नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि जम्मू के उपजेल में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या अवैध प्रवासी हैं. उन्हें कानून का पालन किए बगैर डिपोर्ट नहीं किया जा सकता है.
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने उस याचिका पर यह आदेश पारित किया जिसमें जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या शरणार्थियों को तुरंत रिहा करने और उन्हें म्यांमार प्रत्यर्पित करने से रोकने के लिए केंद्र को निर्देश देने के लिए अनुरोध किया गया था.
केंद्र ने इससे पहले याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि भारत अवैध प्रवासियों की राजधानी नहीं बन सकता.
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से पेश अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि रोहिंग्या बच्चों की हत्याएं कर दी जाती है और उन्हें यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है तथा म्यांमार की सेना अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का पालन करने में नाकाम रही है.