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PM Degree row: SC से पीएम मोदी की शैक्षणिक डिग्री मानहानि मामले में केजरीवाल की याचिका खारिज - Gujarat University

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Delhi cm Arvind Kejriwal) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिमसें पीएम नरेंद्र मोदी की शैक्षणिक डिग्री से जुड़े मामले में उनकी व्यक्तिगत रूप से मौजूद रहने की मांग पर हस्तक्षेप करने की मांग की गई थी.

Kejriwals petition dismissed
केजरीवाल की याचिका खारिज
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 25, 2023, 5:00 PM IST

Updated : Aug 25, 2023, 6:15 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की डिग्री से जुड़े विवाद में गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका खारिज की. उच्च न्यायालय ने गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर मानहानि मामले पर रोक लगाने के अरविंद केजरीवाल के अनुरोध को खारिज कर दिया था.

आरटीआई अधिनियम के तहत मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने के मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा रद्द करने के बाद गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी को लेकर मानहानि का मामला दायर किया था. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि वह याचिका पर नोटिस जारी नहीं कर रही है क्योंकि मामला गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है और 29 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है.

पीठ ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय और केजरीवाल अपनी शिकायतें उच्च न्यायालय के समक्ष उठा सकते हैं. शुरुआत में, केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने से गलत तरीके से इनकार कर दिया है. विश्वविद्यालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल ने तथ्यों को दबाया है.

गुजरात उच्च न्यायालय ने 11 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री पर टिप्पणी के संबंध में गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने के अनुरोध वाली आप नेता अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह की याचिका खारिज कर दी थी. इससे पहले गुजरात की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने केजरीवाल और सिंह को प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री के संबंध में उनके व्यंग्यात्मक और अपमानजनक बयानों पर मानहानि मामले में तलब किया था. मामले को 31 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.

बाद में आप के दोनों नेताओं ने मामले में मेट्रोपॉलिटन अदालत के समन को चुनौती देते हुए सत्र अदालत में एक समीक्षा याचिका दायर की. हालांकि, सत्र अदालत ने 7 अगस्त को मुकदमे पर अंतरिम रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय का रुख किया। सत्र अदालत में समीक्षा अर्जी पर अब 16 सितंबर को सुनवाई होगी. केवल केजरीवाल ने 11 अगस्त के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया.

पटेल द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, दोनों नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन और ट्विटर हैंडल पर मोदी की डिग्री को लेकर विश्वविद्यालय को निशाना बनाते हुए अपमानजनक बयान दिए. शिकायतकर्ता ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय को निशाना बनाने वाली उनकी टिप्पणियां अपमानजनक थीं और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची, जिसने जनता के बीच अपना एक रूतबा कायम किया है.

पटेल ने अपनी शिकायत में कहा, 'उनके बयान व्यंग्यात्मक थे और जानबूझकर विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए दिए गए थे.' 31 मार्च को, गुजरात उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के 2016 के आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय को केजरीवाल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया गया था. अदालत ने कहा था कि आप प्रमुख की आरटीआई याचिका राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रतीत होती है.

ये भी पढ़ें - Manipur Violence Case : SC ने CBI जांच वाले मामलों को असम स्थानांतरित किया, ऑनलाइन होगी सुनवाई

(इनपुट-एजेंसी)

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की डिग्री से जुड़े विवाद में गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका खारिज की. उच्च न्यायालय ने गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर मानहानि मामले पर रोक लगाने के अरविंद केजरीवाल के अनुरोध को खारिज कर दिया था.

आरटीआई अधिनियम के तहत मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने के मुख्य सूचना आयुक्त के आदेश को गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा रद्द करने के बाद गुजरात विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पीयूष पटेल ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी को लेकर मानहानि का मामला दायर किया था. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि वह याचिका पर नोटिस जारी नहीं कर रही है क्योंकि मामला गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है और 29 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है.

पीठ ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय और केजरीवाल अपनी शिकायतें उच्च न्यायालय के समक्ष उठा सकते हैं. शुरुआत में, केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि उच्च न्यायालय ने उनके खिलाफ मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने से गलत तरीके से इनकार कर दिया है. विश्वविद्यालय की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केजरीवाल ने तथ्यों को दबाया है.

गुजरात उच्च न्यायालय ने 11 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री पर टिप्पणी के संबंध में गुजरात विश्वविद्यालय द्वारा दायर आपराधिक मानहानि की कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगाने के अनुरोध वाली आप नेता अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह की याचिका खारिज कर दी थी. इससे पहले गुजरात की एक मेट्रोपॉलिटन अदालत ने केजरीवाल और सिंह को प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री के संबंध में उनके व्यंग्यात्मक और अपमानजनक बयानों पर मानहानि मामले में तलब किया था. मामले को 31 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.

बाद में आप के दोनों नेताओं ने मामले में मेट्रोपॉलिटन अदालत के समन को चुनौती देते हुए सत्र अदालत में एक समीक्षा याचिका दायर की. हालांकि, सत्र अदालत ने 7 अगस्त को मुकदमे पर अंतरिम रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद उन्होंने गुजरात उच्च न्यायालय का रुख किया। सत्र अदालत में समीक्षा अर्जी पर अब 16 सितंबर को सुनवाई होगी. केवल केजरीवाल ने 11 अगस्त के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया.

पटेल द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, दोनों नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन और ट्विटर हैंडल पर मोदी की डिग्री को लेकर विश्वविद्यालय को निशाना बनाते हुए अपमानजनक बयान दिए. शिकायतकर्ता ने कहा कि गुजरात विश्वविद्यालय को निशाना बनाने वाली उनकी टिप्पणियां अपमानजनक थीं और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची, जिसने जनता के बीच अपना एक रूतबा कायम किया है.

पटेल ने अपनी शिकायत में कहा, 'उनके बयान व्यंग्यात्मक थे और जानबूझकर विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने के लिए दिए गए थे.' 31 मार्च को, गुजरात उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के 2016 के आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें गुजरात विश्वविद्यालय को केजरीवाल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की डिग्री के बारे में जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया गया था. अदालत ने कहा था कि आप प्रमुख की आरटीआई याचिका राजनीतिक रूप से प्रेरित प्रतीत होती है.

ये भी पढ़ें - Manipur Violence Case : SC ने CBI जांच वाले मामलों को असम स्थानांतरित किया, ऑनलाइन होगी सुनवाई

(इनपुट-एजेंसी)

Last Updated : Aug 25, 2023, 6:15 PM IST
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