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SIA ने सिम कार्ड के दुरुपयोग को लेकर कश्मीर में कई स्थानों पर मारे छापे

आतंकवादियों द्वारा सिम कार्ड के दुरुपयोग और दूरसंचार विक्रेताओं द्वारा फर्जी तरीके से उनकी बिक्री के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जम्मू कश्मीर राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने शनिवार को घाटी के 19 परिसर पर छापे मारे.

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Published : May 7, 2022, 5:41 PM IST

SIA
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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर राज्य जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों, उनके ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू), मादक पदार्थ के तस्करों और अन्य अपराधियों द्वारा सिम कार्ड के बढ़ते दुरुपयोग को देखते हुए ये छापे मारे गए हैं. उन्होंने बताया कि एसआईए ने 11 अलग-अलग मामलों में कश्मीर में 19 परिसर में तलाशी ली.

उन्होंने बताया कि ज्यादातर परिसर प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) विक्रेता के हैं जो दूरसंचार विभाग के नियमों का उल्लंघन कर ये सिम कार्ड बेचते हैं. अधिकारियों ने बताया कि तीन मामलों में प्रारंभिक सबूत यह संकेत देते हैं कि आतंकवादियों को सीमा पार उनके आकाओं तथा जम्मू कश्मीर में अन्य मॉड्यूल से संपर्क बनाए रखने में मदद करने के लिए सिम कार्ड खरीदे गए.

दुरुपयोग का उदाहरण देते हुए अधिकारियों ने कहा कि कुलगाम में चावलगाम में एक पीओएस विक्रेता ने एम/एस एयरटेल माइक्रो वर्ल्ड के नाम से गौहर अहमद हजाम नाम के एक ऐसे व्यक्ति के लिए सिम कार्ड बनाया जो मौजूद ही नहीं है और उसने कुलगाम में कैमोह के एक व्यक्ति को यह कार्ड दे दिया, जो कि आतंकी संगठन अंसार-गजावत-उल-हिंद का ओडब्ल्यूजी निकला.

उन्होंने बताया कि एक अन्य मामले में अनंतनाग के मीर मोहल्ला मोंगहाल के एक पीओएस विक्रेता ने एक सबस्क्राइबर को सिम कार्ड दिया, जिसने उसे हिज्बुल मुजाहिदीन के लिए काम करने वाले एक व्यक्ति को सौंप दिया. अधिकारियों ने बताया कि विक्रेता, सबस्क्राइबर और ओजीडब्ल्यू तीनों के घरों की तलाशी ली गयी ताकि अतिरिक्त साक्ष्य एकत्रित किया जा सके.

प्राधिकारियों ने पीओएस सिम कार्ड विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है जो ग्राहकों के पहचान वाले दस्तावेज चुराने और उनकी जानकारी के बिना सिम कार्ड जारी करने में शामिल पाए गए हैं. अधिकारियों ने गड़बड़ी करने वाले पीओएस सिम कार्ड विक्रेताओं और ग्राहकों से बचने के लिए टेलीफोन सेवा प्रदाताओं को उचित डेटाबेस बनाए रखने की सख्त हिदायत दी है.

यह भी पढ़ें- आर्ट ऑफ गुड लिविंग : रिटायरमेंट लाइफ को एन्जॉय करने के लिए समय रहते करें प्लानिंग

उन्होंने बताया कि साथ ही प्रशासन इस पर विचार कर रहा है कि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर अपना सिम कार्ड किसी मौके और आपात इस्तेमाल के लिए परिवार के सदस्य के अलावा किसी व्यक्ति को देता है तो यह अपराध माना जाएगा. अधिकारियों ने पीओएस सिम कार्ड विक्रेताओं और ग्राहकों को खुद से पुलिस थाने आने और छह से अधिक सिम कार्ड सौंपने को कहा है ताकि वे किसी तरह की आपराधिक कार्रवाई से बच सकें.

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर राज्य जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों, उनके ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू), मादक पदार्थ के तस्करों और अन्य अपराधियों द्वारा सिम कार्ड के बढ़ते दुरुपयोग को देखते हुए ये छापे मारे गए हैं. उन्होंने बताया कि एसआईए ने 11 अलग-अलग मामलों में कश्मीर में 19 परिसर में तलाशी ली.

उन्होंने बताया कि ज्यादातर परिसर प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) विक्रेता के हैं जो दूरसंचार विभाग के नियमों का उल्लंघन कर ये सिम कार्ड बेचते हैं. अधिकारियों ने बताया कि तीन मामलों में प्रारंभिक सबूत यह संकेत देते हैं कि आतंकवादियों को सीमा पार उनके आकाओं तथा जम्मू कश्मीर में अन्य मॉड्यूल से संपर्क बनाए रखने में मदद करने के लिए सिम कार्ड खरीदे गए.

दुरुपयोग का उदाहरण देते हुए अधिकारियों ने कहा कि कुलगाम में चावलगाम में एक पीओएस विक्रेता ने एम/एस एयरटेल माइक्रो वर्ल्ड के नाम से गौहर अहमद हजाम नाम के एक ऐसे व्यक्ति के लिए सिम कार्ड बनाया जो मौजूद ही नहीं है और उसने कुलगाम में कैमोह के एक व्यक्ति को यह कार्ड दे दिया, जो कि आतंकी संगठन अंसार-गजावत-उल-हिंद का ओडब्ल्यूजी निकला.

उन्होंने बताया कि एक अन्य मामले में अनंतनाग के मीर मोहल्ला मोंगहाल के एक पीओएस विक्रेता ने एक सबस्क्राइबर को सिम कार्ड दिया, जिसने उसे हिज्बुल मुजाहिदीन के लिए काम करने वाले एक व्यक्ति को सौंप दिया. अधिकारियों ने बताया कि विक्रेता, सबस्क्राइबर और ओजीडब्ल्यू तीनों के घरों की तलाशी ली गयी ताकि अतिरिक्त साक्ष्य एकत्रित किया जा सके.

प्राधिकारियों ने पीओएस सिम कार्ड विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है जो ग्राहकों के पहचान वाले दस्तावेज चुराने और उनकी जानकारी के बिना सिम कार्ड जारी करने में शामिल पाए गए हैं. अधिकारियों ने गड़बड़ी करने वाले पीओएस सिम कार्ड विक्रेताओं और ग्राहकों से बचने के लिए टेलीफोन सेवा प्रदाताओं को उचित डेटाबेस बनाए रखने की सख्त हिदायत दी है.

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उन्होंने बताया कि साथ ही प्रशासन इस पर विचार कर रहा है कि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर अपना सिम कार्ड किसी मौके और आपात इस्तेमाल के लिए परिवार के सदस्य के अलावा किसी व्यक्ति को देता है तो यह अपराध माना जाएगा. अधिकारियों ने पीओएस सिम कार्ड विक्रेताओं और ग्राहकों को खुद से पुलिस थाने आने और छह से अधिक सिम कार्ड सौंपने को कहा है ताकि वे किसी तरह की आपराधिक कार्रवाई से बच सकें.

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