कोच्चि (केरल): सिल्वरलाइन परियोजना के लिए केरल सरकार की आलोचना करते हुए, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) पीके कुन्हालीकुट्टी ने कहा कि राज्य उधार के कारण श्रीलंकाई त्रासदी की तरफ बढ़ रहा है. स्वतंत्रता के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जुझ रहा है, जिसमें भोजन और ईंधन की कमी, बढ़ती कीमतों और बिजली कटौती से नागरिक काफी परेशान हैं. जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए जिसका अंत पूर्व प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे के साथ हुआ.
राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर हमला करते हुए, आईयूएमएल नेता ने कहा, एलडीएफ सरकार और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन गंभीरता को पहचानने में असमर्थ हैं. सरकार सही तरीके से नहीं जा रही है बल्कि केरल श्रीलंका त्रासदी की ओर बढ़ रहा है. वामपंथी सरकार केरल को गंभीर वित्तीय संकट की ओर धकेल रही है.
जो लोग केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) के कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने में असमर्थ हैं, वे 2 लाख करोड़ रुपये की सिल्वरलाइन परियोजना की बात कर रहे हैं. वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार उन परियोजनाओं को लागू करने की कोशिश कर रही है जो पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं. सेमी हाई-स्पीड रेल परियोजना, जिसे सिल्वरलाइन प्रोजेक्ट के रूप में जाना जाता है, का उद्देश्य उत्तर में कासरगोड को दक्षिण में तिरुवनंतपुरम से जोड़ना है. इससे बारह घंटे की लंबी दूरी चार घंटे में तय की जा सकेगी. इसकी शुरुआत पिनाराई विजयन सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान की थी.
इस बीच, 31 मई को होने वाले थ्रीक्काकारा विधानसभा उपचुनाव के बारे में बात करते हुए पीके कुन्हालीकुट्टी ने एलडीएफ सरकार पर इस पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि एलडीएफ सरकार सांप्रदायिक पक्ष ले रही है. जाति या धर्म के आधार पर राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होना उचित नहीं है. यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) हमेशा अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक सांप्रदायिकता का कड़ा विरोध करता रहा है. थ्रीक्काकारा विधानसभा उपचुनाव 31 मई को होगा। मतगणना 3 जून को होगी.
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एएनआई