रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह को पूरे विधि विधान से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए. इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे. बाबा केदार के कपाट खुलने के बाद पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई. वही, इस मौके पर ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भी मौजूद रहे, लेकिन शंकराचार्य को वीआईपी दर्शन ना कराए जाने पर विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. हालांकि, विवाद बढ़ने पर प्रशासनिक अधिकारियों और बीकेटीसी सदस्यों ने शंकराचार्य को सम्मान के साथ को बाबा केदार के दर्शन कराए.
दरअसल, बाबा केदार के दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है. जिसके तहत ही श्रद्धालुओं को दर्शन करने की अनुमति दी जा रही है. हालांकि, वीआईपी दर्शन के लिए एक अलग व्यवस्था की गई है. बाबा केदार के कपाट खुलने के दौरान केदारनाथ धाम पहुंचे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने वीआईपी दर्शन की मांग की, तो उस दौरान उन्हें वीआईपी दर्शन नहीं कराया गया. जिस पर उन्होंने बीकेटीसी सीईओ योगेंद्र सिंह बीडी सिंह पर आरोप लगाया. अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि बीकेटीसी सीईओ ने उनसे कहा कि शंकराचार्य के लिए यहां पर कोई प्रोटोकॉल की व्यवस्था नहीं है.
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वहीं, भगवान शंकराचार्य की जयंती पर केदारनाथ स्थित उनकी प्रतिमा की अनदेखी किए जाने से अविमुक्तेश्वरानंद काफी नाराज दिखे. उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में भगवान शंकराचार्य की जयंती पूरे उल्लास के साथ मनाई जा रही है, लेकिन यहां धाम पर उनकी प्रतिमा की न तो सफाई की गई और न ही उन पर फुल माला तक चढ़ाया गया है. उन्होंने कहा जब सरकारी व्यवस्था होती है तो इस तरह के हालात देखने को मिलते हैं. सरकारी अधिकारियों की ड्यूटी बना दी जाती है और ड्यूटी करने वाले कभी अपना काम करते हैं और कभी नहीं. जो श्रद्धालु होता है, उनके मन में अलग तरह की भावना होती है. इसलिए हम लोगों का कहना है कि धर्म स्थलों की व्यवस्था श्रद्धालुओं के जिम्मे होनी चाहिए. सरकार ये सब व्यवस्था नहीं कर सकती है.
वहीं, अविमुक्तेश्वरानंद को केदारनाथ के वीआईपी दर्शन नहीं कराने को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा विनाश काले विपरीत बुद्धि जैसा देवभूमि में देखने को मिला है. क्योंकि बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के दौरान शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद को दर्शन नहीं करने दिया गया. पुलिस प्रशासन के अनुसार शंकराचार्य का कोई प्रोटोकॉल नही होता है. जबकि वहां पर अनगिनत वीआईपी दर्शन कर रहे थे. यही नहीं, गरिमा ने कहा धर्म के रक्षक, सबके संरक्षक और पहरेदार शंकराचार्य को ही बाबा केदार के दर्शन करने को नहीं मिलेगा, तो बाबा केदार की तीसरी आंख हम पर रुष्ट हो सकती है.