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SC ने केंद्रीय मंत्री के बेटे से जुड़े लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुनवाई खत्म होने की समय सारिणी मांगी - लखीमपुर खीरी हिंसा मामला

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लखीमपुर खीरी में अक्टूबर 2021 में प्रदर्शनकारी किसानों को कुचलने के मामले में सत्र अदालत के न्यायाधीश से मुकदमे की सुनवाई पूरा करने के लिए अस्थायी समय-सारणी स्पष्ट करने के लिए कहा है. उक्त आदेश दो सदस्यीय पीठ ने दिया.

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Published : Dec 12, 2022, 3:21 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को सत्र अदालत के न्यायाधीश से लखीमपुर खीरी में अक्टूबर 2021 में प्रदर्शनकारी किसानों को कुचलने के मामले में कथित हत्या और संबंधित अपराधों के मुकदमे की सुनवाई पूरा करने के लिए अस्थायी समय-सारणी स्पष्ट करने के लिए कहा. इस मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष और 12 अन्य के खिलाफ मुकदमा चल रहा है. शीर्ष अदालत ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए अपराध को गंभीर करार देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार से भी कहा कि वह एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) में सवार तीन लोगों की हत्या के सिलसिले में दायर दूसरे मामले में स्थिति को लेकर एक हलफनामा दायर करे. इसी एसयूवी से कथित तौर पर किसानों को कुचल दिया गया था.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि आरोपी, पीड़ितों और समाज सहित सभी पक्षों के हितों में संतुलन साधने की जरूरत है. पीठ ने कहा, 'हमें यह देखना होगा कि जो आरोपी एक साल से अधिक समय से जेल के अंदर है, उसके भी अधिकार हैं. अब आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है और आरोप तय किए जा चुके हैं. पीड़ितों और गवाहों के भी अपने अधिकार हैं. यहां तक कि समाज भी मामले में रुचि रखता है. अब, हमें मामले में सभी के अधिकारों को संतुलित करना होगा.'

पीठ ने कार सवार लोगों की हत्या के दूसरे मामले की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश से भी कहा कि वह आरोप तय करने की वांछनीयता पर विचार करें. इसके साथ ही पीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 11 जनवरी तय की. इससे पहले छह दिसंबर को निचली अदालत ने आशीष मिश्रा और 12 अन्य आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश और अन्य संबंधित धाराओं में आरोप तय किए गए थे. इसके साथ ही मुकदमे की सुनवाई शुरू होने का रास्ता साफ हो गया था.

कुल 13 अभियुक्तों पर भारतीय दंड विधान की धारा 147 (बलवा), 148 (धारदार हथियार लेकर बलवा करना), 149 (गैरकानूनी जमावड़े में शामिल किसी सदस्य द्वारा अपराध किया जाना), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 326 (खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छापूर्वक नुकसान पहुंचाना), 427 (आर्थिक नुकसान पहुंचाना) और 120 (ख) (साजिश रचना) और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 के तहत आरोप तय किए गए. इस मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा है.

ये भी पढ़ें - SC ने केंद्र को हिंदू उत्तराधिकार कानून के प्रावधानों में संशोधन पर विचार करने का निर्देश दिया

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को सत्र अदालत के न्यायाधीश से लखीमपुर खीरी में अक्टूबर 2021 में प्रदर्शनकारी किसानों को कुचलने के मामले में कथित हत्या और संबंधित अपराधों के मुकदमे की सुनवाई पूरा करने के लिए अस्थायी समय-सारणी स्पष्ट करने के लिए कहा. इस मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष और 12 अन्य के खिलाफ मुकदमा चल रहा है. शीर्ष अदालत ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए अपराध को गंभीर करार देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार से भी कहा कि वह एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) में सवार तीन लोगों की हत्या के सिलसिले में दायर दूसरे मामले में स्थिति को लेकर एक हलफनामा दायर करे. इसी एसयूवी से कथित तौर पर किसानों को कुचल दिया गया था.

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि आरोपी, पीड़ितों और समाज सहित सभी पक्षों के हितों में संतुलन साधने की जरूरत है. पीठ ने कहा, 'हमें यह देखना होगा कि जो आरोपी एक साल से अधिक समय से जेल के अंदर है, उसके भी अधिकार हैं. अब आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है और आरोप तय किए जा चुके हैं. पीड़ितों और गवाहों के भी अपने अधिकार हैं. यहां तक कि समाज भी मामले में रुचि रखता है. अब, हमें मामले में सभी के अधिकारों को संतुलित करना होगा.'

पीठ ने कार सवार लोगों की हत्या के दूसरे मामले की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश से भी कहा कि वह आरोप तय करने की वांछनीयता पर विचार करें. इसके साथ ही पीठ ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 11 जनवरी तय की. इससे पहले छह दिसंबर को निचली अदालत ने आशीष मिश्रा और 12 अन्य आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश और अन्य संबंधित धाराओं में आरोप तय किए गए थे. इसके साथ ही मुकदमे की सुनवाई शुरू होने का रास्ता साफ हो गया था.

कुल 13 अभियुक्तों पर भारतीय दंड विधान की धारा 147 (बलवा), 148 (धारदार हथियार लेकर बलवा करना), 149 (गैरकानूनी जमावड़े में शामिल किसी सदस्य द्वारा अपराध किया जाना), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 326 (खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छापूर्वक नुकसान पहुंचाना), 427 (आर्थिक नुकसान पहुंचाना) और 120 (ख) (साजिश रचना) और मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 के तहत आरोप तय किए गए. इस मामले में मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा है.

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(पीटीआई-भाषा)

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