हैदराबाद : हैदराबाद के कुकटपल्ली मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने एक आठ महीने की गर्भवती महिला की हत्या के मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने इस मामले में चार लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने यह सजा सात साल के बच्चे की गवाही और आरोपियों के खिलाफ मिले मजबूत साक्ष्य के आधार पर सुनाई है. बता दें, जनवरी महीने के 5 तारीख को कोर्ट से मृत महिला पिंकी को न्याय मिला है.
दरअसल, बिहार के एक दंपति दिनेश और पिंकी रोजगार के लिए कुछ साल पहले हैदराबाद शहर के कोंडापुर आए थे. कुछ साल बाद पिंकी बिहार के विकास कश्यप के साथ अपने 6 साल के बेटे के साथ रहने लगी. विकास का पहले से ही ममता झा के साथ विवाहेतर संबंध था. ममता के परिवार में उनके पति अनिल झा और बेटा अमरकांत हैं. वहीं, कुछ दिन पहले पिंकी को विकास और ममता के रिश्ते के बारे में पता चला. जिसके बाद विकास और पिंकी के बीच झगड़ा हुआ, और झगड़ा इतना बढ़ गया कि विकास, ममता, अनिल और अमरकांत ने मिलकर पिंकी की पिटाई कर दी. पिंकी पहले से ही आठ महीने की गर्भवती थी. आरोपियों ने उसे इतना मारा कि वह मर गई. जिसके बाद अरोपियों ने पत्थर काटने वाली मशीन से उसके शव के 8 टुकड़े किए और बोरे में डालकर सड़क पर फेंक दिया
पिंकी के बेटे ने कोर्ट को बताया कि वह और उसकी मां विकास के साथ रहने के लिए गाचीबावली सिद्दीकनगर आया था. जिसके बाद उसकी मां पिंकी और विकास के बीच झगड़ा होने लगा. झगड़े के बीच विकास की पत्नी ममता उसका बेटा अमरकांत और अनिल कमरे में आ गए. जिसके बाद उन लोगों ने मिलकर उसकी मां पिंकी की हत्या कर दी और उसे को बाहर ले आए. जब वापस वहा घर के अंदर गया तो उसने देखा कि मां गायब है, फर्श पर खून के धब्बे थे और मां की चूड़ियां टूटी हुई थीं. दो बोरियां जो तब तक खाली थीं. वह भरी हुई पाई गईं. बच्चे ने कोर्ट की सुनवाई में इन सभी दृश्यों के बारे में बताया.
बता दें, जनवरी 2018 में साइबराबाद के गाचीबोवली पुलिस स्टेशन में इस घटना ने सनसनी फैला दी थी. मामले की जांच कर रहे अधिकारी, तत्कालीन इंस्पेक्टर और वर्तमान डीएसपी गंगाधर ने बताया कि इस मामले में सजा को अंतिम रूप देने के लिए मृतक के सात वर्षीय बेटे द्वारा दी गई गवाही बहुत महत्वपूर्ण थी. उन्होंने बताया कि बच्चे ने तीन घंटे तक बिना डरे वकीलों के सवालों का जवाब दिया.