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सेंट्रल विस्टा निर्माण : दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील रद्द

कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर देश की सर्वोच्च अदालत ने 'सेंट्रल विस्टा' के निर्माण कार्य को रोकने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका को खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका आज खारिज कर दी है.

सेंट्रल विस्टा
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Published : Jun 29, 2021, 1:45 PM IST

Updated : Jun 29, 2021, 3:14 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने 'सेंट्रल विस्टा' (central vista) के निर्माण कार्य को कोरोना वायरस वैश्विक महामारी (corona virus global pandemic) के मद्देनजर रोकने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका को खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश (Challenging the order of Delhi High Court) को चुनौती देने वाली याचिका आज (मंगलवार) खारिज कर दी.

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर (Justice AM Khanwilkar), न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी (Justice Dinesh Maheshwari) और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस (Justice Aniruddha Bose) की पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं (No interference in High Court order) करना चाहती, क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने चुनिंदा रूप से सेंट्रल विस्टा परियोजना को रोकने का अनुरोध किया और राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन के दौरान जारी अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं के बारे में बुनियादी शोध भी नहीं किया.

पीठ ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका के बारे में कहा था कि यह 'दुर्भावना से प्रेरित' थी और इसमें 'प्रामाणिकता का अभाव' था. यह भी एक नजरिया हो सकता है.

पढ़ें- SC ने 31 जुलाई तक दिए 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना लागू करने के निर्देश

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर लगाए गए एक लाख रुपये के जुर्माने के मामले में भी हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और एक नए आवासीय परिसर के निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री और उप-राष्ट्रपति के आवास के साथ-साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालयों के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण होना है.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने 'सेंट्रल विस्टा' (central vista) के निर्माण कार्य को कोरोना वायरस वैश्विक महामारी (corona virus global pandemic) के मद्देनजर रोकने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका को खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश (Challenging the order of Delhi High Court) को चुनौती देने वाली याचिका आज (मंगलवार) खारिज कर दी.

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर (Justice AM Khanwilkar), न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी (Justice Dinesh Maheshwari) और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस (Justice Aniruddha Bose) की पीठ ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं (No interference in High Court order) करना चाहती, क्योंकि याचिकाकर्ताओं ने चुनिंदा रूप से सेंट्रल विस्टा परियोजना को रोकने का अनुरोध किया और राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन के दौरान जारी अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं के बारे में बुनियादी शोध भी नहीं किया.

पीठ ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका के बारे में कहा था कि यह 'दुर्भावना से प्रेरित' थी और इसमें 'प्रामाणिकता का अभाव' था. यह भी एक नजरिया हो सकता है.

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शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं पर लगाए गए एक लाख रुपये के जुर्माने के मामले में भी हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

परियोजना के तहत एक नए संसद भवन और एक नए आवासीय परिसर के निर्माण की परिकल्पना की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री और उप-राष्ट्रपति के आवास के साथ-साथ कई नए कार्यालय भवन और मंत्रालयों के कार्यालयों के लिए केंद्रीय सचिवालय का निर्माण होना है.

Last Updated : Jun 29, 2021, 3:14 PM IST
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