नई दिल्ली : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'असली' शिवसेना घोषित किए जाने के एक दिन बाद राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने गुरुवार को कहा कि नाटक की पटकथा बहुत पहले लिखी गई थी और यह सिर्फ एक 'तमाशा' था जिसे हम होते हुए देख रहे थे.
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने बुधवार को माना कि 21 जून, 2022 को शिवसेना में विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा ही 'असली राजनीतिक दल' (असली शिवसेना) है और उन्होंने दोनों गुटों के किसी भी विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया. नार्वेकर का यह फैसला शिंदे के पक्ष में आया जो मुख्यमंत्री के लिए बड़ी राजनीतिक जीत है. शिवसेना में विभाजन के 18 महीने बाद इस फैसले से शीर्ष पद के लिए शिंदे की जगह पक्की हो गई है.
वहीं, लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन में उनकी राजनीतिक ताकत भी बढ़ गई है. सत्तारूढ़ गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का अजित पवार गुट भी शामिल है. सिब्बल ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के अनुसार शिंदे गुट ही असली शिवसेना है. इस नाटक की पटकथा बहुत पहले लिखी गई थी. हमलोग इस तमाशे को होते हुए देख रहे हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यही इस 'लोकतंत्र की जननी' की त्रासदी है. राहुल नार्वेकर ने करीब 105 मिनट तक आदेश के अहम बिंदू पढ़ते हुए शिंदे समेत 16 शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की उद्धव ठाकरे गुट की याचिका भी खारिज कर दी.