देहरादून (उत्तराखंड): उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में तीन दिन से 40 मजदूर फंसे हुए हैं. उन्हें बचाने की मुहिम जारी है. तमाम रेस्क्यू टीम किसी भी तरह से टनल में फंसे हुए लोगों को निकालने में जुटी हुई हैं. मौके पर उत्तराखंड एसडीआरएफ की टीम भी मोर्चा संभाले हुए है. इतना ही नहीं खुद एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा मौके पर डटे हैं. आज उन्होंने पाइप के माध्यम से फंसे हुए मजदूरों से बातचीत की. उधर से कम आवाज आ रही है. इसके बावजूद राहत एवं बचाव में लगी टीमों को काफी उम्मीद बंधी हुई हैं.
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#WATCH | Uttarakhand: Rescue operations underway in Silkyara Tunnel located on Uttarkashi-Yamnotri road. pic.twitter.com/KNSvGx2cdE
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बता दें कि उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री हाईवे पर सिलक्यारा और बड़कोट के बीच टनल धंस गयी थी. जिसकी वजह से दीपावली की सुबह करीब साढ़े पांच बजे से टनल में 40 मजदूर फंसे हुए हैं. जिन्हें बचाने और निकालने का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है. वॉकी टॉकी से कभी कभार मजदूरों से बात हो पा रही है, लेकिन ज्यादातर समय वॉकी टॉकी काम नहीं कर रहा है. ऐसे में पाइप लाइन 'लाइफ लाइन' बने हुए हैं. इन पाइपों के जरिए ही खाने पीने का सामान भेजा जा रहा है. साथ ही टनल में ये पाइप दूरभाष का काम भी कर रहे हैं. उधर से अगर किसी को परेशानी होती है तो वो पाइप के जरिए रेस्क्यू टीमों तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं.
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Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel accident | CDO Gaurav Kumar says, "I went inside the tunnel just now. Continuous communication is being done with our workers. Communication with them was established at 10 am today. All of them are safe and sound. Edible items and drinking water… pic.twitter.com/NBjT5shtvN
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एसडीआरएफ कमांडेंट से बोले फंसे मजदूर, ऑक्सीजन की कमी मत होने देना: इसी पाइप के जरिए एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने फंसे हुए लोगों से बातचीत की. साथ ही उन्हें किस तरह की जरूरत सबसे ज्यादा है, इसकी जानकारी ली. इसके बाद फंसे हुए लोगों को खाद्य सामग्री में चना, बादाम, बिस्कुट, ओआरएस, सिरदर्द, बुखार आदि की दवाई के साथ पानी की बोतल भिजवाई जा रही है. हर 10 से 15 मिनट बाद उन लोगों से बातचीत करने का सिलसिला जारी है और बारी-बारी से वो लोग अपनी बात भी पहुंचा रहे हैं.
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उनके पास जो वॉकी टॉकी मौजूद है, बताया जा रहा है कि उनकी बैटरी भी खत्म होने की कगार पर है. अभी करीब 30 घंटे और रेस्क्यू को पूरा होने में लग सकते हैं. अंदर फंसे मजदूर लगातार यह मांग कर रहे हैं कि भले ही खाने-पीने का सामान कम भेजें, लेकिन ऑक्सीजन की कमी किसी भी कीमत पर न होने दें. क्योंकि, अंदर उमस और गर्मी काफी है. इतना ही नहीं अब धीरे-धीरे टनल में फंसे लोगों की हालत भी खराब होती जा रही है.
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#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel accident | Uttarkashi DM Abhishek Rohilla says, "The rescue operation is ongoing. Efforts are being made to make a safety passage or a small tunnel with the help of a pipe. Material has been made available at the site. Platform is also… pic.twitter.com/vUk0TyNPje
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हाई अलर्ट पर एम्स ऋषिकेश: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार इस रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर अधिकारियों से बातचीत कर रहे हैं. मौके पर डीएम और एसपी को तैनात रहने को कहा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दो दिन में तीन बार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत कर इस घटना का अपडेट ले चुके हैं. उधर, एम्स ऋषिकेश को हाई अलर्ट पर रखा गया है. जैसे ही लोगों को बाहर निकाल लिया जाता है, तत्काल उन्हें चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाएगी. अगर कुछ कर्मचारियों की हालत ज्यादा खराब होगी तो उन्हें तत्काल हवाई मार्ग से एम्स ऋषिकेश पहुंचाया जाएगा.
मैं अभी टनल के अंदर गया था. कर्मियों से लगातार संवाद किया जा रहा है. आज सुबह 10 बजे उनसे संवाद स्थापित किया गया. वे सभी सुरक्षित और स्वस्थ हैं. खाने-पीने के सामान और पीने के पानी की व्यवस्था की जा रही है. सीएमओ ने कुछ दवाओं की भी व्यवस्था की है, उन्हें भेजा जा रहा है. जहां तक बचाव का सवाल है, पाइप पुशिंग शुरू होने वाली है. उसके लिए प्लेटफॉर्म तैयार किया जा चुका है. हम अपने शेड्यूल के मुताबिक प्रगति कर रहे हैं. उम्मीद है कि प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. -गौरव कुमार, सीडीओ