मुंबई : अजीत पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने पर शिंदे गुट नीत शिवसेना के एक नेता ने पार्टी में अशांति का संकेत दिया है. नेता संजय शिरसाट ने बुधवार को कहा कि सभी पार्टी नेता राजनीतिक हलचल से नाखुश हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अब आगे की कार्रवाई पर फैसला ले सकते हैं. संजय शिरसाट की यह बयान अजित पवार के रविवार को पाला बदलने और शिंदे-भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में शामिल होने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में राजनीतिक संकट के बीच आई है. बता दें कि गत रविवार को पवार के साथ एनसीपी के आठ और अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है.
शिरसाट ने कहा कि अजित पवार गुट के सरकार में शामिल होने को लेकर उनके समूह के कुछ लोग 'नाराज' थे, क्योंकि हमारे कुछ नेताओं को उन्हें उनकी वांछित पॉजिशन नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा, "राजनीति में जब हमारा प्रतिद्वंद्वी गिरोह हमारे साथ आना चाहता है, तो हमें उन्हें शामिल करना पड़ता है और यही भाजपा ने किया. अजीत पवार नीत एनसीपी के हमारे साथ आने के बाद, शिंदे गुट के लोग परेशान थे क्योंकि हमारे कुछ नेताओं को उनकी वांछित पॉजिशन नहीं मिलेगी. एनसीपी के पार्टी ज्वाइन करने से सभी नेता खुश होने की बात सच नहीं है."
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को उन्होंने सूचित कर दिया है और उन्हें इस मुद्दे को हल करना होगा. उन्होंने आरोप लगाया कि जब उद्धव ठाकरे एमवीए सरकार के मुख्यमंत्री थे, तो शरद पवार सरकार चलाते थे. अब उद्धव ठाकरे शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुट के प्रमुख हैं. उन्होंने कहा, "हम हमेशा एनसीपी के खिलाफ थे और आज भी हम शरद पवार के खिलाफ हैं. शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को सीएम के रूप में इस्तेमाल किया था. जब उद्धव सीएम थे, तो एनसीपी (शरद पवार) सरकार चलाते थे. ऐसे में अब एकनाथ शिंदे को आगे का फैसला करना होगा."
(एएनआई)