मुंबई : शिवसेना (Shivsena) के नेता आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने बागी धड़े पर अपना हमला तेज करते हुए उन्हें ‘गद्दार’ बताया, जबकि असंतुष्ट धड़े ने ठाकरे परिवार के किसी सदस्य को निशाना नहीं बनाने का संकल्प तोड़ते हुए पूर्व मंत्री को युवराज करार दिया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े के विधायकों को लगता है कि आदित्य ठाकरे ने सीमा पार की है और वह उनके खिलाफ झूठ फैला रहे हैं, जिससे उन पर पलटवार करने का समय आ गया है.
असंतुष्ट विधायकों ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य पर निशाना साधते हुए (shinde group targets aditya thackeray) विधानसभा सत्र के आखिरी दिन विधान भवन की सीढ़ियों पर बैठकर उनके खिलाफ बैनर दिखाए, जिन पर लिखा था, 'युवराजांची दिशा चुकली,' जिसका मतलब है कि युवराज रास्ता भटक गया है. आदित्य ने वार करते हुए बागी विधायकों पर पैसे के लिए पार्टी से बगावत करने का आरोप लगाते हुए '50 खोखे, एकदम ओके' के नारे लगाए. इन विधायकों की बगावत के कारण उद्धव नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार जून में गिर गई थी और एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी.
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिंदे के वफादारों ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव और आदित्य पर निशाना साधते हुए बुधवार को भी इसी प्रकार विरोध किया था. उन्होंने शिवसेना के नियंत्रण वाली बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बैनर दिखाए थे. साथ ही आरोप लगाया था कि ठाकरे पिता-पुत्र ने सत्ता के लिए हिंदुत्व से समझौता किया.
कुछ बैनर पर लिखा था कि राजा (उद्धव) कोविड-19 के डर से घर में रहे, जबकि युवराज (आदित्य) ने खजाना लूटा. शिंदे गुट ने बीएमसी में ठाकरे पिता-पुत्र के सहयोग से भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी भी की. शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ जून में विद्रोह करने के बाद से विधायकों ने संभवत: पहली बार ठाकरे पिता-पुत्र को निशाना बनाया है.
आदित्य पिछले कुछ दिन से बागी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं और उन्हें गद्दार बताते हुए उन पर ऐसे समय में उनके पिता की पीठ पर छुरा घोंपने का आरोप लगा रहे हैं, जब वह बीमार थे. मुंबई के माहिम से विधायक एवं शिवसेना के बागी धड़े में शामिल सदा सर्वांकर ने कहा, "वह (आदित्य) हमें गद्दार कहते हैं, लेकिन उन्होंने ही राकांपा (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर हिंदुत्व की पीठ में छुरा घोंपा है. हम कब तक उनके इन आरोपों को सुनेंगे."
शिवसेना के एक अन्य बागी विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि आदित्य द्वारा फैलाए जा रहे 'झूठ का मुलाबला' करने के लिए उन पर हमला करना आवश्यक है. शिवसेना के एक अन्य बागी विधायक योगेश कदम ने भी कहा, "अभी तक हम चुप थे, क्योंकि ठाकरे उपनाम उनके साथ जुड़ा है. लेकिन अगर अब आप हम पर हमला करेंगे तो हम चुप नहीं बैठेंगे." बहरहाल, शिवसेना इसे आदित्य की जीत के तौर पर देख रही है. पार्टी ने शुक्रवार को अपने मुखपत्र 'सामना' में दिखाया कि किस तरह बागी धड़े को राज्य विधान भवन की सीढ़ियों पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ा और वह आदित्य से कितना 'डरा हुआ' है.
(पीटीआई-भाषा)