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आंध्र प्रदेश: श्री दुर्गामल्लेश्वरा स्वामी मंदिर में शुरू हुआ शाकंभरी देवी उत्सव

आंध्र प्रदेश के श्री दुर्गामल्लेश्वरा स्वामी मंदिर में इन दिनों शाकंभरी देवी उत्सव की धूम है. यह उत्सव यहां तीन दिनों तक मनाया जाएगा जिसमें देवी शाकंभरी की विशेष साज सज्जा की जाती है.

Shakambhari Devi festival begins Sri Durgamalleswara Swamy temple andhra pradesh
श्री दुर्गामल्लेश्वरा स्वामी मंदिर शाकंभरी देवी उत्सव आंध्र प्रदेश
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Published : Jul 11, 2022, 11:01 PM IST

विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा स्थित श्री दुर्गामल्लेश्वरा स्वामी मंदिर में तीन दिवसीय शाकंभरी देवी उत्सव सोमवार से शुरु हो गया. इस अवसर पर देवी शाकंभरी का फलों एवं सब्जियों से श्रंगार किया गया. वहीं मंदिर की वेदिक समीति के साथ यहां आए भक्तों ने भी मंदिर की साज सज्जा करने में हाथ बंटाया. मंदिर के कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि उत्सव को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

श्री दुर्गामल्लेश्वरा स्वामी मंदिर में शुरू हुआ शाकंभरी देवी उत्सव

पौराणिक कथाओं के अनुसार, पृथ्वी पर दुर्गम नामक राक्षस ने आंतक मचा दिया था. सौ वर्षों तक वर्षा न होने के कारण भयंकर सूखा पड़ा जिससे लोगों कि मृत्यु होने लगी. इसी दैत्य ने भगवान ब्रम्हा से चारों वेद भी चुरा लिए थे जिससे देवता यज्ञ हवन आदि पूजा पाठ भूल गए. तब देवी दुर्गा माता शाकंभरी के रूप में प्रकट हुईं और दुर्गम राक्षस का अंत कर घोर तपस्या की जिससे पृथ्वी पर सूखे की समस्या खत्म हो गई और धरती पेड़ पौधों से परिपूर्ण हो गई. माता केवल शाकाहारी भोजन ही ग्रहण करती थीं इसलिए उनका नाम शाकंभरी पड़ा.

मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा माता कि सेवा में फल-सब्जियां आदि अर्पित की जाती हैं. इतना ही नहीं, इन सब्जियों एवं फलों से देवी के श्रंगार के लिए भक्त मालाएं भी बनाते हैं. इन तीन दिनों में मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.

यह भी पढ़ें-आषाढ़ी एकादशी पर शिरडी साईं बाबा मंदिर में जुटी भक्तों की भीड़, बंटी 10 टन खिचड़ी

विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा स्थित श्री दुर्गामल्लेश्वरा स्वामी मंदिर में तीन दिवसीय शाकंभरी देवी उत्सव सोमवार से शुरु हो गया. इस अवसर पर देवी शाकंभरी का फलों एवं सब्जियों से श्रंगार किया गया. वहीं मंदिर की वेदिक समीति के साथ यहां आए भक्तों ने भी मंदिर की साज सज्जा करने में हाथ बंटाया. मंदिर के कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि उत्सव को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

श्री दुर्गामल्लेश्वरा स्वामी मंदिर में शुरू हुआ शाकंभरी देवी उत्सव

पौराणिक कथाओं के अनुसार, पृथ्वी पर दुर्गम नामक राक्षस ने आंतक मचा दिया था. सौ वर्षों तक वर्षा न होने के कारण भयंकर सूखा पड़ा जिससे लोगों कि मृत्यु होने लगी. इसी दैत्य ने भगवान ब्रम्हा से चारों वेद भी चुरा लिए थे जिससे देवता यज्ञ हवन आदि पूजा पाठ भूल गए. तब देवी दुर्गा माता शाकंभरी के रूप में प्रकट हुईं और दुर्गम राक्षस का अंत कर घोर तपस्या की जिससे पृथ्वी पर सूखे की समस्या खत्म हो गई और धरती पेड़ पौधों से परिपूर्ण हो गई. माता केवल शाकाहारी भोजन ही ग्रहण करती थीं इसलिए उनका नाम शाकंभरी पड़ा.

मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा माता कि सेवा में फल-सब्जियां आदि अर्पित की जाती हैं. इतना ही नहीं, इन सब्जियों एवं फलों से देवी के श्रंगार के लिए भक्त मालाएं भी बनाते हैं. इन तीन दिनों में मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.

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