ग्वालियर। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि "देश में हिंदुओं का अधिकार होना चाहिए और रामराज्य आना चाहिए. विदेशी आक्रांता के हमले के बाद भी हमारा सनातन धर्म अडिग खड़ा रहा. उस परंपरा को समाप्त नहीं किया जा सकता. पहले से ज्यादा हिंदुओं में जागृति उत्पन्न हो रही है और यही कारण है कि कथाओं के पंडालों में सबसे अधिक हिंदू श्रवण करने के लिए पहुंच रहे हैं."
विदेशी संस्कृति को बताया दूषित: जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ग्वालियर पहुंचे, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया. वह रामबाग कॉलोनी में राम कथा का भक्तों को श्रवण कराएंगे. ग्वालियर में उन्होंने पत्रकारों से संवाद किया, जहां उन्होंने नेताओं के द्वारा धर्म और भगवानों के नाम पर टिप्पणी को लेकर कहा कि "वह लोग अज्ञानी हैं, चुनाव में भी योग्यता के आधार पर प्रत्याशियों का चयन होना बहुत जरूरी है क्योंकि यह वही लोग हैं जो राष्ट्र और सरकार का संचालन करते हैं. आप पढ़-लिखकर विदेश जाओ और पैसा कमा कर लाओ लेकिन वहां की संस्कृति बिलकुल मत लाओ क्योंकि वो दूषित है.
सनातन हमारा धर्म: जगद्गुरु शंकराचार्य ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि "जो सत्य बोलता है उसका विरोध होता है." धीरेंद्र कुमार शास्त्री के द्वारा साईं बाबा को लेकर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि यह विषय पहले भी उठ चुका है और उस पर बात हो चुकी है, हम लोग भी यही स्वीकार करते हैं. उन्होंने कहा कि हम लोग सनातनी हैं और सनातन धर्म को मानते हैं और यही हमारा कर्तव्य है. जब तक हमारे अंदर प्राण है तब तक हम पूरी तरीके से सनातनी बने रहेंगे.