कुपवाड़ा (कश्मीर): कश्मीर घाटी के जिला कुपवाड़ा में कई जगहों पर राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) की टीमों ने छापेमारी की है. गुरुवार सुबह पुलिस बल के साथ टीमें अलग-अलग जगहों पर पहुंची. इन जगहों से एसआईए ने कई साक्ष्य इकट्ठा किए हैं. इसके बारे में एसआईए के अधिकारी ने बताया कि उग्रवाद को लेकर दर्ज मामले के सिलसिले में राज्य जांच इकाई ने गुरुवार को सीमावर्ती जिले कुपवाड़ा के कई इलाकों में संदिग्धों के आवासों की तलाशी ली.
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने आईपीसी की धारा 120बी, 121, 121ए, 122, 123 और यूएपी अधिनियम के तहत दर्ज मामले के सिलसिले में छापेमारी की. एसएसपी कुपवाड़ा युगल मिन्हास ने कहा कि कुपवाड़ा जिले में उग्रवाद के पारिस्थितिकी तंत्र को नष्ट करने के लिए कुपवाड़ा जिले में सक्रिय आतंकवादियों और पाकिस्तानी आकाओं के खिलाफ शुरू किए गए अभियान के तहत कुपवाड़ा में भी छापेमारी की गई.
उनके मुताबिक, अवैध रूप से पाकिस्तान के कब्जे वाले पाकिस्तान में जाकर हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा, जैश आदि आतंकी संगठनों में शामिल होने वाले 8 आतंकियों के करीबी रिश्तेदारों के घर बंद हैं. उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में यह बात सामने आई है कि उक्त आठ आतंकवादी घुसपैठ के जरिए इस तरफ उग्रवादियों को भेजने, हथियार और गोला-बारूद के साथ-साथ नशीला पदार्थ भी इस तरफ लाने में काफी सक्रिय हैं.
बता दें कि इससे पहले तीन दिसंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस की विशेष जांच एजेंसी (एसआईए) ने आतंकी संगठनों के नेटवर्क पर लगाम कसते हुए आतंकवादी वित्त पोषण के मामले में कश्मीर घाटी में कई स्थानों पर छापेमारी की थी. आतंकवाद से संबंधित मामलों की जांच के लिए पिछले साल गठित एसआईए ने कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामूला, बांदीपोरा, श्रीनगर और बडगाम जिलों में संदिग्धों के घरों और परिसरों में तलाशी ल गई थी.
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जांच एजेंसी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अधिनियम (टाडा/पोटा) श्रीनगर के तहत नामित विशेष न्यायाधीश की अदालत से प्राप्त सर्च वारंट के अनुपालन में तलाशी ली गई. यह तलाशी सीआईके (एसआईए) कश्मीर थाना में पंजीकृत प्राथमिकी संख्या 20/2022 धारा 13, 17, 18, 39, 40 यूए (पी) अधिनियम, 120-बी आईपीसी के मामले की जांच के संबंध में ली गयी है.
बयान में बताया गया कि यह मामला पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अल बदर के सदस्यों से संबंधित है, जो पाकिस्तानी एजेंसियों के सक्रिय समर्थन और मिलीभगत से भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण कार्रवाई करते थे. ये लोग कुछ पहचाने गए व्यक्तियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश के तहत आतंकवादी वारदातों में सक्रिय हैं और केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए धन जुटा रहे थे.
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