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किसान आंदोलन की आड़ में सिखों की देशभक्ति पर सवाल अनुचित : सिरसा

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि इस आंदोलन में उन सिखों की देशभक्ति पर सवाल उठाया जा रहा है, जिन्होंने समय-समय पर यह साबित किया है कि जब भी सेवा की बात आती है, वह पीछे नहीं हटते.

Delhi Sikh Gurdwara Manager Committee
सिरसा
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Published : Dec 12, 2020, 7:52 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर सिखों को बदनाम न करें. सोशल मीडिया पर चल रही तमाम कैंपेन और न्यूज चैनलों पर हो रही बातों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा है कि इस आंदोलन में उन सिखों की देशभक्ति पर सवाल उठाया जा रहा है, जिन्होंने समय-समय पर यह साबित किया है कि जब भी सेवा की बात आती है तब वह पीछे नहीं हटते.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सिरसा का कहना है कि सिखों की धार्मिक भावनाएं इससे आहत हुई हैं और अब सरकार को जरूरत है कि ऐसे तमाम लोगों पर कार्रवाई करे, जो आंदोलन को लेकर अराजकता और भ्रामक जानकारी फैला रहे हैं.

सिखों ने हर आपदा के समय मानवता की सेवा की
शनिवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सिरसा ने कहा कि इतिहास गवाह है कि सिखों ने हर आपदा के समय मानवता की सेवा की है. मौजूदा किसान आंदोलन में बड़ी संख्या में पंजाब के किसान आए हैं. लेकिन ये सिखों का आंदोलन नहीं है. सोशल मीडिया पर सिखों और किसान आंदोलन के लेकर फैलाई जा रही भ्रामक जानकारियों पर लगाम लगाई जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि अगर किसान आंदोलन में कोई व्यक्ति आकर देश विरोधी बातें कर रहा है या उन लोगों का समर्थन कर रहा है जो देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे तो सरकार को उस व्यक्ति पर कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन ऐसे में इस पूरे आंदोलन को गलत नहीं कहा जा सकता.

पढ़ें-कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जारी, सरकार के फैसले पर टिका आंदोलन का भविष्य

सिखों का अपमान करने वाले लोगों पर कार्रवाई की मांग
सिरसा ने मांग की है कि मौजूदा समय में सरकार को किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने सिखों का अपमान करने वाले लोगों पर कार्रवाई की मांग की है.

नई दिल्ली: दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर सिखों को बदनाम न करें. सोशल मीडिया पर चल रही तमाम कैंपेन और न्यूज चैनलों पर हो रही बातों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा है कि इस आंदोलन में उन सिखों की देशभक्ति पर सवाल उठाया जा रहा है, जिन्होंने समय-समय पर यह साबित किया है कि जब भी सेवा की बात आती है तब वह पीछे नहीं हटते.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

सिरसा का कहना है कि सिखों की धार्मिक भावनाएं इससे आहत हुई हैं और अब सरकार को जरूरत है कि ऐसे तमाम लोगों पर कार्रवाई करे, जो आंदोलन को लेकर अराजकता और भ्रामक जानकारी फैला रहे हैं.

सिखों ने हर आपदा के समय मानवता की सेवा की
शनिवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सिरसा ने कहा कि इतिहास गवाह है कि सिखों ने हर आपदा के समय मानवता की सेवा की है. मौजूदा किसान आंदोलन में बड़ी संख्या में पंजाब के किसान आए हैं. लेकिन ये सिखों का आंदोलन नहीं है. सोशल मीडिया पर सिखों और किसान आंदोलन के लेकर फैलाई जा रही भ्रामक जानकारियों पर लगाम लगाई जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि अगर किसान आंदोलन में कोई व्यक्ति आकर देश विरोधी बातें कर रहा है या उन लोगों का समर्थन कर रहा है जो देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे तो सरकार को उस व्यक्ति पर कार्रवाई करनी चाहिए. लेकिन ऐसे में इस पूरे आंदोलन को गलत नहीं कहा जा सकता.

पढ़ें-कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जारी, सरकार के फैसले पर टिका आंदोलन का भविष्य

सिखों का अपमान करने वाले लोगों पर कार्रवाई की मांग
सिरसा ने मांग की है कि मौजूदा समय में सरकार को किसानों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने सिखों का अपमान करने वाले लोगों पर कार्रवाई की मांग की है.

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