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Controversy in Tamil Nadu: 'सनातन विरोधी' सर्कुलर को लेकर विवाद, रद्द हुआ सेमिनार

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि के सनातन पर दिया बयान विवाद का कारण बन गया है. वहीं, बढ़ते विरोध और विवाद के बीच तमिलनाडु के तिरुवरुर में एक निर्धारित 'सनातन धर्म विरोधी' सेमिनार रद्द कर दिया गया है. जानिए क्या है पूरा मामला.

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वायरल सर्कुलर
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 15, 2023, 10:52 PM IST

तिरुवरुर (तमिलनाडु): खेल विकास और युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन के चेन्नई में एक समारोह में सनातन के विरोध में दिए बयान ने ऐसा तूल पकड़ा है कि थम नहीं रहा है. हिंदू संगठनों और राजनीतिक दलों खासकर भाजपा ने इसका विरोध किया है.

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वायरल सर्कुलर

भाजपा ने अन्य दक्षिणपंथी समूहों के साथ मिलकर पूरे तमिलनाडु में हिंदू धार्मिक धर्मार्थ संस्थाओं के कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया और सनातन धर्म की अवधारणा का जोरदार विरोध किया. इसके जवाब में, डीएमके ने 15 सितंबर को तिरुवरूर के पास टीएन के पूर्व मुख्यमंत्री अन्ना (दिवंगत) के जन्मदिन के अवसर पर सनातन विरोधी सेमिनार का आयोजन करने का फैसला किया (scheduled anti Sanatana Dharma seminar). मुख्य वक्ता के रूप में द्रविड़ कज़गम के उप महासचिव, एडवोकेट मथिवथानी को आमंत्रित किया.

सर्कुलर को लेकर विरोध : विवाद तब और बढ़ गया जब तिरुवरूर गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज के प्रिंसिपल राजारमन ने विभाग प्रमुखों को एक परिपत्र भेजा, जिसमें सेमिनार के लिए सनातन विरोधी विषयों पर उनके विचार मांगे गए थे. इससे भाजपा सहित दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस संबंधी पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है.

विरोध और गलतफहमियों के जवाब में प्रिंसिपल राजारमन ने स्पष्ट किया कि परिपत्र का उद्देश्य छात्रों को सनातन धर्म पर अपने विचार व्यक्त करना था, न कि कोई विशेष रुख अपनाना. एक वैकल्पिक परिपत्र जारी किया गया, जिससे छात्रों को स्वतंत्र रूप से अपने विषय चुनने की अनुमति मिल गई. आखिरकार इन तनावों के बीच तिरुवरूर के पास कलिंगर कोट्टम के लिए निर्धारित सनातन पर सेमिनार रद्द कर दिया गया.

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भाजपा ने अन्य दक्षिणपंथी समूहों के साथ मिलकर पूरे तमिलनाडु में हिंदू धार्मिक धर्मार्थ संस्थाओं के कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया और सनातन धर्म की अवधारणा का जोरदार विरोध किया. इसके जवाब में, डीएमके ने 15 सितंबर को तिरुवरूर के पास टीएन के पूर्व मुख्यमंत्री अन्ना (दिवंगत) के जन्मदिन के अवसर पर सनातन विरोधी सेमिनार का आयोजन करने का फैसला किया (scheduled anti Sanatana Dharma seminar). मुख्य वक्ता के रूप में द्रविड़ कज़गम के उप महासचिव, एडवोकेट मथिवथानी को आमंत्रित किया.

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विरोध और गलतफहमियों के जवाब में प्रिंसिपल राजारमन ने स्पष्ट किया कि परिपत्र का उद्देश्य छात्रों को सनातन धर्म पर अपने विचार व्यक्त करना था, न कि कोई विशेष रुख अपनाना. एक वैकल्पिक परिपत्र जारी किया गया, जिससे छात्रों को स्वतंत्र रूप से अपने विषय चुनने की अनुमति मिल गई. आखिरकार इन तनावों के बीच तिरुवरूर के पास कलिंगर कोट्टम के लिए निर्धारित सनातन पर सेमिनार रद्द कर दिया गया.

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