लखनऊ : हाथरस कांड के बाद गिरफ्तार किए गए कथित पत्रकार सिद्दीक कप्पन को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ी राहत देते हुए जमानत याचिका को मंजूर कर लिया है. कप्पन पर हवाला से धन प्राप्त करने और इस धन को देश विरोधी गतिविधियों में प्रयोग करने के आरोप है. ईडी द्वारा दर्ज किए गए इस मामले में 31 अक्टूबर 2022 को उसकी जमानत ईडी की विशेष कोर्ट ने खारिज कर दी थी. न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने सिद्दीक कप्पन की जमानत याचिका को मंजूर किया है.
अभियोजन का आरोप (charge of prosecution) है कि ईडी ने एनआईए की रिपोर्ट और चार्जशीट के आधार पर पीएफआई और इससे सम्बंधित व्यक्तियों की जांच शुरू की तो पाया कि यूपी पुलिस ने 7 अक्टूबर 2020 को मसूद अहमद, सिद्दीक कप्पन, अतिकुर रहमान और मोहम्मद आलम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उस समय गिरफ्तार किया था जब वे साम्प्रदयिक सौहार्द बिगाड़ने, दंगे भड़काने और आतंक फैलाने हाथरस जा रहे थे. यह भी आरोप है कि आरोपी सिद्दीक कप्पन पीएफआई के मुखपत्र तेजस डेली में कार्य करता था और पीएफआई का सक्रिय सदस्य है, साथ ही आरोपी को 2015 में दिल्ली में दंगे कराने के लिए नियुक्त किया गया था.
अभियोजन का यह भी आरोप है कि आगे की विवेचना में पता चला कि पीएफआई के सदस्य केए रउफ व अन्य पीएफआई सदस्यों को एक साजिश के तहत विदेश से एक करोड़ 38 लाख रुपये दिए गए तथा रउफ सईद और अन्य सदस्यों ने हाथरस जाकर आतंक फैलाने का षड्यंत्र रचा. ईडी की दिल्ली इकाई विदेशी फंडिग के इस मामले में पीएफआई के खिलाफ पहले से जांच कर रही थी. विवेचना के दौरान पीएफआई के सदस्य अशरफ कादिर व अब्दुल रज्जाक पीडीयक्कल को भी न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
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