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पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड मसूद अजहर के भाई लंबू को सेना ने किया ढेर

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों व आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ के दौरान दो आतंकवादी मार गिराए गए हैं. कश्मीर जोन पुलिस के अनुसार सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है.

jammu crime, Pulwama Encounter
सैफुल्ला उर्फ लंबू
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Published : Jul 31, 2021, 5:33 PM IST

Updated : Jul 31, 2021, 6:04 PM IST

श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले (Pulwama Encounter) में डाचीगाम में नामीबियान और मरसर इलाके के बीच पड़ने वाले जंगलों में शनिवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई जिसमें दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया. इन दोनों आतंकवादियों में से एक पुलवामा आत्मघाती हमले में शामिल मोहम्मद इस्माल अल्वी उर्फ लंबू उर्फ अदनान मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार है. दूसरे आतंकी की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने अजहर मसूद के भाई लंबू के मारे जाने की पुष्टि करते हुए इसे सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी बताया है. घटनास्थल से एक एके-47, एक एम-4 राइफल समेत अन्य गोलाबारूद बरामद हुआ है.

चिनार कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने बताया कि सुरक्षा बलों ने (Militancy in Kashmir) आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर शनिवार सुबह दक्षिण कश्मीर के नागबेरान-तारसार वनक्षेत्र में घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया था.

उन्होंने बताया कि तलाशी कर रहे दल पर आतंकवादियों ने गोली चलाई जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दो आतंकी मारे गए हैं. अधिकारी ने बताया कि अभी सर्च अभियान चलाया गया.

आईजीपी कश्मीर ने कहा कि पुलवामा एनकाउंटर में मोहम्मद इस्माल अल्वी उर्फ ​​लंबू उर्फ ​​अदनान मसूद अजहर के परिवार से था. वह लेथपोरा हमले की साजिश और योजना में शामिल था. फिदायीन हमले के दिन तक आदिल डार के साथ रहे, आदिल डार के वायरल वीडियो में उसकी आवाज थी. कहा कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े सबसे बड़े पाकिस्तानी आतंकवादी लंबू को मुठभेड़ में मार गिराया गया. दूसरे आतंकवादी की पहचान की जा रही है.

जानिए कितना खतरनाक था लंबू

लंबू साल 2018 के दिसंबर महीने में कश्मीर में दाखिल हुआ था. उसे पुलवामा जिले के त्राल एरिया में घूमते भी देखा गया था. श्रीनगर से 46 किलोमीटर दूर यह घोर आतंकवाद प्रभावित इलाका रहा है. इस आतंकी के साथी उसकी साढ़े छह फीट लंबाई की वजह से लंबू बुलाते थे. उसे मोनिकर फौजी बाबा भी बुलाया जाता था.

लंबू को जैश ने कश्मीर में अपने कमजोर होते नेटवर्क को मजबूत करने, आईईडी तैयार करने और नए लड़कों की भर्ती करने के लिए भेजा था. इसके अलावा वह फिदायीन (आत्मघाती हमलावर) तैयार करने के लिए युवाओं का ब्रेन वाश कर रहा था. लंबू जैश का आईईडी एक्सपर्ट था. लंबू ने पुलवामा हमले के लिए कार में बम फिट करने में अन्य हमलावरों की मदद की थी. दक्षिणी कश्मीर में लंबू के इशारे पर आतंकी हमलों को अंजाम दिया जाता था. विशेषकर आईईडी हमलों की साजिश वही रचता था.

भारत का मोस्टवांटेड दुश्मन है मसूद अजहर

जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अजहर ओसामा बिन लादेन का करीबी रह चुका है, जो कई अफ्रीकी देशों में आतंक का प्रेरक रहा है और कई पाकिस्तानी मौलवियों को ब्रिटेन की मस्जिदों में धार्मिक प्रवचन के जरिए जिहाद के लिए प्रेरित किया. 50 वर्षीय प्रभावशाली और मास्टरमाइंड आतंकी का प्रभाव इतना बड़ा था कि जब वह 31 दिसंबर, 1999 को कंधार में अपहृत इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 को मुक्त करने के बदले में भारत द्वारा रिहा किया गया तो ओसामा बिन लादेन ने उसी रात भोज की मेजबानी की.

अजहर को 1994 में जम्मू-कश्मीर में जिहाद का प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अजहर की ब्रि‍टिश भर्तियों में से आतंकी समूह हरकत-उल-अंसार (HuA) के सदस्य के रूप में उमर शेख ने उसकी रिहाई के लिए 1994 में भारत में चार पश्चिमी पर्यटकों का अपहरण कर लिया था. अजहर की रिहाई के लिए 1995 में फिर से पांच पश्चिमी पर्यटकों का अपहरण कर लिया गया और अंततः उन्‍हें भी मार डाला गया.

अजहर की रिहाई के लगभग तुरंत बाद जैश-ए-मुहम्मद का गठन किया गया और इसने अप्रैल 2000 में जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर में बादामी बाग छावनी पर आत्‍मघाती हमला किया गया था. 24 वर्षीय आत्‍मघाती हमलावर आसिफ सादिक था जो अजहर की शुरुआती भर्ती और बर्मिंघम के छात्रों में से एक था.

श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले (Pulwama Encounter) में डाचीगाम में नामीबियान और मरसर इलाके के बीच पड़ने वाले जंगलों में शनिवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई जिसमें दो आतंकियों को ढेर कर दिया गया. इन दोनों आतंकवादियों में से एक पुलवामा आत्मघाती हमले में शामिल मोहम्मद इस्माल अल्वी उर्फ लंबू उर्फ अदनान मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का रिश्तेदार है. दूसरे आतंकी की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने अजहर मसूद के भाई लंबू के मारे जाने की पुष्टि करते हुए इसे सुरक्षाबलों की बड़ी कामयाबी बताया है. घटनास्थल से एक एके-47, एक एम-4 राइफल समेत अन्य गोलाबारूद बरामद हुआ है.

चिनार कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे ने बताया कि सुरक्षा बलों ने (Militancy in Kashmir) आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर शनिवार सुबह दक्षिण कश्मीर के नागबेरान-तारसार वनक्षेत्र में घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया था.

उन्होंने बताया कि तलाशी कर रहे दल पर आतंकवादियों ने गोली चलाई जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दो आतंकी मारे गए हैं. अधिकारी ने बताया कि अभी सर्च अभियान चलाया गया.

आईजीपी कश्मीर ने कहा कि पुलवामा एनकाउंटर में मोहम्मद इस्माल अल्वी उर्फ ​​लंबू उर्फ ​​अदनान मसूद अजहर के परिवार से था. वह लेथपोरा हमले की साजिश और योजना में शामिल था. फिदायीन हमले के दिन तक आदिल डार के साथ रहे, आदिल डार के वायरल वीडियो में उसकी आवाज थी. कहा कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े सबसे बड़े पाकिस्तानी आतंकवादी लंबू को मुठभेड़ में मार गिराया गया. दूसरे आतंकवादी की पहचान की जा रही है.

जानिए कितना खतरनाक था लंबू

लंबू साल 2018 के दिसंबर महीने में कश्मीर में दाखिल हुआ था. उसे पुलवामा जिले के त्राल एरिया में घूमते भी देखा गया था. श्रीनगर से 46 किलोमीटर दूर यह घोर आतंकवाद प्रभावित इलाका रहा है. इस आतंकी के साथी उसकी साढ़े छह फीट लंबाई की वजह से लंबू बुलाते थे. उसे मोनिकर फौजी बाबा भी बुलाया जाता था.

लंबू को जैश ने कश्मीर में अपने कमजोर होते नेटवर्क को मजबूत करने, आईईडी तैयार करने और नए लड़कों की भर्ती करने के लिए भेजा था. इसके अलावा वह फिदायीन (आत्मघाती हमलावर) तैयार करने के लिए युवाओं का ब्रेन वाश कर रहा था. लंबू जैश का आईईडी एक्सपर्ट था. लंबू ने पुलवामा हमले के लिए कार में बम फिट करने में अन्य हमलावरों की मदद की थी. दक्षिणी कश्मीर में लंबू के इशारे पर आतंकी हमलों को अंजाम दिया जाता था. विशेषकर आईईडी हमलों की साजिश वही रचता था.

भारत का मोस्टवांटेड दुश्मन है मसूद अजहर

जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख अजहर ओसामा बिन लादेन का करीबी रह चुका है, जो कई अफ्रीकी देशों में आतंक का प्रेरक रहा है और कई पाकिस्तानी मौलवियों को ब्रिटेन की मस्जिदों में धार्मिक प्रवचन के जरिए जिहाद के लिए प्रेरित किया. 50 वर्षीय प्रभावशाली और मास्टरमाइंड आतंकी का प्रभाव इतना बड़ा था कि जब वह 31 दिसंबर, 1999 को कंधार में अपहृत इंडियन एयरलाइंस के विमान IC-814 को मुक्त करने के बदले में भारत द्वारा रिहा किया गया तो ओसामा बिन लादेन ने उसी रात भोज की मेजबानी की.

अजहर को 1994 में जम्मू-कश्मीर में जिहाद का प्रचार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अजहर की ब्रि‍टिश भर्तियों में से आतंकी समूह हरकत-उल-अंसार (HuA) के सदस्य के रूप में उमर शेख ने उसकी रिहाई के लिए 1994 में भारत में चार पश्चिमी पर्यटकों का अपहरण कर लिया था. अजहर की रिहाई के लिए 1995 में फिर से पांच पश्चिमी पर्यटकों का अपहरण कर लिया गया और अंततः उन्‍हें भी मार डाला गया.

अजहर की रिहाई के लगभग तुरंत बाद जैश-ए-मुहम्मद का गठन किया गया और इसने अप्रैल 2000 में जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर में बादामी बाग छावनी पर आत्‍मघाती हमला किया गया था. 24 वर्षीय आत्‍मघाती हमलावर आसिफ सादिक था जो अजहर की शुरुआती भर्ती और बर्मिंघम के छात्रों में से एक था.

Last Updated : Jul 31, 2021, 6:04 PM IST
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