ETV Bharat / bharat

पवार ने BJP पर क्षेत्रीय सहयोगियों को खत्म करने का लगाया आरोप, नीतीश कुमार का किया समर्थन

राकांपा के प्रमुख शरद पवार ने यहां मीडिया से बातचीत के दौरान बिहार के सीएम नीतीश कुमार के फैसले का समर्थन किया. वहीं, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे को सलाह दी कि शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर बहस न बढ़ाएं

Sharad Pawar on BJP
Sharad Pawar on BJP
author img

By

Published : Aug 10, 2022, 3:03 PM IST

Updated : Aug 10, 2022, 5:16 PM IST

पुणे : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी पर अपने क्षेत्रीय सहयोगियों को धीरे-धीरे खत्म करने का आरोप लगाया. उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ने के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले का समर्थन किया. महाराष्ट्र में पुणे जिले के बारामती में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने दावा किया कि भाजपा यह योजना बना रही थी कि शिवसेना को कैसे कमजोर किया जाए और उसने पार्टी में फूट डाल दी.

उन्होंने बुधवार को दावा किया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हाल में अपने संबोधन में कहा था कि क्षेत्रीय दलों का कोई भविष्य नहीं है और उनका अस्तित्व नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि देश में केवल उनकी पार्टी रहेगी. राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि इस बयान से एक बात तो स्पष्ट है कि भाजपा अपने सहयोगियों को धीरे-धीरे खत्म कर रही है, जो नीतीश कुमार की भी शिकायत है.

एक उदाहरण देते हुए पवार ने कहा कि अकाली दल जैसी पार्टी उनके (भाजपा) साथ थी. उसके नेता प्रकाश सिंह बादल भाजपा के साथ थे लेकिन आज पार्टी पंजाब में लगभग खत्म हो गयी है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा कई वर्षों तक साथ रहीं. आज भाजपा यह योजना बना रही है कि शिवसेना में फूट डालकर उसे कैसे कमजोर किया जा सकता है. इसमें महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व अन्य ने इसमें मदद की है.

राकांपा नेता ने कहा कि ऐसा करने में शिवसेना पर उस पार्टी ने वार किया जो कभी उसकी सहयोगी थी. उन्होंने बताया कि बिहार में भी ऐसी स्थिति बनती दिख रही थी. जदयू के नीतीश कुमार और भाजपा ने पिछला विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ा था. पवार ने दावा किया कि भाजपा की एक और खासियत है कि वह चुनावों के वक्त क्षेत्रीय दल से हाथ मिलाती है, लेकिन यह सुनिश्चित करती है कि सहयोगी दल कम सीटें जीते. महाराष्ट्र में भी ऐसा ही हुआ.

उन्होंने कहा कि जब बिहार में भी ऐसी ही तस्वीर बनती दिखी तो राज्य के मुख्यमंत्री पहले ही सतर्क हो गए और उन्होंने भाजपा से संबंध तोड़ने का फैसला ले लिया. पवार ने कहा कि चाहे भाजपा नेता नीतीश कुमार की कितनी भी आलोचना करे, लेकिन उन्होंने विवेकपूर्ण फैसला किया है. उन्होंने भाजपा द्वारा पैदा किए जा रहे संकट को भांपते हुए यह फैसला लिया. मुझे लगता है कि उन्होंने अपने राज्य तथा पार्टी के लिए बुद्धिमानी भरा निर्णय लिया.

सीएम एकनाथ शिंदे के शिवसेना के चुनाव चिह्न पर दावा करने को लेकर पवार ने कहा कि धनुष-बाण शिवसेना का प्रतीक है. किसी दल का चुनाव चिह्न हटाना उचित नहीं है. अगर एकनाथ शिंदे अलग स्टैंड लेना चाहते हैं, तो अलग पार्टी बना सकते हैं. उन्होंने कहा, "जब मैंने कांग्रेस छोड़ी तो अलग पार्टी बनाई. एक अलग चुनाव चिह्न लिया. हमने उनके चिह्न का इस्तेमाल नहीं किया. शरद पवार ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर बहस बढ़ाना सही नहीं है.

पुणे : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी पर अपने क्षेत्रीय सहयोगियों को धीरे-धीरे खत्म करने का आरोप लगाया. उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ने के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले का समर्थन किया. महाराष्ट्र में पुणे जिले के बारामती में पत्रकारों से बातचीत में पवार ने दावा किया कि भाजपा यह योजना बना रही थी कि शिवसेना को कैसे कमजोर किया जाए और उसने पार्टी में फूट डाल दी.

उन्होंने बुधवार को दावा किया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हाल में अपने संबोधन में कहा था कि क्षेत्रीय दलों का कोई भविष्य नहीं है और उनका अस्तित्व नहीं रहेगा. उन्होंने कहा कि देश में केवल उनकी पार्टी रहेगी. राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि इस बयान से एक बात तो स्पष्ट है कि भाजपा अपने सहयोगियों को धीरे-धीरे खत्म कर रही है, जो नीतीश कुमार की भी शिकायत है.

एक उदाहरण देते हुए पवार ने कहा कि अकाली दल जैसी पार्टी उनके (भाजपा) साथ थी. उसके नेता प्रकाश सिंह बादल भाजपा के साथ थे लेकिन आज पार्टी पंजाब में लगभग खत्म हो गयी है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा कई वर्षों तक साथ रहीं. आज भाजपा यह योजना बना रही है कि शिवसेना में फूट डालकर उसे कैसे कमजोर किया जा सकता है. इसमें महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व अन्य ने इसमें मदद की है.

राकांपा नेता ने कहा कि ऐसा करने में शिवसेना पर उस पार्टी ने वार किया जो कभी उसकी सहयोगी थी. उन्होंने बताया कि बिहार में भी ऐसी स्थिति बनती दिख रही थी. जदयू के नीतीश कुमार और भाजपा ने पिछला विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ा था. पवार ने दावा किया कि भाजपा की एक और खासियत है कि वह चुनावों के वक्त क्षेत्रीय दल से हाथ मिलाती है, लेकिन यह सुनिश्चित करती है कि सहयोगी दल कम सीटें जीते. महाराष्ट्र में भी ऐसा ही हुआ.

उन्होंने कहा कि जब बिहार में भी ऐसी ही तस्वीर बनती दिखी तो राज्य के मुख्यमंत्री पहले ही सतर्क हो गए और उन्होंने भाजपा से संबंध तोड़ने का फैसला ले लिया. पवार ने कहा कि चाहे भाजपा नेता नीतीश कुमार की कितनी भी आलोचना करे, लेकिन उन्होंने विवेकपूर्ण फैसला किया है. उन्होंने भाजपा द्वारा पैदा किए जा रहे संकट को भांपते हुए यह फैसला लिया. मुझे लगता है कि उन्होंने अपने राज्य तथा पार्टी के लिए बुद्धिमानी भरा निर्णय लिया.

सीएम एकनाथ शिंदे के शिवसेना के चुनाव चिह्न पर दावा करने को लेकर पवार ने कहा कि धनुष-बाण शिवसेना का प्रतीक है. किसी दल का चुनाव चिह्न हटाना उचित नहीं है. अगर एकनाथ शिंदे अलग स्टैंड लेना चाहते हैं, तो अलग पार्टी बना सकते हैं. उन्होंने कहा, "जब मैंने कांग्रेस छोड़ी तो अलग पार्टी बनाई. एक अलग चुनाव चिह्न लिया. हमने उनके चिह्न का इस्तेमाल नहीं किया. शरद पवार ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर बहस बढ़ाना सही नहीं है.

Last Updated : Aug 10, 2022, 5:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.