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कोविड-19 से मौतों की संख्या को लेकर भारत के पास नहीं कोई आधिकारिक अनुमान : रिपोर्ट

भारत में कोविड-19 से मौतों की संख्या को लेकर आधिकारिक अनुमान में कमी है. इसकी पुष्टि यूएस स्टडी ग्रुप की रिपोर्ट से की गई है. स्टडी ग्रुप ने भारत में महामारी से हुई मौतों को लेकर तीन नए अनुमान लगाए हैं.

कोविड-19
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Published : Jul 22, 2021, 9:06 PM IST

हैदराबाद : भारत में COVID-19 महामारी से मरने वालों की संख्या के आधिकारिक अनुमान का अभाव है. यूएस की स्टडी ग्रुप की रिपोर्ट से इसका पता चला है. साथ ही उन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान भारत में अत्यधिक मौतों को लेकर तीन नए अनुमान लगाए हैं. जून 2021 से महामारी की तीन अलग-अलग डेटा स्रोतों से अधिक मृत्यु दर अनुमानों की रिपोर्ट तैयार की गई है.

  • पहला, सात राज्यों से राज्य-स्तरीय नागरिक पंजीकरण का बाह्य गणना (extrapolation) 3.4 मिलियन अतिरिक्त मौतें बताती है.
  • दूसरा, भारतीय सिरोप्रवैलेंस डेटा (seroprevalence data) के मुताबिक आयु-विशिष्ट संक्रमण मृत्यु दर (Infection Fatality Rates- IFR) के अंतर्राष्ट्रीय अनुमानों को लागू करने का अर्थ है लगभग चार मिलियन का उच्च टोल.
  • तीसरा, कंज्यूमर पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे (Consumer Pyramid Household Survey) के हमारा विश्लेषण, सभी राज्यों में 800,000 से अधिक व्यक्तियों का एक अनुदैर्ध्य पैनल (longitudinal panel), 4.9 मिलियन अतिरिक्त मौतों का अनुमान लगाता है. इनमें से प्रत्येक अनुमान में कमियां हैं और वे महामारी की दोनों लहरों के दौरान हुई मौतों के पैटर्न में भी अंतर बताता है.

सांख्यिकीय विश्वास के साथ कोविड-मौतों (COVID-deaths) का अनुमान लगाना छल साबित हो सकता है. लेकिन सभी अनुमान बताते हैं कि महामारी से मरने वालों की संख्या 400,000 की आधिकारिक गणना से अधिक होने की संभावना है. वे यह भी सुझाव देते हैं कि पहली लहर हमारी सोच से अधिक घातक थी.

हैदराबाद : भारत में COVID-19 महामारी से मरने वालों की संख्या के आधिकारिक अनुमान का अभाव है. यूएस की स्टडी ग्रुप की रिपोर्ट से इसका पता चला है. साथ ही उन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान भारत में अत्यधिक मौतों को लेकर तीन नए अनुमान लगाए हैं. जून 2021 से महामारी की तीन अलग-अलग डेटा स्रोतों से अधिक मृत्यु दर अनुमानों की रिपोर्ट तैयार की गई है.

  • पहला, सात राज्यों से राज्य-स्तरीय नागरिक पंजीकरण का बाह्य गणना (extrapolation) 3.4 मिलियन अतिरिक्त मौतें बताती है.
  • दूसरा, भारतीय सिरोप्रवैलेंस डेटा (seroprevalence data) के मुताबिक आयु-विशिष्ट संक्रमण मृत्यु दर (Infection Fatality Rates- IFR) के अंतर्राष्ट्रीय अनुमानों को लागू करने का अर्थ है लगभग चार मिलियन का उच्च टोल.
  • तीसरा, कंज्यूमर पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे (Consumer Pyramid Household Survey) के हमारा विश्लेषण, सभी राज्यों में 800,000 से अधिक व्यक्तियों का एक अनुदैर्ध्य पैनल (longitudinal panel), 4.9 मिलियन अतिरिक्त मौतों का अनुमान लगाता है. इनमें से प्रत्येक अनुमान में कमियां हैं और वे महामारी की दोनों लहरों के दौरान हुई मौतों के पैटर्न में भी अंतर बताता है.

सांख्यिकीय विश्वास के साथ कोविड-मौतों (COVID-deaths) का अनुमान लगाना छल साबित हो सकता है. लेकिन सभी अनुमान बताते हैं कि महामारी से मरने वालों की संख्या 400,000 की आधिकारिक गणना से अधिक होने की संभावना है. वे यह भी सुझाव देते हैं कि पहली लहर हमारी सोच से अधिक घातक थी.

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