आरोपित को पुलिस ने श्रीनगर से गिरफ्तार कर 17 जुलाई को भोपाल लाई थी. पूछताछ में पता चला कि प्यारे मियां ने कोहेफिजा क्षेत्र में भी एक किशोरी के साथ दुष्कर्म किया था, जिसके बाद प्यारे मियां मामले में आए दिन कई खुलासे होने लगे.

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प्यारे मियां, आरोपी

प्यारे मियां एक साथ 5-5 नाबालिग के साथ करता था यौन शोषण
प्यारे मियां एक साथ 5-5 नाबालिग के साथ यौन शोषण करता था. इस घिनौने काम के लिए वह घर में काम करने वाली लड़कियों और उनके परिवार को पैसा देकर खरीदता था और फिर बच्चियों का यौन शोषण करता था. यह बच्चियां 14 से 17 साल की होती थीं. जैसे ही बच्चियां 18 साल की होती थी प्यारे उनकी शादी तक करवा देता था और इस शादी का खर्च भी वह खुद उठाता था. इस खर्च के बदले वह एक नई लड़की की भी डिमांड करता था. वहीं प्यारे मियां नाबालिग लड़कियों को लेकर थाईलैंड, सिंगापुर, दुबई और बैंकॉक लेकर भी जाता था. इस मामले में एक नाबालिग ने बताया था कि उसकी बड़ी बहन की शादी कराने के लिए छोटी बहन को साथ रखने की शर्त प्यारे मियां ने परिवार के सामने रखी थी. तंगहाली के चलते परिवार को यह सौदा करने के लिए मजबूर होना पड़ा. हैरानी बात तो यह है कि आरोपी प्यारे मियां लड़कियों से खुद को अब्बू कहलवाता था.

चपरासी से कैसी बनीं करोड़ों की संपत्ति?
बताया जाता है कि प्यारे मियां कभी भोपाल की एक प्रिंटिंग प्रेस में चपरासी हुआ करता था. इसके बाद ऑपरेटर बना, फिर हॉकर और फिर कुछ रसूखदारों की मदद से उसने खुद का अखबार निकालना शुरू कर दिया और इस तरह वह खुद भी एक पत्रकार बन गया, लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है कि कभी 400 रुपये महीने की नौकरी करने वाले प्यारे मियां ने आखिकार देखते ही देखते राजधानी भोपाल में करोड़ों की संपत्ति कैसे बना ली थी.

राजनीतिक पार्टियों से थे रिश्ते
कांग्रेस और भाजपा के बड़े नेताओं के साथ प्यारे मियां की तस्वीरें सामने आई थी. पुलिस ने इस केस में प्यारे मियां की पीए स्वीटी विश्वकर्मा, उसके ड्राइवर अनस, मैनेजर ओवैस और लड़कियां अरेंज करने वाली एक महिला रूबिया को भी आरोपी बनाया था.

नाबालिग की कैस हुई मौत?
बता दें कि जुलाई महीने से पांच फरियादी बालिका गृह में रह रही हैं. उनमें से एक नाबालिग ने चार दिन पहले नींद की गोलियां खा ली थी, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ी और हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. नाबालिग की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलने पर उसके परिजन भी अस्पताल पहुंचे, उन्होंने बाल गृह पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. नाबालिग की मां का कहना है कि अगर उनकी बेटी ने कोई नशीला पदार्थ खाया था तो ये आया कहां से? बाल गृह में बाहर से आखिर नींद की गोलियां कैसे पहुंची, जबकि ये सामान्य लोगों तक को मेडिकल शॉप्स पर आसानी से उपलब्ध नहीं. बच्ची जहां एक चॉकलेट नहीं जा सकती थी. वहां इस तरह की लापरवाही कैसे हुई?

लड़की की मौत के पहले क्या हुआ?
इधर यह बात भी सामने आई है कि कुछ दिन पहले बाल गृह की अधीक्षिका और नाबालिग की मां के बीच झगड़ा हुआ था. ऐसा कहा जा रहा है कि इस दौरान मार-पीट तक हो गई थी. पुलिस ने मामला शांत कराया था. बताया जा रहा है कि नाबालिग की मां उसे घर ले जाना चाहती थी, लेकिन वार्डन ने परमिशन नहीं दी. इस केस जुड़ी एक और पीड़िता की तबीयत खराब हुई थी. जिसे जेपी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. हालांकि अब बताया जा रहा है कि उसकी हालत में सुधार है और उसे वापस बाल गृह पहुंचा दिया गया है.

मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर अविनाश लवानिया ने मंगलवार को न्यायायिक जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद बुधवार को अपर मजिस्ट्रेट माया अवस्थी ने जांच शुरू कर दी. इस कड़ी में नेहरू नगर स्थित बालिका गृह में जांच दल भी पहुंचा था. मामले की मजिस्ट्रियल जांच के लिए अधिकारी माया अवस्थी नियुक्त की गई हैं.

अभी बच्चियों की गवाही बाकी है
आरोपी प्यारे मियां के खिलाफ नाबालिग बच्चियों से यौन शोषण के कई मामले दर्ज हैं. प्यारे मियां फिलहाल जेल में है. यह मामला जिला कोर्ट में चल रहा है. अभी बच्चियों की गवाही कोर्ट में होना है. हालांकि कोर्ट में सुनवाई नहीं होने के कारण लंबे समय से बच्चियां बाल गृह में ही रह रहीं हैं.

पीड़िता की मां का आरोप
पीड़िता की मां ने बताया कि वह अपनी बेटी के शव का घर पर इंतजार करती रही और पुलिस ने सीधे अंतिम संस्कार विश्राम घाट पर करा दिया. नाबालिग की मां का आरोप है कि बच्ची की मौत के बाद पीड़िता के चाचा और पिता ने शव घर ले जाने की जिद की. लेकिन पुलिस ने शव देने से इनकार कर दिया. बच्ची का शव सीधे भदभदा विश्राम घाट ले गए. पीड़िता की मां का यह भी कहना है कि हम बच्ची का अंतिम संस्कार अपने रीति-रिवाज के साथ करना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने मुझसे और बच्ची के पिता से जबरदस्ती साइन कराकर गाड़ी में लेकर शव विश्राम घाट ले गए. जहां मेरी बच्ची का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

पीड़िता की मां का आरोप
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