अगरतला : त्रिपुरा में विपक्षी नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं पर हुए हमलों के विरोध में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) और छात्र विंग एसएफआई (student federation of india) के कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में पुलिस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया.
डीवाईएफआई (Democratic Youth Federation of India-DYFI) के प्रदेश सचिव नबारुन देब ने आरोप लगाया कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान शहर के रामनगर इलाके में रविवार रात बड़ी संख्या में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एसएफआई (student federation of india) प्रदेश सचिव संदीपन देव के घर पर हमला कर दिया. उन्होंने कहा कि हमलावरों ने पुलिस के सामने 15 मिनट तक संदीपन के घर में उत्पात मचाया. इस हमले में संदीपन और उनके दो भाई घायल हो गए. देब ने कहा, हमलावरों ने नारे भी लगाए और संदीपन और उनके परिवार को चेतावनी दी कि अब से माकपा की गतिविधियां बंद कर दें.
तत्काल कार्रवाई की मांग
डीवाईएफआई (Democratic Youth Federation of India-DYFI) नेताओं और टीवाईएफ (tribal youth Federation-TYF) नेताओं ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय के सामने घेराबंदी कर हमला करने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की. वामपंथी समर्थकों ने नारे लगाए. इस दाैरान आदिवासी युवा संघ (टीवाईएफ) के प्रदेश सचिव अमलेंदु देबबर्मा ने कहा, वे अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. हमारी सामाजिक स्वीकार्यता से नाराज होकर सत्ताधारी पार्टी के समर्थकों ने हिंसा का सहारा लिया है. लेकिन, मैं सबसे पहले यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं, हम हिंसा का सामना करने से पीछे नहीं हटेंगे.
डीवाईएफआई के राज्य सचिव नबरुनदेब (DYFI state secretary NabarunDeb) ने पुलिस को चेतावनी दी कि उपद्रवियों को विफल करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं या वाम दलों के समर्थक प्रतिरोध का अपना तरीका चुनेंगे. उन्हाेंने पुलिस पर निष्क्रिय हाेने का आराेप लगाया.
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