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उत्तराखंड : रेप के आरोपी को कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा - कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में रेप के मामले में दोषी को फांसी की सजा देने का ये पहला मामला है. दोषी ने साढ़े चार साल की बहन के साथ करीब छह महीने तक रेप किया है. पीड़िता के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है.

फांसी की सजा
फांसी की सजा
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Published : Sep 25, 2021, 4:07 AM IST

देहरादून : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सौतेली बहन के साथ रेप करने के मामले में दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. पिथौरागढ़ जिले में ये पहला मामला है, जब रेप के दोषी को मौत की सजा सुनाई गई है. जिला जज जीके शर्मा की अदालत ने ये फैसला दिया है.

दोषी ने सौतेली बहन के साथ करीब छह महीने तक रेप किया है. मामला इसी साल अप्रैल में कोर्ट में पहुंचा था. जिला जज जीके शर्मा ने सभी पक्षों को सुनने के बाद मात्र 6 महीने के भीतर सुनवाई पूरी करते हुए फांसी की सजा का ऐलान किया है. दोषी के खिलाफ जाजरदेवल थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था.

कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

दरअसल, पीड़िता के माता-पिता का देहांत हो चुका था, जिसके बाद वो अपने सौतेले भाई के साथ रहती थी, लेकिन सौतेले भाई ने रिश्तों की परवाह किए बिना लगातार 6 महीने तक पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बनाया. यही नहीं दोषी ने बच्ची के प्राइवेट पार्ट को भी काफी नुकसान पहुंचाया था.

पढ़ें - बिहार : अनोखे फैसले के चलते हुए पावरलेस हुए जज साहब

पड़ोस में रहने वाली महिला को जब इसका पता चला तो उसने पुलिस को सूचना दी थी. जिला शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत का कहना है कि इस फैसले से रेप जैसे घृणित अपराधों को अंजाम देने वालों में कानून का खौफ कायम होगा.

देहरादून : उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सौतेली बहन के साथ रेप करने के मामले में दोषी को फांसी की सजा सुनाई है. पिथौरागढ़ जिले में ये पहला मामला है, जब रेप के दोषी को मौत की सजा सुनाई गई है. जिला जज जीके शर्मा की अदालत ने ये फैसला दिया है.

दोषी ने सौतेली बहन के साथ करीब छह महीने तक रेप किया है. मामला इसी साल अप्रैल में कोर्ट में पहुंचा था. जिला जज जीके शर्मा ने सभी पक्षों को सुनने के बाद मात्र 6 महीने के भीतर सुनवाई पूरी करते हुए फांसी की सजा का ऐलान किया है. दोषी के खिलाफ जाजरदेवल थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था.

कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

दरअसल, पीड़िता के माता-पिता का देहांत हो चुका था, जिसके बाद वो अपने सौतेले भाई के साथ रहती थी, लेकिन सौतेले भाई ने रिश्तों की परवाह किए बिना लगातार 6 महीने तक पीड़िता को अपनी हवस का शिकार बनाया. यही नहीं दोषी ने बच्ची के प्राइवेट पार्ट को भी काफी नुकसान पहुंचाया था.

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पड़ोस में रहने वाली महिला को जब इसका पता चला तो उसने पुलिस को सूचना दी थी. जिला शासकीय अधिवक्ता प्रमोद पंत का कहना है कि इस फैसले से रेप जैसे घृणित अपराधों को अंजाम देने वालों में कानून का खौफ कायम होगा.

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