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Sibal on Atiq's murder: अतीक की हत्या को सिब्बल ने बताया- 'सफाये की कला'

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने उत्तर प्रदेश शासन पर कई सवाल उठाए हैं.

Sibal raised questions on Atiq's murder; dubbed the 'art of the sweep'
अतीक की हत्या पर सिब्बल ने उठाए सवाल, 'सफाये की कला' करार दिया
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Published : Apr 17, 2023, 1:40 PM IST

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या पर सोमवार को कई सवाल उठाते हुए पूछा कि जब कोई आपात स्थिति नहीं थी तो पुलिस उन्हें रात 10 बजे चिकित्सा जांच के लिए क्यों ले गई और वहां 'मीडिया का प्रवेश' क्यों था? माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात तीन लोगों ने खुद को पत्रकार बताकर उस वक्त गोली मार दी थी, जब वे चिकित्सा जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज में पुलिसकर्मियों द्वारा ले जाते समय पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे. सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, 'अतीक और अशरफ (सफाये की कला).

कपिल सिब्बल के सवाल :

1) चिकित्सा जांच के लिए रात 10 बजे?

2) कोई चिकित्सा आपातकाल नहीं

3) पीड़ितों को पैदल क्यों ले जाया गया?

4) मीडिया के लिए खुला?

5) हत्यारे घटनास्थल पर एक-दूसरे से अंजान थे?

6) 7 लाख से ऊपर के हथियार

7) गोली मारने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित!

8) तीनों ने आत्मसमर्पण कर दिया.

हमलावरों को गोलीबारी के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. यह पूरी घटना कैमरे की मौजूदगी में हुई. रविवार को तीन हमलावरों बांदा के लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर के मोहित उर्फ सनी (23) और कासगंज के अरुण मौर्य (18) को जिला अदालत में पेश किया गया और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. प्राथमिकी के अनुसार, तीनों शूटरों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाने के लिए अहमद भाइयों की हत्या की.

ये भी पढ़ें- Atiq Ahmad Murder case: अतीक, अशरफ हत्याकांड मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जांच CBI को ट्रांसफर करने की मांग

पुलिस ने कहा कि हमलावर पत्रकारों के एक समूह में शामिल हो गए थे, जो अहमद भाइयों से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने बताया कि उन लोगों ने अचानक अपना कैमरा गिरा दिया और बंदूकें निकाल लीं. उत्तर प्रदेश सरकार ने दोनों भाइयों की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है. अहमद बंधुओं की सनसनीखेज हत्या पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उसके शासन में उत्तर प्रदेश में 'जंगलराज' और 'माफिया राज' कायम है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या पर सोमवार को कई सवाल उठाते हुए पूछा कि जब कोई आपात स्थिति नहीं थी तो पुलिस उन्हें रात 10 बजे चिकित्सा जांच के लिए क्यों ले गई और वहां 'मीडिया का प्रवेश' क्यों था? माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात तीन लोगों ने खुद को पत्रकार बताकर उस वक्त गोली मार दी थी, जब वे चिकित्सा जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज में पुलिसकर्मियों द्वारा ले जाते समय पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे. सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, 'अतीक और अशरफ (सफाये की कला).

कपिल सिब्बल के सवाल :

1) चिकित्सा जांच के लिए रात 10 बजे?

2) कोई चिकित्सा आपातकाल नहीं

3) पीड़ितों को पैदल क्यों ले जाया गया?

4) मीडिया के लिए खुला?

5) हत्यारे घटनास्थल पर एक-दूसरे से अंजान थे?

6) 7 लाख से ऊपर के हथियार

7) गोली मारने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित!

8) तीनों ने आत्मसमर्पण कर दिया.

हमलावरों को गोलीबारी के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. यह पूरी घटना कैमरे की मौजूदगी में हुई. रविवार को तीन हमलावरों बांदा के लवलेश तिवारी (22), हमीरपुर के मोहित उर्फ सनी (23) और कासगंज के अरुण मौर्य (18) को जिला अदालत में पेश किया गया और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. प्राथमिकी के अनुसार, तीनों शूटरों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाने के लिए अहमद भाइयों की हत्या की.

ये भी पढ़ें- Atiq Ahmad Murder case: अतीक, अशरफ हत्याकांड मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जांच CBI को ट्रांसफर करने की मांग

पुलिस ने कहा कि हमलावर पत्रकारों के एक समूह में शामिल हो गए थे, जो अहमद भाइयों से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने बताया कि उन लोगों ने अचानक अपना कैमरा गिरा दिया और बंदूकें निकाल लीं. उत्तर प्रदेश सरकार ने दोनों भाइयों की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है. अहमद बंधुओं की सनसनीखेज हत्या पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि उसके शासन में उत्तर प्रदेश में 'जंगलराज' और 'माफिया राज' कायम है.

(पीटीआई-भाषा)

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