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NEET परीक्षा में घोटाला, पास कराने के नाम पर लिए ₹ 50 लाख, CBI ने किया खुलासा

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Published : Sep 24, 2021, 6:57 AM IST

Updated : Sep 24, 2021, 7:20 AM IST

राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (NEET) में बड़े घोटाले की बात सामने आई है. इसके तहत परीक्षा पास कराने के लिए प्रॉक्सी कैंडिडेट का इस्तेमाल किया गया था. साथ ही प्रति छात्र 50 लाख का भुगतान भी हुआ. मामले में सीबीआई के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं. इसी सिलसिले ने सीबीआई ने कई स्थानों पर छापेमारी भी की थी. इसी कारण गिरफ्तारी के डर से पांच छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी थी. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता कृष्णानंद त्रिपाठी की रिपोर्ट...

NEET परीक्षा में घोटाला
NEET परीक्षा में घोटाला

नई दिल्ली: भारत में चिकित्सा-स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रवेश में हो रही धांधली को रोकने के लिए राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (NEET) की शुरुआत की गई थी, लेकिन अब इस परीक्षा में बड़े घोटाले की बात सामने आई है. इसका खुलासा सीबीआई ने किया है. इसके तहत परीक्षा पास कराने के लिए प्रॉक्सी कैंडिडेट का इस्तेमाल किया गया था. साथ ही प्रति छात्र 50 लाख का भुगतान भी हुआ. इस मामले में सीबीआई के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं. सीबीआई सूत्रों ने कहा कि नागपुर में आरके शिक्षा केंद्र के निदेशक परिमल कोटपल्लीवर और पांच अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप दर्ज किए गए हैं. इसी कारण गिरफ्तारी के डर से पांच छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी थी.

जानकारी से पता चला है कि परिमल कोटपल्लीवार ने इच्छुक उम्मीदवारों को धोखाधड़ी और अनुचित तरीके अपनाकर शीर्ष सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की पेशकश की थी. संभावित उम्मीदवारों के माता-पिता से संपर्क किया गया था और उन्हें आश्वासन दिया गया था. प्रॉक्सी उम्मीदवारों का उपयोग करके NEET द्वारा आयोजित की जा रही परीक्षा की प्रक्रिया में हेरफेर करके मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिलाया गया.

जांच में पता चला है कि 10वीं और 12वीं कक्षा के इच्छुक अभ्यर्थियों के माता-पिता से 50 लाख रुपये तक की राशि के पोस्ट डेटेड चेक और मूल अंकतालिकाओं को जमानत के रूप में जमा करने के लिए कहा गया था. कोचिंग सेंटर द्वारा कहा गया था कि तय राशि की वसूली के बाद चेक और मार्कशीट वापस कर दी जाएंगी.

ये भी पढ़ें - तमिलनाडु में NEET परीक्षा नहीं करवाने का विधेयक विधानसभा में पारित

इसीक्रम में शिक्षा मंत्रालय को दी गई सूचना पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने आरके एजुकेशन करियर गाइडेंस, इसके प्रमुख परिमल कोटपल्लीवार और दिवाकर सिंह, मुन्ना नामक एक आरोपी के अलावा कई अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जांच में पता चला है कि 10वीं और 12वीं कक्षा के इच्छुक अभ्यर्थियों के माता-पिता से 50 लाख रुपये तक की राशि के पोस्ट डेटेड चेक और मूल अंकतालिकाओं को जमानत के रूप में जमा करने के लिए कहा गया था. कोचिंग सेंटर द्वारा कहा गया था कि तय राशि की वसूली के बाद चेक और मार्कशीट वापस कर दी जाएंगी.

प्राथमिकी के अनुसार आरोपी ने परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रॉक्सी उम्मीदवारों के उपयोग की सुविधा के लिए तस्वीरों को मिलाने और बदलने की प्रक्रिया का भी इस्तेमाल किया. इसके अलावा जाली पहचान पत्र बनवाने के उद्देश्य से अभ्यर्थियों के ई-आधार कार्ड की प्रतियां एकत्र कीं. इस रैकेट का कोटपल्लीवार मास्टरमाइंड था. हालांकि, पांच परीक्षार्थी जो मूल उम्मीदवारों के स्थान पर परीक्षा में शामिल होने वाले थे, परीक्षा केंद्र में नहीं आए क्योंकि उन्हें उन्हें सीबीआई कार्रवाई का डर था. एजेंसी के एक सूत्र ने ईटीवी भारत को बताया, शायद वे जेईई प्रवेश परीक्षा मामले में एजेंसी द्वारा पहले की गई कार्रवाई से डर गए थे.

ये भी पढ़ें - NEET परीक्षा में फेल होने के डर से एक और छात्रा ने दी जान, चार दिन में तीसरी मौत

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में एजेंसी ने दिल्ली-एनसीआर, पुणे और जमशेदपुर में चल रही जेईई-2021 परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के संबंध में 20 स्थानों पर छापेमारी की थी. इन स्थानों को एक निजी शिक्षा संस्थान एफ़िनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड से जोड़ा गया था, जिसने छात्रों को प्रति उम्मीदवार 10-15 लाख रुपये लेकर IIT-JEE 2021 परीक्षा को क्रैक करने में मदद करने का आश्वासन दिया था. बाद में सीबीआई ने आईआईटी-जेईई धोखाधड़ी मामले में एक सहायक प्रोफेसर और एक लैब टेक्नीशियन सहित चार और लोगों को गिरफ्तार किया था.

NEET 2021 का आयोजन 12 सितंबर (रविवार) को देश भर के नामित परीक्षा केंद्रों पर 13 भाषाओं में किया गया था. यह परीक्षा नई दिल्ली में एम्स जैसे भारत के शीर्ष चिकित्सा संस्थानों सहित अनुमोदित मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीएसएमएस, बीयूएमएस, बीएचएमएस और अन्य स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों जैसे चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों की पात्रता का आकलन करने के लिए आयोजित की जाती है.

नई दिल्ली: भारत में चिकित्सा-स्नातक पाठ्यक्रमों के प्रवेश में हो रही धांधली को रोकने के लिए राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (NEET) की शुरुआत की गई थी, लेकिन अब इस परीक्षा में बड़े घोटाले की बात सामने आई है. इसका खुलासा सीबीआई ने किया है. इसके तहत परीक्षा पास कराने के लिए प्रॉक्सी कैंडिडेट का इस्तेमाल किया गया था. साथ ही प्रति छात्र 50 लाख का भुगतान भी हुआ. इस मामले में सीबीआई के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं. सीबीआई सूत्रों ने कहा कि नागपुर में आरके शिक्षा केंद्र के निदेशक परिमल कोटपल्लीवर और पांच अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप दर्ज किए गए हैं. इसी कारण गिरफ्तारी के डर से पांच छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी थी.

जानकारी से पता चला है कि परिमल कोटपल्लीवार ने इच्छुक उम्मीदवारों को धोखाधड़ी और अनुचित तरीके अपनाकर शीर्ष सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की पेशकश की थी. संभावित उम्मीदवारों के माता-पिता से संपर्क किया गया था और उन्हें आश्वासन दिया गया था. प्रॉक्सी उम्मीदवारों का उपयोग करके NEET द्वारा आयोजित की जा रही परीक्षा की प्रक्रिया में हेरफेर करके मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश दिलाया गया.

जांच में पता चला है कि 10वीं और 12वीं कक्षा के इच्छुक अभ्यर्थियों के माता-पिता से 50 लाख रुपये तक की राशि के पोस्ट डेटेड चेक और मूल अंकतालिकाओं को जमानत के रूप में जमा करने के लिए कहा गया था. कोचिंग सेंटर द्वारा कहा गया था कि तय राशि की वसूली के बाद चेक और मार्कशीट वापस कर दी जाएंगी.

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इसीक्रम में शिक्षा मंत्रालय को दी गई सूचना पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने आरके एजुकेशन करियर गाइडेंस, इसके प्रमुख परिमल कोटपल्लीवार और दिवाकर सिंह, मुन्ना नामक एक आरोपी के अलावा कई अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. जांच में पता चला है कि 10वीं और 12वीं कक्षा के इच्छुक अभ्यर्थियों के माता-पिता से 50 लाख रुपये तक की राशि के पोस्ट डेटेड चेक और मूल अंकतालिकाओं को जमानत के रूप में जमा करने के लिए कहा गया था. कोचिंग सेंटर द्वारा कहा गया था कि तय राशि की वसूली के बाद चेक और मार्कशीट वापस कर दी जाएंगी.

प्राथमिकी के अनुसार आरोपी ने परीक्षा में शामिल होने के लिए प्रॉक्सी उम्मीदवारों के उपयोग की सुविधा के लिए तस्वीरों को मिलाने और बदलने की प्रक्रिया का भी इस्तेमाल किया. इसके अलावा जाली पहचान पत्र बनवाने के उद्देश्य से अभ्यर्थियों के ई-आधार कार्ड की प्रतियां एकत्र कीं. इस रैकेट का कोटपल्लीवार मास्टरमाइंड था. हालांकि, पांच परीक्षार्थी जो मूल उम्मीदवारों के स्थान पर परीक्षा में शामिल होने वाले थे, परीक्षा केंद्र में नहीं आए क्योंकि उन्हें उन्हें सीबीआई कार्रवाई का डर था. एजेंसी के एक सूत्र ने ईटीवी भारत को बताया, शायद वे जेईई प्रवेश परीक्षा मामले में एजेंसी द्वारा पहले की गई कार्रवाई से डर गए थे.

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बता दें कि इस महीने की शुरुआत में एजेंसी ने दिल्ली-एनसीआर, पुणे और जमशेदपुर में चल रही जेईई-2021 परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के संबंध में 20 स्थानों पर छापेमारी की थी. इन स्थानों को एक निजी शिक्षा संस्थान एफ़िनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड से जोड़ा गया था, जिसने छात्रों को प्रति उम्मीदवार 10-15 लाख रुपये लेकर IIT-JEE 2021 परीक्षा को क्रैक करने में मदद करने का आश्वासन दिया था. बाद में सीबीआई ने आईआईटी-जेईई धोखाधड़ी मामले में एक सहायक प्रोफेसर और एक लैब टेक्नीशियन सहित चार और लोगों को गिरफ्तार किया था.

NEET 2021 का आयोजन 12 सितंबर (रविवार) को देश भर के नामित परीक्षा केंद्रों पर 13 भाषाओं में किया गया था. यह परीक्षा नई दिल्ली में एम्स जैसे भारत के शीर्ष चिकित्सा संस्थानों सहित अनुमोदित मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस, बीडीएस, बीएएमएस, बीएसएमएस, बीयूएमएस, बीएचएमएस और अन्य स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रमों जैसे चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों की पात्रता का आकलन करने के लिए आयोजित की जाती है.

Last Updated : Sep 24, 2021, 7:20 AM IST
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